स्वरोजगार क्या है ?। What is Self Employment in Hindi

दोस्तों, हर कोई अपने जीवन को आगे बढ़ाने के लिए कोई न कोई कार्य करता है । उसी में से एक आता है स्वयं रोजगार । जिसे लोग खुद के द्वारा स्टार्टअप करके बिज़नेस की आधार शिला रखते है । जो आगे चलकर कुछ और लोगों को रोजगार दे सके । हम किसी दुसरे का कार्य न करके बल्कि खुद के सोच व आईडिया से अपना धंधा, बिज़नेस, व्यवसाय को स्थापित करना ही स्वरोजगार कहलाता है ।

हम कोई भी कार्य करते है तो उसके बदले पैसे की जरूरत पड़ती है अपनी जीविका चलाने के लिए । अगर हम कार्य करें और पैसा ही ना मिले तो फिर उस कार्य या मेहनत का जीवन में कोई लाभ नहीं होता है ।

स्वरोजगार वह ही है जो स्वयं द्वारा शुरू किया गया कार्य आपके जीवन को आगे बढ़ने में मदद करें। कार्य कभी भी छोटा या बड़ा नहीं होता है । क्योंकि कई लोग अपने छोटा सा दुकान खोलकर उससे अपना व परिवार का आजीविका चलता है ।

ऐसे ही कई लोग लिए धन को अर्जित करने के लिए मेहनत मजदूरी व नौकरी पेशा इत्यादि जैसा सब कार्य करते है । क्योंकि सबके जीवन में धन का अर्जन होना बहुत आवश्यक होता है ।

अगर हम कोई कार्य पूरे लगन व ईमानदारी से करते है तो वो निश्चित ही एक दिन सफल होता है । फिर वो चाहे आप खुद का रोजगार या नौकरी क्यों न कर रहे हो । लेकिन इसके साथ ही लाभ के साथ ही हानि भी हो सकता है इसलिए कभी किसी परिस्थिति में घबराना नहीं चाहिए ।

स्वरोजगार की विशेषताएँ

लोगों की स्वरोजगार की विशेषता अलग ही होती है । उसके जीवन में उसका एक अलग ही महत्व रखता है । जो इस प्रकार है –

  • स्वयं का व्यवसाय होना ही एक व्यक्ति के लिए खास होता है ।
  • कोई भी व्यवसाय किसी एक ही व्यक्ति द्वारा शुरुवात किया जाता है । कभी – कभी किसी व्यक्ति को किसी के सहारे या सहायक की जरूरत पड़ती है तो 2 या 3 व्यक्ति रहकर उस रोजगार को आगे बढ़ाते है ।
  • किसी भी रोजगार की शुरुवात करने के बाद उसकी आय निश्चित नहीं होती है । उसकी आय उस रोजगार द्वारा शुरू किया गया उत्पादन के क्रय-विक्रय के मूल्य निर्धारण के बाद ही आय निर्धारित हो सकती है ।
  • इस रोजगार में लाभ व हानि दोनों को स्वयं ही उठाना पड़ता है । क्योंकि स्वरोजगार में प्रयत्न तथा पारितोषिक प्रत्यक्ष रूप से सीधा सम्बन्ध होता है ।
  • कोई भी स्वरोजगार की शुरुवात करने के लिए पूजी की आवश्यकता पड़ती है चाहे हम बड़ा या छोटा रोजगार करें ।
  • एक व्यक्ति अपने स्वरोजगार की शुरुवात करने लिए स्वतंत्र है । परन्तु वो सरकार द्वारा पारित कानून के दायरे में रह कर हो । जिससे आपको कभी हानि भी हो तो सरकार द्वारा मदद मिल सके ।

स्वरोजगार का महत्व

लोगों के जीवन जीने के लिए एक अच्छे रोजगार की जरूरत पड़ती है । लेकिन, वही आपका स्वरोजगार हो तो उससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता है आपकी अपनी जीविका चलाने के लिए ।

आजकल देश में बेरोजगारी तथा जनसंख्या ने वृद्धि होने के कारण नौकरियों का अवसर कम देखने को मिल रहा है । जिसके कारण देश में स्वरोजगार की महत्वता दिन प्रतिदिन बढती जा रही है ।

हम रोजगार को कई तरह के लाभ को देख सकते है। जो छोटे – बड़े व्यापारियों द्वारा किया जाता है ।  जो इस प्रकार है –

  • छोटे व्यवसाय के लाभ 

छोटे व्यवसाय माध्यम वर्ग के लोगों द्वारा किया जाता है । जिसके अनेक लाभ होता है क्योंकि ये कम पैसे से शुरु वात कर सकते है । अगर हम छोटे ही व्यवसाय को अच्छे से उसके बड़े व्यवसाय में तबदील करना चाहते है तो आसानी से कर सकते है । क्योंकि कोई भी व्यवसाय प्रत्यक्ष रूप से छोटे से ही बड़े की शुरवात होता है ।

ग्रामीण क्षेत्रो में कुछ लोग मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, गौ पालन इत्यादि सब का कारोबार करते है । जिससे उनका जीविका अच्छे चलता रहता है । ऐसे ही कई लोग सड़क के किनारे ठेला लगाकर चाय, समोसा, पकोड़ी इत्यादि सब का भी कारोबार करके अपना जीवनयापन करते है .

  • नौकरियों में प्राथमिकता

अगर आप एक नौकरी पेशा लोग है तो आप एक निश्चित सीमा के अंदर की अपने जीवन का खर्च चला सकते है । लेकिन वही व्यक्ति अनुभव हो जाने के बाद उसी क्षेत्र में अपने प्रतिभा का प्रयोग करके स्वरोजगार में योगदान से सकता है ।

इस तरह से लोग नौकरी के स्थान पर स्वरोजगार को ही प्राथमिकता देंगे । जिससे रोजगार के क्षेत्र में बढ़ोतरी भी होगी ।

  • उद्योग क्षेत्र में विकास

लोगों द्वारा उद्योग के क्षेत्र में भी स्वरोजगार का अवसर भी देखने को मिलता है । अगर व्यक्ति उद्योग के क्षेत्र में भी स्वरोजगार को बढ़ावा देते है तो इससे बाकि अन्य के अंदर इसके प्रति दिलचस्पी बढती है । क्योंकि इससे लोग नई सोच के साथ विकास करने के लिए अपनी व्यवसाय को अच्छे से करेंगे । इसके साथ देश का भी विकास होगा ।

  • व्यक्तिगत सेवाओं का प्रवर्तन

इसके द्वारा लोग व्यक्तिगत सेवा जैसे दर्जी, कढाई बुनाई, काम गिरी, दवाओं के विक्रेता इत्यादि सब स्वरोजगार के द्वारा किया जाता है । जिससे इसके सेवा द्वारा उपभोक्ता को संतुष्टि मिलती है । ये कार्य किसी भी व्यक्ति द्वारा आसानी से निरंतर चलाया जा सकता है ।

  • बेरोजगारी की समस्या में कमी

देश में स्वरोजगार के द्वारा ही बेरोजगारी की समस्या को खत्म किया जा सकता है । क्योंकि केवल सरकारी नौकरी के भरोसे बेरोजगारी की समस्या को खत्म करना संभव नहीं है ।

अगर कोई व्यक्ति स्वयं का रोजगार चालू करता है तो स्वाभाविक रूप से उसके आय में वृद्धि होती है । ये स्वरोजगार किसी पढ़े लिखे लोग द्वारा किया जाता है । परन्तु उनसे बेहतर कम पढ़े लिखे लोग कारोबार अच्छे से करते है । दुनिया में उनका स्वरोजगार एक वरदान से कम नहीं है ।

निष्कर्ष

लोगों के अंदर स्वरोजगार की भाव तभी पैदा होता है । जब उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचता है । हमें भी स्वरोजगार को बढ़ावा देना चाहिए ताकि बेरोजगार की समस्या को समाप्त करने में मदद कर सके ।

3 thoughts on “स्वरोजगार क्या है ?। What is Self Employment in Hindi”

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