स्वावलंबन पर निबंध हिंदी में । महत्व । Swavalamban Essay in Hindi

स्वावलंबन का सीधा मतलब होता है की आत्मनिर्भर होना । इस चीज को मनुष्य उसकी क्षमता और उसके प्रयत्न के अनुसार कार्य करता है । जिसके अन्दर ये गुणवत्ता मौजूद होती है वि किसी दुसरे सहारे नही रहता है । वो हमेशा अपने बलबूते पर कोई भी कार्य को आसानी से कर लेता है ।

स्वावलंबी बनने के लिए अपने इच्छा शक्ति को जड़ से मजबूत व घनघोर परिश्रमी होने की आवयश्कता पड़ती है, तभी कोई व्यक्ति जाकर आत्मनिर्भर बन पाता है । यह एक ऐसी चीज है जो किसी विद्यालय या किसी महान व्यक्ति के उपदेश देने से नही आता है । इसके लिए खुद को बदलने की जरुरत पड़ती है ।

स्वावलंब होना आत्मनिर्भरता को दर्शाता है आत्मनिर्भर होने का तात्पर्य होता है पैर पर खड़े होकर कोई काम स्वयं ही करना उसके लिए किसी वस्तु, कपडा, मकान इत्यादि जैसे जरुरत चीजो के लिए किसी दुसरे पर निर्भर नही होना पड़ता है ।

स्वावलंबन का महत्व

आजकल देखा जाये तो लोगो के बीच पैसा ही सबसे बड़ा महत्व रखता है क्योकि आज के ज़माने में स्वावलंबन को पैसे से जोड़ा जा रहा है । इसका मतलब साफ़ है जिसके पास पैसा है किसी दुसरे पर निर्भर नही है वो कोई भी काम पैसे के बल पर आसानी से कर लेते है ।

हम लोगो को बचपन से ही सिखाया जाता है की बड़े होकर स्वावलंबी बनो दुसरे पर निर्भर मत रहो, ताकि तुम अपनी सारी जिम्मेदारियो को बखूबी समझ सको । अगर तुम स्वावलंबी व्यक्ति बन जाते हो तो तुम्हे अपने पैर पर खड़ा होने से कोई भी दुनिया की ताकत नही रोक सकती है ।

साथ ही साथ अपने माँ बाप से मिली अच्छी शिक्षा हमें उन्नति की ओर ले जाती है और फिर हम आगे चलकर अपने माता पिता के जिम्मेदारियो को उठा सके । इस कदर हमें स्वावलंबी बनने जरुरत है ।

ईश्वर ने हमें इसी प्रकार से रचना की है की हम दुसरे पर बोझ न बने अपना काम करने के लिए खुद को स्वतंत्र रखे । ईश्वर ने हमें वो सभी चीज दी है जिससे हम स्वावलंबी बनकर उन सभी चीजो का अच्छे से इस्तेमाल करके अपने पुरे परिवार की जिम्मेदारियों को संभाल सके।

इनमे से सबसे बड़ा है हमारा मस्तिष्क जो हमारे की गयी सारी गतिबिधियो की जानकारी रखता है सही व गलत के साथ में । ये चीज हमें स्वावलंबी बनने में बहुत मदद करता है और हमारे पुरे शरीर को आत्मनिर्भर बनाता है ।

स्वावलंबी कैसे बने ?

स्वावलंबी बनने के लिए किसी के पास कोई उपाय या जादू नही है जो कुछ ही समय में आपको आत्मनिर्भर बना दे । इसके लिए आपको खुद को बदलना पड़ेगा खुद में आत्मविश्वास दिलना होगा तभी आप एक अच्छा स्वालम्बी मनुष्य बन पाएंगे ।

आत्मनिर्भर बनने के लिए खुद अंदर ए आत्मविश्वास पैदा करना होगा की आप ये काम खुद से कर सकते बिना किसी के सहारे । अपने जीवन के फैसले लेने में खुद की हिम्मत रखे अपने जीवनयापन की दुनिया में खुद के अनुसार लेकर सही दिशा आगे बढे ।

स्वावलंबी होने के फायदे

आत्मविश्वास का बढना – अगर हम स्वावलंब हो जाते है तो हमारे अंदर कई गुना आत्मविश्वास बढ़ जाता है । जिससे हमे कोई भी काम करने में कोई भी परेशानी नही होती है । हम हर चीज का मुकाबला डट कर करते है । किसी भी परिस्थति में घबराते नही है ।

जीवन में फैसले खुद के –

हमारा जीवन किसी जंग से कम नही है सुख तो कभी दुःख लगा ही रहता है । हमें हमेशा मानसिक व शाररिक तनाव से मजबूती से लड़कर सामना करना होता है । कभी ऐसा भी समय आता है की हमें बड़े – बड़े खुद को ही फैसला लेना पड़ता है वो भी बिना समय गवाए क्योकि समय बहुत महत्वपूर्ण होता है । अगर हम स्वावलंबी है तो हमे समय की महत्वता को पहचानते ही होंगे ।

अगर हम अपने जीवन सही समय अच्छे फैसले लेते है तो इससे हमारे पुरे परिवार की भलाई के लिए जाता है जिससे हमें आत्मनिर्भर होने में मजबूती मिलती है ।

कर्तव्यनिष्ठ होना – एक स्वावलंबी इन्सान अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से जानता है जो पने जीवन किसी भी परिस्थति में उससे पीछे नही हटेगा वो अपने कर्तव्य को हर हाल निभाएगा ।

दिलखुशनुमा – एक स्वावलंबी व्यक्ति का जीवन हमेशा खुशनुमा ही रहता है क्योकि वो अपने हर परिस्थति को हसी खुशी से निपटा लेता है । यह सब उसके मेहनत का फल होता है ।

निष्कर्ष

एक स्वावलंबन व्यक्ति दृढ इच्छाशक्ति और कठोर परिश्रमी होता है । स्वावलंबी का मतलब होता है खुद के उपर विश्वास रखना । अपने जीवन में किसी दुसरे सहारे या पर निर्भर मत रहना ही सबसे बड़ा स्वावलंबी का विषय है ।

1 thought on “स्वावलंबन पर निबंध हिंदी में । महत्व । Swavalamban Essay in Hindi”

  1. Pingback: आत्मनिर्भरता पर निबंध । महत्व । Essay on Self Reliance in Hindi -

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!