यदि मैं शिक्षक होता पर निबंध । Essay on If I were a Teacher in Hindi

यदि मैं शिक्षक होता या हुआ कभी तो सबसे पहले अध्यापक व छात्रों के बीच तालमेल को सही करूँगा । ताकि किसी भी बच्चे के मन किसी सवाल को लेकर कोई शंका हो, तो वो बिना किसी संकोच से पूछकर उसके बारे में अच्छे से समझ सके । हर विद्यार्थी के मन में सच्ची विद्या प्राप्त करने की लगन हो ।

तभी उस विद्यार्थी के मन में शिक्षा के प्रति दिलचस्पी पैदा होगा । एक ईमानदार शिक्षक बिना किसी भेदभाव के हर छात्र के अंदर विद्या प्राप्त करने के लिए उसके प्रति सच्ची लगन पैदा करता है । यदि मैं शिक्षक होता तो शिक्षा के प्रति बच्चों की उदासी को दूर करने की कोशिश करता ।

देश के अंदर सभी विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने पूर्ण अधिकार है । एक शिक्षक अपने विद्यार्थी को पूरी लगन के साथ पढ़ा लिखा कर इस काबिल बना देता है की वो आने वाले अपने भविष्य को उज्ज्वल बना सके । आज के समय में शिक्षा का महत्व बढ़ते जा रहा है । इसलिए हर व्यक्ति को शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक है ।

शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों में लगन पैदा करना

यदि मई शिक्षक होता तो सर्वप्रथम सभी छात्रों के अंदर विद्या के प्रति लगन पैदा करता । जिसके वजह से हर बच्चे को पढाई करने में कोई उदासी न दिखे । मैं सभी छात्रों को शिक्षा के प्रति नकारात्मक भाव को जड़ से खत्म कर देता । ताकि सभी बच्चों में पढाई के समय उत्साह व आनंदपूर्वक के साथ शिक्षा का मजा ले सके ।

शिक्षक द्वारा पढ़ाने का तरीका

हर शिक्षक को पढ़ाने का तरीका अलग – अलग होता है । यदि मैं शिक्षक होता तो अपने द्वारा शिक्षा को एक अलग ही स्तर पर ले जाकर विद्यार्थियों को समझाने का कार्य करता । क्योंकि हमारी शिक्षा तभी सफल होगी जब बच्चों को अच्छे से समझ आये ।

यदि हमारे द्वारा पढाये गये विषयों में छात्रों की शंका दूर नहीं हो रहा है उसको बोरिंग महसूस हो रहा है । तो हमें निश्चय ही अपने पढ़ाने का तरीका बदलना चाहिए । कभी – कभी बच्चों के हिसाब से हमें अपने पढ़ाने के तरीके को व्यवस्थित करना चाहिए ।

अगर हम किसी में पढ़ा रहे है तो वहाँ के माहौल को ऐसा बनना चाहिए की कोई भी विद्यार्थी बिना किसी भय या हिचकिचाहट के अपने सवाल का उचित समाधान प्राप्त कर सके । हमें एक जिम्मेदार शिक्षक होने के नाते सभी विद्यार्थियों पर नजर रखनी होगी ।

विद्यार्थियों के लिए सर्वाधिक विकास

मैं अपनी कक्षा के सभी विद्यार्थियों को एक परिवार की तरह रखता । उन सभी छात्र – छात्राओं को अपने छोटे भाई व बहन की तरह मानता । मैं सबसे ज्यादा अनुशासन पर ध्यान देता । जिससे सभी विद्यार्थी अपने घर व बाहर पर भी सभी बड़ो का सम्मान करते ।

अक्सर मैं कक्षा में पढ़ते समय उन सभी कमजोर छात्रों पर नजर रखता जिनका पढाई में बिलकुल मन नहीं लगता है । मैं अपने बुद्धि का इस्तेमाल करके उन कमजोर छात्रों की मदद करता ताकि उनका भी पढाई में रुचि बढे । जो भी प्रतिभाशाली छात्र है उनके लिए में अधिक मेहनत करता । जिससे उनको और आगे बढने में मदद मिल सके ।

यदि मैं शिक्षक होता तो सभी विद्यार्थियों को हँसी ख़ुशी के साथ अपना व्यवहार रखता । क्योंकि पढाई में किसी को भी कोई भी चीज का तनाव न हो । मैं अपने छात्रों को पढाई के साथ ऐतिहासिक कहानियाँ भी बताता और नामित स्थानों का सैर करता जिससे उनका सर्वाधिक गुणों का विकास हो ।

उनको पढाई के अलावा खेल कूद के बारे ने बताकर उसमें प्रतियोगिता लेने के लिए हमेशा प्रोत्साहित करता । उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए सही गलत का मार्गदर्शन कराता ।

मेरा आदर्श

यदि मैं शिक्षक होता तो अपने सभी विद्यार्थियों को सरल व विनम्र बनाता । सभी को रहन – सहन और वेशभूषा में एक ही मूलमंत्र होता की “सादा जीवन उच्च विचार” के साथ जीवन जीना । मैं अपने छात्रों को एक ही सीख देता की किसी भी प्रकार के प्रलोभन में न आना और पूरे ईमानदारी के साथ अपना कार्य करना ।

मैं हमेशा उनको विवेकानन्द व ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे ज्ञानी लोगों तथा वीर छत्रपति शिवा जी जैसे लोग के बारे में बताकर उन्हें प्रेरित करता की सभी महान लोग हमारे देश लिए बहुत कुछ किया ।

सभी विद्यार्थियों को एक जिम्मेदार नागरिक की भांति अपने कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता । ताकि आने वाले भविष्य में वो अपने देश प्रति जिम्मेदारी समझकर देश का नाम रोशन करें ।

गरीब विद्यार्थियों को शिक्षा

यदि मैं शिक्षक होता तो किसी भी तरह का पक्षपात या जातिवाद भेदभाव नहीं करता । सभी को एक सामान शिक्षा देता । अगर कोई गरीब बच्चा होता तो उसके स्थिति को समझकर उसे मैं निशुल्क शिक्षा प्रदान करता । मेरा ध्यान जरूरतमंद बच्चों पर भी पूरा फोकस रहता । उन्हें सभी की तरह उचित शिक्षा व अनुशासन का पाठ पढाता ।

निष्कर्ष

अगर मैं शिक्षक होता तो सभी विद्यार्थियों को सम्पूर्ण व्यक्तित्व वाला इंसान बनाने पर जोर देता । उन्हें अच्छाई व बुराई के बारे में अच्छे से समझाता ताकि वो अच्छी चीजो को समर्थन करता और गलत काम के खिलाफ आवाज़ उठाता । मैं हमेशा से सभी विद्यार्थियों का भविष्य सँवारने पर जोर देता ताकि वो अपने भविष्य में कुछ कर पाए ।

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