साहित्य का अध्ययन इसलिए जरूरी है क्योंकि साहित्य समाज का दर्पण होता है । जो लोगों की वास्तविकता को दर्शाता है । देखा जाये तो समय – समय पर साहित्यकारों द्वारा समाज में हो रही कुरीतियों को साहित्य के द्वारा समाज के सामने रखा है।
लेकिन साहित्य जो लोगों की संवेदना जागृति करने का कार्य करता है । जो की साहित्य के जरिये ही समाज के लोगों तक पहुँचता है । हम आज उन प्राचीन व आधुनिक काल की कहानियाँ, महाकाव्य, पवित्र ग्रन्थ जैसे ऐतिहासिक जानकारी साहित्य द्वारा प्राप्त कर पाते है।
कई लोग साहित्य के द्वारा ही अपनी कलाओ को लेखन के द्वारा उसको प्रदर्शित करते है । आज तक कुछ ऐसे महान व्यक्तित्व वाले लोग है जो केवल अपने कला के लिए जीते और मरते है, वे अपने विचार को साहित्य के सहायता से कई शैलियों में छोड़ जाते है जैसे कविता, उपन्यास, कहानी, निबंध में सजीव कर पाते है।
साहित्य का प्रभाव
एक साहित्य ही है जो हर क्षेत्र में अपना प्रभाव डालता है । जैसे की वो कई भाषाओं हिंदी, संस्कृत, तेलुगु, अंग्रेजी, अफ्रीकन साहित्य की परिभाषाओं में देखने को मिलता है । सभी साहित्य अपने क्षेत्रों में भावनाओं को अपनी रचना के रूप में प्रस्तुत किया जाता है । ये सभी साहित्य की शोभा को बढ़ाने में मदद करता है।
हर समाज में साहित्य का बहुत ही प्रभाव होता है, जो हम साहित्य के जरिये उस ज्ञान को समेटा जा सकता है । हम साहित्य को किताबों द्वारा उनका पुन अध्ययन कर जानकारी प्राप्त कर सकते है।
डॉ. राजेश्वर गुरु ने साहित्य के बारे में बताया है की, साहित्य, समाज व विकास के उद्देश्य से जीवन की आलोचना करते हुए यथार्थ और आदर्श से समन्वित चित्रण द्वारा, धर्म और नीति के लक्ष्यों को भय या प्रलोभन व तर्क द्वारा या उपदेश के बजाय, सौन्दर्य प्रेम और मानसिक अवस्थाओं द्वारा व्यक्त किया जाता है”।
इसका अर्थ है की साहित्य का जीवन का जो नींव है । वह हर तरह के क्षेत्रों से जुड़े सभी ज्ञान को एक जगह शब्दों द्वारा समेटा जाता है और ये ही शब्द हमेशा के लिए साहित्य के रूप में समाज के बीच जीवित रहता है । साहित्य लोगों के दूसरों के नजरिये के माध्यम से देखने के लिए सक्षम बनाता है।
कभी – कभी निर्जीव वस्तुओं को भी हम साहित्य के द्वारा एक सकारात्मक भाव से देखते है । इसलिए यह एक दुनिया को दिखाने के लिए दर्पण बन जाता है । जैसे की अन्य लोग जिस नजरिये से देखते है । यह एक ऐसी यात्रा है जो पृष्ठों में प्रदर्शित है और पाठक की कल्पना से संचालित है।
साहित्य का महत्व
साहित्य एक व्यक्ति के जीवन में एक चिंतनशील सिद्ध होता है हालाँकि इसका उपयोग करने वाले के लिए अच्छे निर्णय का पालन करने व अभ्यास करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण मार्गदर्शक सिद्ध होता है।
आज के समय में देखा जाये तो साहित्य ने अनगिनत पुस्तकालयों तथा कई लोगों के मन में मानवता का भाव और आसपास हो रहे कृति के द्वारा दुनिया की समझ के साथ जिज्ञासा के रूप में विस्तृत किया गया है।
साहित्य का हमारे जीवन में काफी महत्व है, जो समाज में इसका अध्ययन बहुत जरूरी है । क्योंकि यह मानवीय रिश्तों को जोड़ने के लिए क्षमता प्रदान करता है । इस साहित्य की मदद से समाज में रह रहे लोगों को सही व गलत को सीख देता है । इसी वजह से लोगों द्वारा इसे समाज का दर्पण कहा जाता है।
साहित्य का एक खास बात होता है, की ये जिस युग में लिखा जाता है वो उसी समय के वातावरण व समाज के माहौल का चित्रण करता है । जो भी साहित्य का अध्ययन करता है उसे हर तरीके की शैली को समझ पाते है।
निष्कर्ष
एक तरह से कहा जाये की हर व्यक्ति के जीवन में साहित्य का अध्ययन जरूरी है । तो ये किसी भी तरह से गलत नहीं हो सकता है । क्योंकि एक साहित्य ही है जो एक मनुष्य को सही गलत के परिभाषा के साथ बीते हुए ऐतिहासिक घटना तथा आधुनिक जीवन में हो रहे गतिविधियों को आसानी से समझा सकता है।
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