आज के समय में हमें धन एकत्रित करने के लिए बैंक की अत्यंत जरुरी है। बैंक न हो, तो देश की आर्थिक स्थिर नही रह पायेगी। बैंक एक ऐसा संसथान है, जहाँ लोग विश्वास के साथ अपने पैसे जमा कर सकते है।
बैंक में अपनी राशि जमा करते है। हमें उस राशि का बैंक ब्याज देती है। बाकि की खोज यरोपियन वालो ने की। तब से लेकर बैंक की सुविधाओ में बहुत से बदलाव आये है। आज बैंक इतना आगे बढ़ गया है, कि हर छोटे-छोटे गॉव ने भी बैंक कि सेवाएँ उपलब्ध है।
इतिहास
बैंक की खोज यूरोपियन लोगो ने कि है। बैंक की शुरुआत १४ वी शताब्दी में इटली में हुई थी। भारत में बैंक की शुरुवात 19 शताब्दी से हुई। बैंक अर्थव्यवस्था संभालने में एक बड़ा योगदान देता है। बैंक राशि जमा करने का और ऋण (loan) देने का काम करती है।
दुनिया में सबसे पहला बैंक साल १४०६ में इटली देश में हुआ था । इटली में जेनेवा में स्थापित हुआ था । देश के पहले बैंक का नाम सेंट जोंर्ज बैंक था। धीरे-धीरे भारत में भी 19 शताब्दी में बैंक शुरू हुआ। ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बैंक ऑफ़ बम्बई, बैंक ऑफ़ कलकत्ता और बैंक ऑफ़ मद्रास की शुरुआत हुई।
बैंक के लाभ
देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने में बैंक मदद करती है। बैंक हमारी धन राशि को अपने पास रखती है, और कुछ दिनों बाद उस राशि पर ब्याज भी देती है। हमारे द्वारा जमा किये गये राशि को एकत्रित करके बैंक बड़े-बड़े व्यापारियों और उद्धयोग पतियों की आवश्यकता पड़ने पर लोन के रूप में मदद करती है।
बैंक की तरफ से सुविधाओ में बहुत ही वृद्धि हुई है । खाता खोलने के बाद हमें चैक बुक और एटीएम कार्ड देती है । चैक बुक की मदद से हम बडी रकम कही भी जा कर आसानी से लेन देन कर सकते है, और हमारे पास लिखित में सबुत भी रहता है।
एटीएम कार्ड द्वारा हमें कही भी पैसे की जरूरत पड़ने पर पैसे निकल सकते है । बैंक द्वारा अब क्रेडिट कार्ड की सुविधा आ चुकी है । क्रेडिट कार्ड होने पर अगर हमारे बैंक खाते में पैसे नही हो, तो भी जरूरत पड़ने पर हम खरीदी कर सकते है।
बैंक की तरफ से अब नेट बैंकिंग की सुविधा भी आ चुकी है । जिसकी सहायता से हम घर पर या ऑफिस में बैठे किसी को भी पैसे ट्रान्सफर कर सकते है । यह प्रकिया बिलकुल सुरक्षित है । क्योकि यह काम करते समय पासवर्ड उपयोग करते है, जो केवल हम ही पता होता है । बैंक के और भी कई सारे फायदे है।
कार्य
बैंक हमारी धन राशि को जमा करता है, उसके बाद उस धन राशि पर ब्याज भी देता है। बैंक बड़े-बड़े लोन भी देता है, जैसे : व्यापारी लोन, घर लोन, कार लोन और एजुकेशन लोन इत्यादि। बैंक अपने ग्राहकों की सुविधा के लिए कई सारी एजेंसी से जुड़ा है।
जैसे कि : लाइट बिल, मोबाइल बिल, बिमा कंपनी, insurance कंपनी इत्यादी। बैंक अपने ग्राहकों के कीमती वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए लॉकर की भी सुविधा देती है ।
जिसमे लोग अपना कीमती चीजे और पेपर संभालकर रख सकते है । बैंक एटीएम कार्ड , क्रेडिट कार्ड और इन्टरनेट बैंकिंग की सुविधा देती है। जिसे घर बैठे दुनिया के किसी भी कोने में पैसे का स्थानान्तरण कर सकते है।
बैंक के प्रकार
बैंक को अलग-अलग क्षेत्रो में बाटा गया है। बैंक के मुख्य 6 प्रकार है।
औद्योगिक बैंक, व्यापारिक बैंक, कृषि बैंक, विदेशी विनमय बैंक, केन्द्रीय बैंक, बचत बैंक।
बचत खाता आम जनता के लिए बनाए गये है, जो अपनी बची हुई राशि को बचत खाते में जमा कर सके । कृषि बैंक किसानो के लिए बनाये गये है, ताकि किसान को आसानी से खाद और लोन मिल सके।
केन्द्रीय बैंक देश का सर्वोचत्तम बैंक है। इस बैंक में देश की सभी प्रकार के नोट छापे जाते है । केन्द्रीय बैंक देश के सभी बैंको को संचालन करती है।
रेपो रेट क्या है ? (What is Repo Rate?)
जैसे हमें पैसे की जरूरत पड़ने पर हम बैंक से लोन लेते है । ठीक उसी प्रकार बैंक को भी अपनी जरूरत या रोजमर्रा के कामकाज के लिए पैसे की जरूरत पड़ती है। इसके लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेती है। बैंक इस कर्ज को चुकाने के लिए जो ब्याज देती है उसे रेपो रेट कहते है।
Cash Reserve Ratio (CRR) क्या है ?
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा आधारित कुछ राशि या परसेंटेज हर बैंक को रिजर्व बैंक के पास जमा करना पड़ता है, इसे CRR कहते है।
Statutory liquidity Ratio (SLR) क्या है ?
बैंक को अपने पास कुछ राशि जमा करके रखना पड़ता है, उसे SLR कहते है। यह राशि कितना जमा करना है, इसका निर्धारण रिजर्व बैंक करती है।
निष्कर्ष:
बैंक न हो, तो देश की आर्थिक व्यवस्था रुक जाएगी । बैंक के बिना कोई भी उन्नति नही कर सकता है। बैंक हमें आगेर बढ़ने के लिए लोन प्रदान करती है । बैंक के अनगिनत सेवाएँ है। जिससे आज हम और हमारा देश उन्नति कर रहा है।
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