आजकल पुस्तक लोगों के जीवन में कितना महत्व रखती है । लोगों के इस बात से समझ सकते है को जिस मनुष्य के पास शिक्षा नहीं होती है वो मनुष्य पशु तुल्य माना जाता है । एक शिक्षा से ही मनुष्य के आन्तरिक गुणों का विकास होता है।
लोगों के शिक्षा ही उनको सभ्य व सूसंस्कृत बनाता है । पुस्तक द्वारा प्राप्त शिक्षा तथा ज्ञान हमें अपने विकास में प्रचार व प्रसार करने में मदद करती है।
कहा जाता है की एक मनुष्य को जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है । उसी तरह से मनुष्य के मस्तिष्क का विकास के लिए पुस्तक द्वारा शिक्षा का अध्ययन भी बहुत जरूरी होता है।
हम पुस्तक के द्वारा अपने चरित्र को अच्छे से निर्माण तथा अपने जीवन को सर्वश्रेष्ठ बना सकते है । अगर कोई बिलकुल पढ़ा लिखा नहीं है तो अगर उसको किताब या पुस्तक दे तो उसमें लिखा हुआ शब्द उसे काला अक्षर भँस बराबर लगता है।
इसलिए हमें पुस्तकालय का लाभ अपने जीवन में अच्छे से उठाना चाहिए । पुस्तकालय में हमें बहुत प्रकार के किताबें रखी हुई मिलती है जिसका हम अपने जीवन में उनका अच्छे से लाभ उठा सकते है।
पुस्तकालय का महत्व
एक मनुष्य के जीवन में पुस्तकें सबसे अच्छी दोस्त मानी जाती है । क्योंकि पुस्तकें एक व्यक्ति के जीवन में हर मुश्किल घड़ी में उनका साथ देती है । किताबों से जो हमें लाभ मिलता है उसे पूरे जीवन में अच्छे से समय – समय पर ज्ञान के द्वारा उपयोग में ला सकते है।
एक किताब ही है जो हमारे मुश्किल सवालों का जवाब दे सकता है । मनुष्य द्वारा किताब पढ़ने से उसकी सोचने, समझने में काफी प्रसार होता है । कई लोग तो पुस्तक पढ़ने में बहुत ही दिलचस्पी होती है । जिसके वजह से वो अपने पास बहुत सारी किताबों संग्रहित करके रखते है।
पुस्तकालय का महत्व स्कूलों, कालेजों, विश्वविद्यालयों में काफी महत्व होता है । जिसके द्वारा छात्र अपने सवाल को समझने में बड़ी मदद मिलती है।
पुस्तकालय के भाग
दोस्तों, पुस्तकालय में देखा जाये तो सामान्यतः 2 भाग होता है । पहला भाग जो होता है वो किताबों को जारी करने का काम करता है । तथा दूसरा जो होता है वो पढ़ने का कक्ष प्रदान करता है।
किताबें जारी करने वाला भाग
ये जो भाग होता है वो सबसे पहले आता है । जो किसी भी छात्र व व्यक्ति के द्वारा प्रमाण प्रूफ के आधार पर पुस्तकालय द्वारा किताबें आवंटित करता है । यह एक तरह से पुस्तकालय में रखी पुस्तकों की सुरक्षा के लिए होता है।
ताकि कोई व्यक्ति पुस्तकें चुराकर बाहर मत ले जाये । इसके लिए पुस्तकालय में आने जाने वाले सभी लोगों को जारी की गयी किताबों का रिकार्ड रखा जाता है । पुस्तकालय के बंद होने से पहले सभी किताबों का हिसाब किया जाता है। की कोई पुस्तक कम तो नही है किसी का पेज तो नही फटा है।
पढ़े जाने वाला भाग
यह भाग पुस्तकें पढ़ने के लिए होता है । इस सेक्शन में व्यक्ति तभी पहुँचता है जब वो पहले वाला भाग को पूरा कर चूका हो । वो व्यक्ति अपने मन पसंद किताबें लेकर उस कक्ष में शांति भाव से पढ़ सकता है । इस भाग में कई तरह के किताबें रखी मिलती है । जिस व्यक्ति को जिसमें रुचि रहती है वो पुस्तक लेकर पढ़ सकता है । साथ ही में अख़बार, मैगजीन भी रखा रहता है।
पुस्तकालय दो प्रकार के होते है । एक पब्लिक पुस्तकालय तथा दूसरा निजी पुस्तकालय होता है।
निष्कर्ष
हमें पुस्तक को हमेशा अपना साथी बना कर ही रखना चाहिए । क्योंकि किताबें ही हमें अच्छे ज्ञान, आचरण तथा सभ्यता को प्रदान करने में मदद करता है ।
किताब हमें संसार के सही गलत का पहचान करता है । क्योंकि हमारे पास ज्ञान होता है तो किसी भी चीज को सही व गलत के रूप में प्रदर्शित कर सकते है । अच्छा ज्ञान हमें अच्छी पुस्तक से ही मिलता है।
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