भारत देश में गाय को लोग गौ माता भी बुलाते है, गाय एक बहुत ही उपयोगी पशु है इसके हर एक चीज को काम में लाया जाता है । भारत में गाय को लोग पूजा करते है । गाय से मिलने वाली हर चीज हमें स्वस्थ और ताकतवर बनाती है। गाय को हमेशा से सर्वश्रेष्ठ जानवर माना जाता है।
ऐसे तो गाय से मिलने वाली हर चीज दुनिया में प्रसिद्ध है, जैसे दूध, पनीर, मख्खन, घी और दही । ये सभी मनुष्य के सेहत के बहुत ही फायेदेमंद होते है। गाय को लोग घर – घर पालते है उसकी दूध निकलते है।
भारत में हिन्दू धर्म के अनुसार, लोग गाय की पूजा करते है, उसकी हत्या करना एक अभिशाप होता है। हिन्दू धर्म के लोग बहुत स्नेह और प्यार के साथ अपने घरो में पालते है । गाय को गौ माता की दर्जा प्राप्ति हुई है।
गाय को गौ माता इसलिए शायद माना जाता है क्योकि वो भी इंसान की तरह अपने बच्चे को नौ महीने में जन्म देती है।
गाय की उत्पत्ति
पुराणों के अनुसार, गाय की उत्पत्ति की कई सारी कथाये प्रचलित है, कहा जाता है की जब ब्रह्मा जी अमृतपान कर रहे तब उनके मुख से झाग निकल गया और उसी समय सुरभि गाय की प्राप्ति हुई थी।
कुछ लोग का कहना है की सुरभि गाय की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान चौदह रत्नों में हुई थी और उसके दूध से क्षीर सागर बना था।
भगवत पुराण में ये बताया गया है की समुद्र मंथन के दौरान जो वैदिक दिव्य गाय हुई थी । उसे पांच दैवीय कामधेनु के नाम से जाना जाता है (जैसे नंदा, सुभद्रा, सुरभि, सुशीला और बहुला जो मंथन में से उभरी थी।
कामधेनु गाय जो ब्रम्हा जी द्वारा उत्पति हुई थी उस दिव्य वैदिक गाय को एक ऋषि को दी गयी थी ताकि लोग उसका उपयोग यज्ञ, आध्यात्मिक अनुष्ठानो और सम्पूर्ण मानव जीवन का उद्धार हो सके।
गाय की सरंचना
सामान्यत: गाय भी चार पैरो वाला जानवर है। सामान्यत दुसरे जानवरों की तरह ही गाय के भी चार पैर, दो कान, दो सिंग, दो आँख, एक नाक, एक मुँह और चार थान होता है । गाय के चारो पैरो में खुर होता है जो हमारे लिए बहुत ही उपयोगी होता है।
- गाय की पूंछ लम्बी और सीधी होती है पूंछ के सबसे निचले हिस्से में घने और लम्बे बाल होता है । गाय का एक कूबड़ (hump) होता है और गर्दन के निचे त्वचा का झुकाव भी होता है जिससे हम गलकंबल कहते है।
- कुछ गाय की सींग सीधी और टेढ़ी भी होती है, उससे वो अपने आप को शत्रुओ से सुरक्षा करती है । गाय के चार थन होते है जिससे मनुष्य दूध निकालता है।
भारत में गाये के रंग कई प्रकार के होते है जैसे काली, चितकबरी, लाल, सफ़ेद इत्यादि तरह की होती है। ज्यादेतर गाय जो देशी होती हो वो सफ़ेद और लाल रंग होती जिनके बड़े – बड़े सींग होते है और जर्सी गाय काली और चितकबरी होती है जिसका बहुत कम में सींग होता है।
गाय की देख भाल और खान – पान
गाय को रखने के लिए हम एक छप्पर का प्रयोग करते या पशु पालन में रखते है। गाय को हम रोज नहलाते और धोते है उसके ऊपर लगे गोबर पर को हाथ से मलकर धोते है उसको साफ करते है।
- कई जगह लोग पशु पालन में पंखा और मछरदानी का प्रयोग करते है गाय सब बचने के लिए।
- जब गाय गर्भवती हो जाती है तो लोग उसका ख्याल और अच्छे से रखते है।
- गाय शाकाहारी जानवर होता है, ये सामान्यता हरी घास खाती है उसके साथ – साथ भोजन, अनाज, अन्य चीज भी खाती है।
- सभी गाये हरी घास को चबा चबाकर खाती है और जब बैठती है तो कौड़ी करती है (यानि की अपने अंदर से चारे को मुख लाकर उसको धीरे धीरे चबाती रहती है।
- वैसे तो गाय को लोग कंपनी द्वारा बनाये गये चारे को देते है जैसे चोकर, पशुआहार, खरी खुददी इत्यादि।
गाय की नस्ले
गाय कई सारी नस्लों की पाई जाती है, जैसे साहिवाल जो भारत देश के (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार) साहिवाल गाय ज्यादेतर लाल और हल्के सा भूरे रंग की भी होती है।
ये दुधारू गाय होती है जो सबसे ज्यादा दूध देती है इनका रीढ़ (यानि की पीठ) एकदम सपाट होता है।
गीर प्रजाति की गाय दक्षिण भारत (दक्षिण कठियावाड़) में पाई जाती है और थारपारकर (जोधपुर, जैसलमेर, कच्छ), राठी जो राजस्थान में पाई जाती है।
विदेशी गाय को जर्सी गाय बोलते है जो चितकबरी होती है उनका शरीर देशी गाय से थोडा भारी होती हो ये भी गाय ज्यादे दूध देती है।
गाय के महत्वता
हमारे जीवन में गाय का बहुत ही महत्वपूर्ण रोल है। गाय से हमें दूध, दही, घी, पनीर, मक्खन प्राप्त होता है । बल्कि केवल ये ही नही गाय के मूत्र से कई अनेक औषधि का निर्माण होता है जो हमारे काम आता है।
- गाय का गोबर जो फसलो के लिए अति उत्तम होता है जिससे खेतो में हरियाली आती है।
- कुछ लोग गाय के गोबर का उपले बनाकर घर में रसोई बनाने का काम करते है। गाय अगर मर जाती है तो उसकी चमड़ी और हड्डियाँ भी मनुष्य के काम आती है। गाय की हड्डियों से भी औषधि बनती है।
- गाय का दूध हमारे और हमारे बच्चो के लिए बहुत ही पौष्टिक आहार होता है। गाय का रोजाना दूध पीने से हमारा शरीर तंदरुस्त रहता है और दिमाग भी तेज होता है।
निष्कर्ष
हमें गाय को मारना नही चाहिए। अगर उसके सामने प्लास्टिक की थैली दिखे तो उसको हटा देना चाहिए। और बेवजह प्लास्टिक की थैली या और भी जो कुछ गाय को नुकसान करे और वो चीज हमें नही फेकना चाहिए।