प्रदूषण आज की दुनिया में एक बड़ी समस्या है जो वातावरण, मानव स्वास्थ्य, और प्राकृतिक संसाधनों के लिए खतरा पैदा करती है। ध्वनि, वायु, जल, और भूमि प्रदूषण का विषय विश्वभर में गहराई से चर्चा हो रहा है, क्योंकि इसके प्रभाव सभी क्षेत्रों पर प्रभावी हो रहे हैं। यह समस्या सिर्फ विकासशील और उद्योगीकृत देशों में ही मात्र नहीं, बल्क गरीब और विकासहीन देशों में भी भारी मात्रा में मौजूद है।
प्रदूषण के कारणों में उद्योगीकरण, वाहनों की बढ़ती संख्या, जल और वायु में विभिन्न धातुओं और रासायनिक पदार्थों के उपयोग, औद्योगिक कचरे का उचित निपटान न होना, वनों की कटाई, और जनसंख्या वृद्धि आदि शामिल हैं। ये सभी कारण न सिर्फ वातावरण को प्रभावित करते हैं।
प्रदूषण एक ऐसा समस्या है। जो विज्ञानं द्वारा हमें प्राप्त हुआ है। विश्व में सबसे बड़ी और गंभीर समस्या प्रदूषण बन गया है। प्रदूषण का अर्थ है प्राकृतिक का असंतुलन होना । जिसके कारण हमें न तो शुद्ध हवा मिलता है और ना ही शुद्ध जल और खाने का पदार्थ मिल पा रहा है।
प्रदूषण भिन्न – भिन्न प्रकार से होता है –
- वायु प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- जल प्रदूषण
प्रदूषण पैदा होने कारण –
हमारा भारत देश जैसे – जैसे विकसित हो रहा है, वैसे – वैसे प्रदूषण की समस्या बढती जा रही है। बड़ी – बड़ी सडको और कारखानो बनाने के लिए हम जंगलो और पेड़ पौधों को काटते जा रहे है। इन सडको पर चलने वाले वाहन और गाडियों से जो जहरीले गैस निकलते है। ये गैस वायु में मिश्रित होकर वायु को प्रदूषित करते है। इन गाडियों से निकलने वाले ध्वनि भी प्रदूषण पैदा करते है।
बड़े – बड़े कारखानों में बनाने वाले फ्रिज, वाशिंग मशीन, ए. सी. ओए भी कई तरह के वस्तु से निकलने वाले गैस वायु को प्रदूषित करते है और कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी नदी में जाकर जल को भी प्रदूषित करते है।
प्रदूषण से होने वाली समस्या –
वायु प्रदूषण से हमारे शरीर को काफी नुकसान पहुचता है। इससे कई गंभीर बीमारिया होती है, जैसे साँस फूलना, दमा इत्यादि तरह की समस्या उत्पन्न होती है। इस प्रदूषित वातावरण में साँस लेने से हमारे शरीर में गंदगी जाती है। इससे लोगो कई तरह की बड़ी – बड़ी बीमारिया होती रहती है। प्रदूषण के कारण सभी जीव जन्तुओ और मनुष्यो को बहुत सारी समस्याओ का सामना करना पड़ता है।
ध्वनि प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या बन चूका है । सडको पर चलने वाले सभी गाड़ियाँ, बड़े – बड़े कंपनियों से निकलने वाले शोर-शराबो की ध्वनि से प्रदूषण बढ़ रहा है। जिससे लोगो को घुटन, चिड-चिड़ापन और सिर दर्द जैसे गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है।
प्रदूषण के दुष्परिणाम –
प्रदूषण भले ही किसी भी प्रकार का हो हर प्रदूषण हमारे जीवन का दुश्मन है। वायु प्रदुषण के कारण वायु में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा तेजी बढ़ती जा रही है। इससे पृथ्वी के कवच मतलब ओजोन परत का सुरक्षा चक्र पर सुराग हो रहा है । पृथ्वी पर तापमान अनियमित रहने से ऋतुओ की दिशा बादल रही है।
वर्षा सही समय पर नही होने पर कृषि क्षेत्र में काफी नुकसान हो रहा है। ऋतुओ में बदलाव के वजह से वर्षा समय पर नही हो रहा है इससे धरती का उपजाऊ नष्ट हो रहा है। वायु प्रदूषण के कारण मनुष्य के शरीर को नुकसान हो रहा है। ध्वनि प्रदूषण के कारण मानव को कई बीमारियों के सामना कर रहा है।
प्रदूषण कम करने के उपाय –
हाँलाकि हमारे देश में प्रदूषण इतना फ़ैल चूका है की उससे मुक्ति पाना असंभव है। प्रदूषण को कम करने के लिए हमें हमारे अंदर जागरुकता पैदा करना होगा । पेड़ पौधों की कटाई पर रोक लगना होगा और हर एक व्यक्ति को वृक्षारोपण करने की चाह रखनी होगी। जनसंख्या पर नियंत्रण करना होगा । मशीनो पर निर्भर न होकर स्वत: काम करना होगा । इस प्रकार प्रदूषण को कम कर सकते है।
निष्कर्ष –
सुख -शांति से और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रदूषण कम करना होगा।
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