प्लास्टिक को अगर देखा जाये तो पर्यावरण प्रदुषण का एक महत्वपूर्ण रोल है l अगर देखा जाये तो जो प्लास्टिक हम प्रयोग करते है वो ना तो सड़ता है और ना ही गलता यह गैर-बायोडिग्रेडेबल होता है l इस तरह ये प्लास्टिक की थैलियाँ कई वर्षो तक पड़ी रहती है और वहा के वातावरण को प्रदूषित करती है l इसी कारण सरकार और भी कई संस्थाए इस पर प्रतिबंध लगाने की मागं करते है l एक दिन ये अनावश्यक प्रयोग करने वाली प्लास्टिक की थैली पुरे पृथ्वी के ग्रह को बर्बाद देगी l
इससे बचने के लिए कई देशो ने प्लास्टिक पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है, और प्लास्टिक के जगह उपयोग के लिए बायोडिग्रेडेबल और कागज से बनी थैली प्रयोग में लाया जा रहा है l वर्तमान समय में प्लास्टिक के थैली पर प्रतिबंध पूरी तरह से लगाया जाना चाहिए या नही, ये सवाल बार – बार लोगो के मन में आता है क्योकि वर्तमान समय में लोग प्लास्टिक से होने वाले नुकसान के बारे में जानकर जागरूक हो गये है l
इससे हमारे भविष्य से जुड़े पीढियों के बारे में सोचकर यह सवाल उठता है की हमारी आने वाली पीढ़ी कितनी सुरक्षित है इस पर्यवारण के प्रदूषण से l पहली बार प्लास्टिक को 1909 के समय कोयले के टार से बनाया गया था l
प्लास्टिक के बैग से होने वाले समस्या
प्लास्टिक की थैलियो से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार से है, जो निचे दिए गये है –
गैर – बायोडिग्रेडेबल थैली
हमारे बीच कुछ ऐसे प्लास्टिक की थैली का प्रयोग किया जाता है जो सड़ता – गलता नही है l उसको केवल जलाया जा सकता है, परन्तु जलाने से उसमे से कई तरह के विषैली गैस निकलती जो वातावरण को प्रदूषित करता है l हालाँकि इस समय बाजार में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के बैग उपलब्ध है जिसे हम प्रयोग करके पर्यावरण को नुकसान होने से बचा सकते है l
पर्यावरण की शुद्धता में कमी
आजकल पर्यावरण में विषैली गैस की मात्रा ज्यादा देखने को मिलता है जिससे वहा का वातावरण अशुद्ध रहता है और पर्यावरण की शुद्धता में कमी आती है l ये सब प्लास्टिक के होने वाले सभी हानिकारक पदार्थ भूमि को प्रदूषित करता है साथ ही साथ जल में भी प्लास्टिक का मात्रा ज्यादे होने से जल को भी प्रदूषित करता है l
पृथ्वी पर रह रहे सभी जीव –जन्तुओ के हानिकारक
पानी में और धरती पर रहने वाले सभी जीवो के लिए यह चिंता का विषय है की कैसे इस प्रदूषण से बचा जाये या कम किया जाये l जैसे की कई जानवर जो इधर – उधर घ्मुते रहते है और जमीन पड़ी खाद्य पदार्थ से चिपका हुआ प्लास्टिक का भी सेवन कर लेते है जो उनके पाचन के लिए नुकसान होता है l ऐसे समुद्र रह रहे जीव भी इसी तरह का शिकार हो जाते है और आखिर में उनकी मृत्यु हो जाती है l जो यह एक प्लास्टिक से होने वाले नुकसान प्रमुख कारण रहा है l
मनुष्यों के लिए हानिकारक
कचरे में पड़े प्लास्टिक के ढेर से बहुत खतरनाक रासायनिक गैस निकलते है जो मनुष्य के सेहत लिए काफी नुकसानदायक है l इससे कई लोगो की मौत हो जाती है l इससे कई तरह के रोग उत्पन्न होते है जिसके चपेट में मनुष्य बड़ी आसानी से आ जाते है l
एक तरह से कहे तो लोगो अपने घर से उपयोग किये हुए कचरे के साथ प्लास्टिक की थैली को घर के सामने नाले में डाल दते है l जिससे वह विषैली गैस का रूप धारण कर लेता और कोई भी मनुष्य उसके साफ सफाई के लिए जाता है तो उसकी चपेट में आ जाता है और उनकी मृत्यु हो जाता है l
सीवेज का बंद होना
अक्सर नाले और सीवरों पड़े अपशिष्ट प्लास्टिक का थैली की वजह से सीवेज का छिद्र बंद हो जाता है और बारिश के समय ज्यादे बारिश होने से बाढ़ जैसे संकट पैदा होने लगते है l जिससे लोगो का जन-जीवन प्रभावित होता है l
प्लास्टिक के थैली पर प्रतिबंध लगाने के मुख्य कारण
प्लास्टिक को वैन करने के मुख्य कारण है भूमि और पानी में रह रहे सभी जीव के लिए परेशानी का सामना करना l इसके लिए सरकार कई सख्त फैसले लेती है जिससे सभी इससे मुक्त कराया जा सके l
- मुख्य कारण ये है की ये सभी अपशिष्ट प्लास्टिक थैली भूमि और पानी को ज्यादे प्रदूषित होते हुए देखा जा रहा है l
- ये गैर- बायोडिग्रेडेबल बैग धरती और पानी में रह रहे सभी जंगली जानवर के जिन्दगी लिए मुसीबत बन गया है l
- कुछ रासायनिक थैली को लोग उसके साथ ही जमीन पर या पानी में डाल देते है, जिससे धरती की उर्वरक शक्ति कमजोर होती है और जानवरों पर भी इसका असर दिखता है l
- ये प्लास्टिक के थैली हमारे या पूरा मानव स्वास्थ पर भी बुरा प्रभाव डालता है l
- प्लास्टिक की थैली को मिटटी में दबे और पानी के अंदर से निकालना एक मुश्किल चुनौती है l
- प्लास्टिक की थैली गैर – बायोडिग्रेडेबल होता है जिसके वजह से आंधी, तूफान और बारिश को आसानी से सहन कर लेता है l इन्ही सब के माध्यम से प्लास्टिक बैग एक स्थान से दुसरे स्थान तक आसानी से चला जाता है फिर वहा किसी चीज से फंसकर वहाँ के वातावरण नुकसान पहुँचाता है l
- ऐसा कहा जाता है की प्लास्टिक की थैली की वजह एस्ट्रोजन नामक हार्मोन प्रभावित करता है जो स्वास्थ के लिए बहुत ही हानिकारक है l
- प्लास्टिक की बैग को पुनर्चक्रण करना संभव नही है, क्योकि पुनर्चक्रण करने की प्रकिया दर केवल 5 % है इसलिए यह धीमा काम है l
प्रतिबंध के लिए लोगो का सहयोग
अगर हमें प्लास्टिक के बैग से होने वाले आपदा से बचना है तो हमें सरकार के द्वारा लगाये प्रतिबंध को सफल बनाना होगा है l तभी हमारा जीवन शुद्ध वातावरण में जीने के लायक होगा और जानवरों को मरने से बचाया जा सकता है l
वैसे देखा जाये भारत देश में कई राज्यों द्वारा प्लास्टिक थैली पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया l परन्तु लोग अभी भी पहले के जैसे प्लास्टिक की थैली लेकर चलने की आदत है l राज्य सरकार द्वारा ज्यादे दिन तक प्रतिबंध नही लगा है क्योकि दुकान में प्लास्टिक की थैली कुछ समय तक नही मिलता है फिर बाद में मिलने लगता है l
हमें इस समय खतरनाक फ़ैल रही बिमारी और मर रहे जानवर प्लास्टिक थैली के प्रयोग से जो गैर – बायोडिग्रेडेबल है, हमें इस सब से बचना है l हमे इस प्रतिबंध को पूरी सक्कती निपटना और सहयोग करना होगा, खासकरके शिक्षित वर्ग के लोग इस अभियान को सफल बनाने में करे l क्योकि हम एक जिम्मेदार नागरिक तरह सरकार के इस प्रतिबंध को समर्थन करना होगा l
लोगो द्वारा कैसे योगदान दिया जा सकता है ?
कुछ जिम्मेदार नागरिक इस अभियान में कई तरह से सहयोग करते है जो इस प्रकार दिया जा सकता है –
- हम अपने घर के बाहर टैब रखना चाहिए और रोजाना जो घर के जो कूड़े – करकट हो उसको उस कूड़ेदान में डालना चाहिए ना की उस कचरे को किसी प्लास्टिक थैली में रखे l
- दुसरे तरह से कहे तो हमें बायोडिग्रेडेबल थैली का प्रयोग में लाना चाहिए l
- घर से बाजार जाते समय कपड़े का छोला को लेकर जाना चाहिए ताकि हमें दुकान से प्लास्टिक प्रयोग होने से बचा जा सके l
- अगर हमारे पास पहले से प्लास्टिक का बैग है तो हमें उसे पुनः या बार – बार उसी का उपयोग करना चाहिए ताकि दुसरे थैली के प्रयोग से बचा जा सके l
- सभी हमें अनुरोध करके इस होने वाले हानिकारक कारको को बता कर जागरूकता फ़ैलाने की कोशिश करे l
निष्कर्ष
हमें खुद से प्लास्टिक की थैलियो के उपयोग से बचना चाहिए l प्लास्टिक के प्रयोग से बचना चाहिए ताकि हम खतरनाक बीमारियों से बच सके और जानवरों को भी प्लास्टिक की बैग से होने वाले नुकसान से बचाया जा सके l
हमें दुसरे लोगो में भी ये भावना बता कर प्लास्टिक के उपयोग बचा सकते है, ताकि दुसरे लोग भी सुरक्षित महसूस कर सके l