यदि मैं शिक्षामंत्री होता पर निबंध । If I was Education Minister Essay

दोस्तों शिक्षा मंत्री का पद एक संवैधानिक पद होता है, जिसकी अनगिनत जिम्मेदारिया होती है l जैसे की शिक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण फैसले और सभी गतिविधियों पर हमेशा नजर बनाये हुए रखना पड़ता है l शिक्षा मंत्री हमेशा से अपने देश के सभी राज्यों में अच्छी शिक्षा को लेकर तत्पर रहते है ताकि समय के साथ वो सभी बच्चो को नई व टेक्नोलॉजी की तकनीक को सिखाया जा सके ।

अगर मुझे ये शिक्षा मंत्री का पद मिलता है तो मै शिक्षा को नई शिक्षा निति के तहत बदलाव लाने की कोशिश करता । नई शिक्षा नीति के द्वारा बच्चो के भविष्य के लिए अच्छा व कारगर साबित होता । मै अपने शिक्षा मंत्री का पद की सारी अधिकार व जिम्मेदारियो ओ अच्छे से निभाता ।

यदि मुझे शिक्षा मंत्री का पद मिलता तो मेरे लिए सौभाग्य व गर्व की बात होती । इस संवैधानिक पद पर एक सफल राजनेता के रूप में अपना कार्यभाल को अच्छे से संभालता ।

शिक्षा मंत्री के पद पर रहते हुए शिक्षा में विद्यार्थियों के भलाई के लिए ऐसा काम करता की सभी देशवासियों को मुझे पर गर्व होता है । शिक्षा मंत्री बनकर देश की मै उचित सेवा करने का मौका मिलता, जिसमे जिसमे में अपना भरपूर योगदान देता जिससे बच्चो की भविष्य सुनहरा हो सके ।

उचित माध्यम के साथ किताब का भार कम करने की कोशिश

अगर मै एक शिक्षा मंत्री होता तो सबसे पहले किताबो के भार कम करने के साथ उचित शिक्षा की व्यवस्था करने की भरपूर कोशिश करूँगा । और मै खास करके सभी पाठ्यक्रम के पुस्तको को उनके मातृभाषा में ही तैयार करता, जिससे हर राज्य के बच्चो को समझने में कोई दिक्कत न हो ।

मै सभी विद्वानों के द्वारा जैसे विज्ञान, चिकित्सा, इंजिनियरिंग की पुस्तको को मातृभाषा में तैयार करके उनको दसूरे भाषाओ में भी प्रकशित कर पुस्तक वितरित करता । इसके सभी के साथ ही अपने राष्ट्रभाषा हिंदी तथा अन्तर्राष्ट्रीय भाषाओ में भी अंग्रेजी को उचित जगह देता ।

विद्यार्थियों के बस्ते का भार इसलिए कम करता की मै जगह देखा हु की छोटे – छोटे बच्चे भारी बैग लेकर दूर स्कूल तक सफर करते है जिससे वह थक जाते और पढाई अच्छे नही कर पाते है या कोई भी चीज कक्षा में पढाया जाता है तो अच्छे से समझ नही पाते है । अर्थात मै शिक्षा मंत्री हुआ तो सबसे पहले इसको ही सुधार करने की कोशिश रहेगी ।

शिक्षा प्रणाली में सुधार

आजकल के शिक्षा की प्रणाली में बदलाव बहुत जरुरी है क्योकि बच्चो को रटने को आदत बढती जा रही है । मै इस रटने की पद्धति को को रोककर मुख्यरूप से व्यवहारिक व समझने की शक्ति पर जोर देने की कोशिश करता ।

बच्चो व छात्रो को हर उस तथ्यों को जो प्रैक्टिकल के द्वारा समझाया जा सकता है उसको मै और बढ़ावा देने की कोशिश करता ।

अगर मै शिक्षा मंत्री होता हो तो मै विद्यालयों व पाठशालाओ में ऐसे विषय को चुनाव करके रखवाता जो ज्ञानवर्धक, रोचक व राष्ट्रीय भावना से जुड़े विकास के बारे विकसित करने वाला हो । जिससे सभी विद्यार्थी को भारतीय संस्कृति व सभ्यता के बारे में सही तरीके से सीख मिल सके ।

यदि मै शिक्षा मंत्री के पद पर होता तो सबसे ज्यादा व्यवसायिक शिक्षा का बढ़ावा देता क्योकि हमारे भारत देश के युवा, नौजवान पढ़ लिखकर अपने खुद के पैरो पर खड़ा हो सके उनको बेरोजगारो की लाइन में लगने की जरुरत न पड़े ।

सस्ती व उपयोगी शिक्षा

आज अगर मै शिक्षा मंत्री के पद पर होता तो सबसे पहले उच्च शिक्षा को कम पैसे में देने का कोशिश करता । ताकि गरीब घर के बच्चे को भी अच्छी शिक्षा का अवसर प्रदान हो सके ।

आजकल ऐसा देखने को मिलता है की अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता जिससे माध्यम वर्ग के लोगो के बच्चे न चाहते ही भी इससे वंचित रह जाते है । मै इस तरह के सभी निजी शिक्षण संस्थानों व ट्यूशन के बजाय में सरकारी स्कूलों को बढ़ावा देने पर जोर करता ।

सभी गरीब प्रतिभाशाली छात्रो के लिए छात्रवृति का व्यवस्था पहले करता जिससे उनके आगे शिक्षा प्राप्त करने में सुलभ हो सके ।

विद्यार्थियों के लिए विकास

शिक्षा मंत्री के पद पर होते हुए मै विद्यार्थीयों के सम्पूर्ण विकास के अपना कर्तव्य का पूरी लगन से पालन करता । सभी स्कूलों व संस्थानों में समय की पाबंदी के साथ अनुशासन में रहने के लिए अनुग्रह करता । सभी छुट्टियो के दिन खेल कूद, वृक्षारोपण व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए अनिवार्य कर देता ।

बच्चो को पढाई के साथ- साथ अन्य चीज भी उपलब्ध करता जो विद्यार्थी के विकास के लिए जरुरी होता । गावों के सरकारी स्कूल में पढ़ रहे सभी गरीब बच्चो के लिए वितीय सहायता के रूप में उनके लिए छात्रवृति का सहयोग करता ।

निष्कर्ष

अगर मै शिक्षा मंत्री होता तो सभी के लिए विद्या को समान ही रखता बिना किसी जाति-पाति, उच्च-नीच से हटकर, जिससे सभी के जीवन में सम्पूर्ण पढाई का उपयोग कर सके ।

शिक्षा मंत्री के पद रहते हुए ऐसी नई शिक्षा की तकनीक की व्यवस्था लागु करता जिससे हमारे देश युवा आगे का भविष्य खुद ही निर्धारित कर सके ।

हमें देश की युवा को इतना बेहतर बनाना है की वो सिर्फ नौकरी के भरोसे ही नही बल्कि खुद का व्यवसाय कर सके ऐसी काबिलियत उनके अंदर होनी चाहिए ।

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