साक्षरता आवश्यक क्यों है । अर्थ । साक्षरता का महत्व । अनिवार्य । Why Literacy is Important

साक्षरता का महत्व

दोस्तों, देखा जाये तो साक्षरता मानव विकास के बहुत ही बड़ा महत्व रखता है। साक्षरता का मतलब होता है की पढ़- लिख कर योग्य बनना। आज के समय में साक्षरता की बड़ी जरूरतों में से एक है। इस चीज का सामाजिक एवं आर्थिक विकास से गहरा संबंध है।

दुनिया निरक्षरता को समाप्त करने के लिए 17 नवम्बर 1965 के दिन ये फैसला किया की 8 सितम्बर के दिन पूरे विश्व में साक्षरता दिवस मनाने का निर्णय लिया। इसलिए 8 सितम्बर के दिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साक्षरता दिवस को मनाया जाता है।

इस वर्तमान युग में शिक्षा की बहुत ही महत्व है। शिक्षा हर मनुष्य के जीवन का एक आवश्यक अंग होता है । जब किसी देश के प्रत्येक नागरिक साक्षर हो जायेगा तो वह निश्चित ही उस देश की तरक्की होगी । लोगों के अंदर जब ज्ञान का प्रकाश पड़ता है तो उसके अंदर से अँधेरे को बाहर निकाल कर उसके भविष्य को उज्ज्वल बनाता है।

वैसे देखा जाये तो साक्षरता और शिक्षा में अंतर होता है, क्योंकि साक्षरता का आधार शिक्षा प्राप्त करना होता है तथा शिक्षा का आधार ज्ञान प्राप्त करना होता है।

मानव विकास के लिए साक्षरता क्यों अनिवार्य है? (manav vikas ke liye saksharta kyon anivarya hai)

मानव जाति की उच्चतम शिक्षा, बुद्धिमत्ता, और सभ्यता की प्राप्ति में शिक्षा एक महत्वपूर्ण योगदान करती है। यह अन्धकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन करती है और व्यक्ति को नए दिशा में मार्गदर्शन करने में सहायक होती है।

शिक्षा का महत्व उसके अनेक पहलुओं में होता है, लेकिन साक्षरता इसका मुख्य स्तर है जो व्यक्ति को समाज में सकारात्मक रूप से शामिल होने का अधिकार प्रदान करती है। साक्षरता न केवल शब्दों और अंकों के साथ, बल्कि भौतिक, ऐतिहासिक, और सामाजिक दृष्टिकोण से भी जुड़ी होती है।

एक साक्षर समाज में, लोग अपनी बौद्धिक ऊर्जा को सही दिशा में प्रवृत्त कर सकते हैं और समस्याओं का सही से समाधान निकाल सकते हैं। इससे सामाजिक संबंध सुधारते हैं और समाज का समृद्धि से योगदान होता है।

साक्षरता का मतलब है न केवल अक्षरों को समझना और लिखना, बल्कि सामाजिक जागरूकता, नैतिकता, और बौद्धिक स्तर पर समझ होना भी। इससे होने वाला मानव जाति का विकास समृद्धि और समरसता की दिशा में होता है, जिससे समृद्धि की बुनियाद रखी जा सकती है।

साक्षरता का महत्व

निरक्षर लोगों के जीवन में साक्षरता का बहुत ही बड़ा महत्व होता है।  साक्षरता मानव का एक आधार माना जाता है। जिसके जरिये नागरिक साक्षर होकर शिक्षित हो सकता है।  यह एक सशक्तिकरण का मार्ग होता है तथा लोगों के लिए समाज और व्यक्ति के लिए विकास का साधन होता है।

यह लोकतान्त्रिक की सुनिश्चितता के लिए साक्षरता को वर्ष 2010 में जब बच्चों के लिए निशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का कानून 2009 लागू किया गया था जो ये देश के लिए ऐतिहासिक निर्णय था। इस प्रयास के साथ सभी के लिए प्रारम्भिक शिक्षा अनिवार्य हो गया जिसके वजह से देश में इस कानून का लागू होने के बाद जबरदस्त परिणाम देखने को मिला।

अगर हमें आज अपने जीवन में साक्षरता की महत्वता को समझना है तो वर्तमान समय निरक्षरता की वजह से देश में बेरोजगारी के दृश्य को देखकर ही अंदाजा लगा सकते है। यदि हमें दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है तो साक्षर होना बेहद आवश्यक है।

उस व्यक्ति के लिए साक्षरता ज्यादा महत्व रखता है जो अपने जीवन में आकांक्षा अधिक रखते है। क्योंकि एक साक्षर के द्वारा शिक्षित व्यक्ति ही देश व समाज की सोच में परिवर्तन ला सकता है । साक्षरता देश व समाज के विकास की एक आधारशिला है।

साक्षरता जो है, यह एक इंसान को स्वास्थ्य के साथ बेहतर रोजगार तथा सुरक्षा के साथ एक स्थिर समाज की ओर ले जाने का कार्य करता है।

मानव विकास के लिए साक्षरता का बड़ा महत्व

साक्षरता मानव विकास के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण कारक है। यह न केवल व्यक्ति को अक्षर लेखन की कला सीखाता है, बल्कि समृद्धि, समाजिक समरसता, और सामाजिक न्याय की दिशा में भी उन्नति करने में सहायक होता है।

  • बौद्धिक विकास: साक्षरता व्यक्ति को बौद्धिक रूप से समर्थ बनाती है। यह उसे विभिन्न ज्ञान क्षेत्रों में सुधार करने का अवसर प्रदान करती है और उसे अपने पर्सनल और प्रोफेशनल जीवन में सफलता प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करती है।
  • समाज में समानता: साक्षरता समाज में समानता की भावना को बढ़ावा देती है। जब लोग समझदार होते हैं, तो सोच में समानता और सामाजिक न्याय की भावना बनी रहती है।
  • आर्थिक विकास: साक्षरता एक समाज को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है। शिक्षित लोग अधिक आधिकारिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में योगदान कर सकते हैं जिससे समृद्धि होती है और विकास की दिशा में कदम बढ़ता है।
  • सामाजिक समरसता: साक्षरता समाज में सामाजिक समरसता बढ़ाती है। जब लोग एक दूसरे के साथ समझदारी और समरसता में रहते हैं, तो समाज में विकास तेजी से होता है।
  • जनसंख्या नियंत्रण: साक्षरता जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक प्रमुख उपाय है। शिक्षित व्यक्ति जनसंख्या नियंत्रण के महत्वपूर्ण तथ्यों को समझ सकते हैं और इसके प्रति सकारात्मक योगदान देने में सहायक हो सकते हैं।

साक्षरता न केवल व्यक्ति के विकास का माध्यम है, बल्कि यह समाज और राष्ट्र के समृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एक साक्षर समाज में न्याय, समरसता, और सामाजिक न्याय की भावना बनी रहती है, जिससे समृद्धि और उत्थान होता है।

भारत देश की साक्षरता

इस वर्तमान समय में 2011 जनगणना के अनुसार भारत की साक्षरता दर लगभग 74.04% है। जो की सन 1947 के आजादी के समय मात्र 18% ही थी। जो की ऐसा माना जा रहा है भारत की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर से 84% कम है।

आज भी देखा जाये तो भारत में साक्षरता के मामले पुरुष और महिलाओं में काफी अंतर है। वही जहाँ पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 है वही महिलाओं का प्रति शत दर केवल 65.46 है। महिलाओं में साक्षरता कमी का कारण परिवार और आबादी की कमी की जानकारी निकल कर सामने आती है।

हालाँकि भारत देश में साक्षरता को देखा जाये तो पहले से काफी बेहतर हुआ है। जिसके वजह से यह माना जा रहा है की आने वाले 15 – 20 वर्षों में भारत की वैश्विक साक्षरता दर 99.50 होने की संभावना है।

निष्कर्ष

साक्षरता एक ऐसा कौशल चीज है जो आने वाले मनुष्य के पीढ़ियों को विरासत में दे सकते है। साक्षरता हर उस व्यक्ति के लिए जरुरी है जो समाज व देश को सुरक्षित करना चाहता है। निरक्षरता हमेशा मनुष्य को पीछे तथा अंधकारमय जीवन बना देता है।

इसलिए सरकार के साथ सभी को निरक्षरता की मिटाने में मदद करनी चाहिए। क्योंकि साक्षरता ही हमें सही राह के साथ एकता को बनाये रखने में मदद करता है।

FAQs

साक्षरता क्या है?

साक्षरता एक व्यक्ति की क्षमता है जिससे वह अक्षरों और अंकों को समझ सकता है और अपने विचारों को लिख सकता है।

साक्षरता की क्यों महत्वपूर्णता है?

साक्षरता समाज में शिक्षा, सामाजिक समरसता, और आर्थिक विकास को बढ़ावा देती है, जिससे मानव विकास होता है।

साक्षरता कैसे बढ़ाई जा सकती है?

साक्षरता को बढ़ाने के लिए समाज में शिक्षा को प्रोत्साहित करना, साक्षरता प्रोग्राम्स को प्रचारित करना और जनता को जागरूक करना महत्वपूर्ण है।

क्या साक्षरता का सीधा संबंध शिक्षा से है?

हाँ, साक्षरता और शिक्षा के बीच सीधा संबंध है, क्योंकि शिक्षा से ही व्यक्ति सीखकर साक्षर बनता है।

साक्षरता का स्तर कैसे मापा जाता है?

साक्षरता का स्तर प्रतिशत में मापा जाता है, जिसमें जनसंख्या के एक निर्दिष्ट आधार पर साक्षरता की गिनती होती है।

साक्षरता के फायदे क्या हैं?

साक्षरता से व्यक्ति अपने स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, और समाज में सुरक्षित और समर्थन में रह सकता है।

क्या साक्षरता समाज में बदलाव ला सकती है?

हाँ, साक्षरता समाज में जागरूकता, समरसता, और विकास की दिशा में बदलाव ला सकती है।

साक्षरता के कम होने के क्या प्रमुख कारण हो सकते हैं?

विभिन्न कारणों में से कुछ हैं जैसे गरीबी, असुरक्षा, और उपयुक्त शिक्षा की कमी।

साक्षरता के बारे में सामाजिक जागरूकता कैसे बढ़ाई जा सकती है?

सामाजिक जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए साक्षरता प्रोग्राम्स, कैंपेन्स, और शिक्षा का सही तरीके से प्रचार-प्रसार किया जा सकता है।

साक्षरता के कम होने का सीधा प्रभाव किस प्रकार होता है?

साक्षरता के कम होने से लोग अधिकतर अनपढ़ रहते हैं, जिससे उन्हें समाज में पूरी तरह से भागीदारी मिलने में कठिनाई हो सकती है, और उनके जीवन का सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण प्रभावित हो सकता है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top