प्रकृति एक मां की भांति हमारे रहन-सहन व स्वस्थ ता पर ध्यान देती है।
कई करोड़ों से बसे इस ग्रह ने मानवता को ज़िन्दगी दी है फ़िर चाहे फूल-नदियां, झड़ने, पेड़ व पौधे हो। हमेशा दूसरों को एक मां की तरह देने वाली, खिलानी वाली यह अन्नपूर्णा माता है जो हमेशा दूसरे के हित के बारे में सोचने की प्रेरणा देती है।
यह धरती हमें सदैव परोपकारी बन कर जीने की सिख देती है। यह वरदानी धरती का अस्तित्व कई वर्षों पुराना है क्योंकि यही पर ज़िन्दगी का वास होता है मनुष्य, पेड़ व जीव-जंतु की मौजूदगी में।
पृथ्वी–एक वरदान
इस मिट्टी पे रहने वाले हर जीव व प्राणी सबसे सुंदर और अनमोल है जो किसी चमत्कार से कम नही है जो एक अच्छे सेहत के साथ-साथ सही प्राकृतिक सन्तुलन भी बनाये रखती है।
प्रकृति इतनी गुणकारी और शक्तिशाली होती है जो मनुष्य के पूरे तन और मन से हर प्रकार की बीमारियों को दूर कर देता है।
धरती के हरे-भरे रहने के सन्तुलन से मन पे किसी प्रकार का तनाव नही रहता बल्कि कम हो जाता है और दिमाग को और तन्दरुस्त व ताजा बनाता है। प्रकृति की इस विशाल दुनिया मैं सबकी भूमिका बराबर की है चाहे वो इंसान हो या जानवर।
पृथ्वी से जीवन संभव
कारण पृथ्वी में यदि कोई पशु-पक्षी ना हो तो जीवन का अस्तित्व असंभव है। यही वजहों से दुनिया के कई हिस्सों में वन्य को काफी सरक्षण प्रदान किये गए हैं ताकि वहाँ जीव जंतु सुरक्षित रह पाए। इसके अलावा कई देशों में जीव जंतुओं की सुरक्षा हेतु सरकारी संस्थाएं भी बनाई गई है जो उस देश में रहने वाले पशुओं को सरक्षण देते हैं।
हर तरह के पर्यावरण द्वारा प्रदूषित वस्तु को रोकने के लिए ठोस कदम हम सबको लेने होंगे। लोग अपने मतलब के कार्य के लिए प्रकृति के संतुलन को बना पाने में असफल साबित हुए हैं।
पर हमें इसे किसी भी स्वार्थ के लिए बिगाड़ना नहीं चाहिए क्योंकि फिर यही लोगों के अंत का सबसे बड़ा विषय साबित होगा। हमें भगवान की इस अदभुत देन का सम्मान करना होगा और इसके इस्तेमाल पर नियम निर्धारित करना होगा।
मनुष्य का कर्तव्य
पृथ्वी के हर एक इंसान को यह ध्यान देना चाहिए कि वे इसके संतुलन को बिगाड़े बिना इसे और सुंदर बनाने का प्रयत्न करना चाहिए। पर्यावरण व प्रकृति के विनाश पर विराम लगाने के लिए हमें इसकी अच्छे से देखभाल करनी होगी।
हमारी यह धरती ऊपर वाले की दी हुई एक खूबसूरत उपहार है। धरती इतनी सुंदर है कि इसमें ऐसे ही कई महत्वपूर्ण शामिल है।
हमारे भगवान ने हमें स्वस्थ वातावरण में साँस लेने के लिए यह पूरा संसार बनाया है। हमारे सही से ज़िन्दगी जीने के लिए इस बात की तरफ ध्यान देना होगा कि सभी चीजें प्रकृति की दी हुई सबसे खूबसूरत भेंट हैं जिन्हें हमें खराब व किसी भी तरह का हानि नही पहुंचा सकते।
निष्कर्ष
हमें इस हरी-भरी धरती की मौलिकता को बर्बाद होने से बचाना होगा और इस प्रकृतिक तंत्र के चक्र को पूरी तरह सन्तुलित भी रखना होगा।
ये धरती हमें ज़िन्दगी जीने और ख़ुशी प्रदान करने के लिए एक खूबसूरत माहौल प्रदान करती है तभी इसे पूरी तरह स्वस्थय रखने का हम सब का कर्तव्य पूरा होगा।
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