वायु प्रदूषण पुरे विश्व में एक गंभीर समस्या बना हुआ है । इससे लोगो को बहुत ही खतरनाक बिमारियों बढती जा रही है । ज्यादेतर बीमारी श्वास संबधित होती है । जैसे की दमा, खांसी, कैंसर, हार्ट अटैक इत्यादि जैसे गंभीर बीमारियाँ होती है । वायु प्रदूषण से पुरे वातावरण प्रदूषित होता है । ये प्रदुषण बड़ी –बड़ी कंपनी, केमिकल के फैक्ट्रीयो से निकलने वाले विषैले धुओं से फैलता है । कल कारखानों और चिमनी से भी निकलने वाले धुएं से वायु प्रदूषित होता है।
विशेष रूप से वायु प्रदुषण बड़े – बड़े शहरो में ज्यादे देखने को मिलता है, क्योकि शहरो में मोटर साइकिल, बड़ी गाड़िया से निकालने वाले धुएं से और औद्योगिक प्रक्रिया, खुले में कचरा जलना इत्यादि सब के द्वारा ज्यादा वायु प्रदूषित होता है । कुछ तो जगहों पर बिल्डिंग निर्माण के कार्य की वजह से उड़ने वाले धुल कण, पराग कण और प्राकृतिक गैस से भी वायु प्रदूषित होता है।
मानव जाति और प्रकृतिक के कार्यो से ही उत्पति होती है । लोगो को चाहिए की ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाये और हवा शोधक का इस्तेमाल करे । मानव द्वारा किये गये गतिविधियों से भी वायु प्रदूषण फैलता है, जैसे परिवहनो से कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, सिगरेट पिकर धुँआ उड़ना, इलेक्ट्रॉनिक सामानो से विकिरण निकलना तथा अन्य गतिविधियों से जहरीले गैस वातावरण में मिलते है।
वायु प्रदूषण का अर्थ
वायु का कितना महत्व है हमारे जीवन वो तो हम सब जानते ही है । हवा पृथ्वी का एक महतवपूर्ण अंग है । पृथ्वी पर सभी जिव जन्तु को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत होती है जो स्वच्छ वायु से प्राप्त होती है, और स्वच्छ हवा पेड़ पौधों से प्राप्त होता है । इसलिए हमें चाहिए की ज्यादे पेड़ पौधों को लगाये । मानव के साथ – साथ सभी अन्य जिव जन्तुओ को भी ऑक्सीजन की आवयश्कता पड़ती है।
इसलिए हमें पेड़ो की हो रही कटाई पर रोक लगाना चाहिए, ताकि पेड़ पौधों से हमें शुद्ध ऑक्सीजन हवा मिलती रहे । क्योकि पेड़ पौधे हमारी जिंदगी में सबसे ज्यादा महत्व रखते है । पेड़ हमारे द्वारा छोड़े गयव कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर लेते है और उसके बदले में हमें शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान करते है । हमारे घरो के पास पेड़ पौधे होते है तो आस पास के वातावरण भी शुद्ध रहता है । एक तरह से हमारा जीवन एक दुसरे से जुड़ा है।
वायु प्रदूषण के कारण
धरती पर वायु प्रदुषण का मुख्य कारण मनुष्य द्वारा ही निर्मित है । वनों को काट कर औद्योगिक कार्य करना, जैसे कल कारखाने, मोटर वाहन, धुम्रपान, कीटनाशक की दवा, पराली जलाना इत्यादि सब वायु प्रदूषण के श्रोत है।
बड़ी कंपनियों और प्लास्टिक के कारखानों से गलाने से जो विषैले गैस निकलते है वो हवा में मिलकर वायु को प्रदूषित कर देते है । और फिर वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोजन, नाइट्रिक ऑक्साइड से मिलकर पुरे वायुमंडल को प्रदूषित कर देते है । ये सारे गैस मानव के सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होता है । इससे गंभीर जानलेवा बीमारियाँ पैदा होती है।
वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारी – प्रदूषण से होने वाली जानलेवा बीमारी कैंसर, दमा, दिल की बीमारी, हार्ट अटैक, आँखों में जलन, आँखों को खराब होना इत्यादि।
वायु प्रदूषण के स्रोत
देखा जाये तो वायु प्रदुषण बढ़ने के कई स्रोत है, जो मानव जाति के विभिन्न क्रियाओ के द्वारा होता है।
- हमारे घरो में किये गये कार्य जैसे ईधन का इस्तेमाल, लकड़ी, कोयला, मिटटी के तेल और गैस इत्यादि का प्रयोग करने से होता है । इस सब के प्रयोग से कार्बन मोनोऑक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड जैसे गैस निकलते है।
- आधुनिक वाहनो को उपयोग करना जैसे मोटर साइकिल, चार पहिया का प्रयोग करने से धुँआ जो निकलता है वो वायु को प्रदूषित करता है।
- जब अम्ल वर्षा होती है तो वाष्प बनकर हवा में मिल जाती है और फिर वायु को प्रदूषित करती है । अम्ल वर्षा में साल की पहली बारिश के रूप में होती है । अम्ल वर्षा के रूप में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) और पानी में मिलकर (H2SO4) बनकर बारिश के बूदों के रूप में गिरता है।
निष्कर्ष
हमें चाहिए की पेड़ पौधों की सुरक्षा करे और ज्यादे से ज्यादे पेड़ लगाये । किसी भी कचरे को खुले में न फेके । कोई भी पराली को न जलाये उसकी अलग व्यवस्था करना चाहिए।
सरकार को वनों की कटाई को पर रोक लगाना चाहिए।