दोस्तों, इस वर्तमान समय की बात की जाये तो शिक्षा पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है । क्योंकि आज के समय में सभी के बहुत ही महत्वपूर्ण है । इसी क्रम में शिक्षा को गाँवों के क्षेत्रों में लोगों को शिक्षित करने के लिए उन पर जोर दिया जा रहा है।
कुछ वर्ष पहले देखा जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए शहर जाना पड़ता था । उस समय में लोगों की शिक्षा प्राप्त करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था । क्योंकि उस समय में लोगों को शहर आने जाने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हुआ करते थे।
हालाँकि इस वर्तमान समय पहले की अपेक्षा काफी विकास हुआ है । जिससे लोगों को दूर शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि अब ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्यालय तथा महाविद्यालय का निर्माण होना शुरू चूका है । गाँवों के लोगों को शहर आने में भी कोई दिक्कत नहीं होता है ,उसके लिए संसाधन की व्यवस्था भी हो गयी है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का महत्व
आजकल तो हर किसी को शिक्षा का महत्व के बारे पता है । क्योंकि अगर आपके पास अच्छी शिक्षा का ज्ञान है तो आप कोई ऐसा कार्य नहीं होगा जिसे वह कर नहीं सकते है । एक मनुष्य के जीवन में शिक्षा उसके जीवन का आधार माना गया है।
अगर हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के लिए अच्छी व्यवस्था होगी तो निश्चित ही हमारे देश को विकसित होने से कोई नहीं रोक सकता है । क्योंकि देश का विकास तभी संभव है जब देश सभी नागरिक शिक्षित हो।
इसी महत्व को समझते हुए सरकार ने हर गाँवों तक शिक्षा पहुंचाने के लिए वहाँ पर प्राथमिक तथा माध्यमिक स्तर के सरकारी स्कूल खोले । वहाँ पर ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की गयी जो गावो में बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित कर सके तथा साथ ही में उनके माता-पिता को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मना सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में आज देखा जाये तो बच्चे अच्छी पढाई करके उच्च स्तरीय काम कर रहे है । वह अपने गाव का नाम रोशन कर रहे है उनके कामयाबी को देखकर और भी बच्चों को पढ़ने में दिलचस्पी बढती है । इस तरह से ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है।
अगर हम गाँवों की शिक्षा को इसी तरह से आगे बढ़ने मदद करें तो हम भारत देश की साक्षरता की प्रति शत दर कम कर सकते है । और भारत देश के विकास दर की गति को बढ़ा सकते है । सरकार द्वारा शिक्षा को गाँवों तथा शहरों में भी काफी महत्व देने की जरूरत है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का दोष
गाँवों में सरकार द्वारा शिक्षा का व्यवस्था तो किया गया है, परन्तु उस पर सही तरीके से प्रभाव नहीं डाला जाता है । सरकार द्वारा जो शिक्षक नियुक्त किये जाते है वो बस इस समय अपना कोटा पूरा करने में समय निकल देते है।
कई जगह तो ऐसे समाचार भी देखने को मिलता है की शिक्षक महीनों दिन तक गायब रहते है और उनकी तनख्वाह बराबर मिलती रहती है । ऐसे में गाँवों के बच्चों को भविष्य सुधरने की जगह बिगड़ता ही जाता है । क्योंकि उनको सही राह तथा अच्छी शिक्षा देने वाला उनपर ध्यान ही नहीं देता है।
ये सब भी एक मुख्य कारण है जो की भारत देश में साक्षरता को हम जड़ ख़त्म कर पाए है । कुछ लोग तो बिना शिक्षा व उपाधि के बिना केवल घूसखोरी के दम पर शिक्षक की नियुक्ति कर ली जाती है । ऐसे शिक्षक से हम क्या ही अपेक्षा कर सकते है।
निष्कर्ष
हम सभी को मिलकर देश में शिक्षा को बढ़ाने में मदद करना चाहिए । हमें अपने ज्ञान को अधिकतर लोगों तक पहुँचाना चाहिए । कहा जाता है नहीं जितना तुम अपना ज्ञान बाटोगे उतना ही ज्ञान बढेगा।
सरकार को शिक्षा विभाग को सख्ती करनी चाहिए की शिक्षा को लेकर जो घोटाला हो रहा है। उस पर कड़े प्रतिबंध लगाना चाहिए । हम लोग को साथ मिलकर इस शिक्षा भ्रष्टाचार को ख़त्म करने में मदद करना चाहिए।