दूरदर्शन विज्ञान की दी हुई सबसे अमूल्य और ज्ञानवर्धक आविष्कार माना जाता है जो अंग्रेजी भाषा मे टेलीविज़न के नाम से घर-घर लोकप्रिय है। टेलीविज़न आज के युग का वह माध्यम है जिसके द्वारा लोगो को मनोरंजन में कोई कमी नहीं होती।
परन्तु हर चीज़ के दो पहलू होते हैं वैसे ही दूरदर्शन के लाभ और हानि दोनों है। पहले दूरदर्शन पर सीमित कार्यक्रम ही दिखाते थे परंतु आज यह मनोरंजन के अलावा ज्ञान का भी स्रोत बन गया है।
दूरदर्शन के फायदे
दूरदर्शन के द्वारा लोग अपनी दिन भर की थकान मिटाकर विभिन्न कार्यक्रम का आनंद लेते है। टेलीविज़न पर हर धर्म, भाषा और संस्कृति के कार्यक्रम उपलब्ध हैं जिससे लोगों का भरपूर मनोरंजन होता है।
भिन्न प्रकार के कार्यक्रमों को दिखाने वाले इस अद्धभुत डिब्बा की लोकप्रियता की बड़ी जगह इसकी सार्वभौमिकता और फ़िल्म को अपने में शामिल करना बन गया हैं।
इसके कार्यक्रमों की विविधता में शामिल है, समाचार, खेलों का प्रसारण और ज्ञानवर्धक कार्यक्रम, सिनमा आदि। पहले के समय मे इन सब का स्रोत रेडियो हुआ करता था। परन्तु अब यह सब अकल्पनीय लगता है कि हम अपने कमरे में बैठे-बैठे दुनिया भर के बारे में जान पाते हैं।
दूरदर्शन के भिन्न कार्यक्रम
दूरदर्शन पर प्रस्तुत किये जाने वाले रियलिटी शोज की बात करें तो इसमें नए प्रतिभाओं को अवसर दिया जाता है। इससे लोगो को सिंगिंग व डांसिंग जैसे क्षेत्र में अपनी कौशल दिखाने का मौका मिलता है जिससे वे काफ लोकप्रिय हो जाते है। इससे उनके अच्छे करियर का सम्भावना बढ़ जाती है।
जैसा व्यवहार हमें हमारे माता पिता देते हैं उन्हीं को मानते हुए और अपनी जिम्मेदारियों समझते हुए दूरदर्शन के लाभों से परिचित हो सकते हैं।
यदी शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रमों का प्रसारण हो तो यह विद्यर्थियों के लिए बहुत सहायक हो सकता है। यदी हम इस अनोखे यन्त्र के फायदे की बात करें तो यह हमारी सभ्यता, रिवाजों और आदर्शों को अगली पीढ़ी तक पहुचाने में भी बहुत लाभकारी सिद्ध हुआ है।
दूरदर्शन पर प्रस्तुत होने वाले ऐसे कई चैनल है जो ऐतिहासिक और भौगौलिक रूप से लोगों को जागृत करते है। टेलीविज़न में अब कई चैनल आ गए है जो विद्यार्थियों को उनके विषय संबंधित जानकारी देते है बड़ों के साथ-साथ विद्यर्थियों को भी ज्ञान की झलक दिखाता है जिसे देख कर वे आसानी से समझ पाएं। इस पर दुनिया भर की खबर और खेलो के ऊपर चैनल मौजूद है।
दूरदर्शन के नुकसान
दूरदर्शन का बच्चो पर आजकल बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे कई घंटो तक टीवी देखते है। लगातार टीवी देखने से बच्चो के मस्तिष्क पर गलत असर पड़ता है। वह जिद्दी बन जाते है और टीवी देखने की अतिरिक्त लत लग जाती है। वह बड़ो की बात नहीं सुनते है और कुछ बच्चो के परीक्षा में कम अंक आते है।
हमारे देश में विनम्रता और मर्यादा की अहमियत ज़्यादा रही है। टीवी पर कुछ गलत चीज़ों को दिखाए जाने पर समाज भी गलत दिशा में जा रहा है। इसलिए टीवी निर्माताओं को सोच समझकर ऐसे कार्यक्रम दिखाने चाहिए जिससे हमारे सभ्यता और संस्कृति पर गलत प्रभाव ना पड़े।
निष्कर्ष
अंततः टेलीविजन विज्ञान का सबसे अनोखा व लोकप्रिय अविष्कार हैं जो लोगों को लाभ के साथ-साथ नुकसान भी दे सकते हैं। यह लोगों के इस्तेमाल पर निर्भर करता है कि वे उसे किस तरह, कितना और क्यों देखते हैं।
दूरदर्शन पर ऐसे कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये जाते है जिसे परिवार के सब लोग बैठकर नहीं देख सकते है। वहीं टेलीविज़न पर कुछ दिखाए गए जानकारी वरदान से कम भी नहीं।