देश की सबसे प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को आयरन लेडी भी कहा जाता है। इंदिरा गांधी एक आधुनिक युग की महिला शासकों में से रही हैं जिनका नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए लिखा जा चूका है।
उनका अपने राष्ट्र के प्रति कर्तव्य व निष्ठ उने भारत को गौरवशाली बना दिया जो को भावी समय में संभव न हो सके।
इंदिरा गांधी को देश के के सर्वप्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की एकमात्र सुपुत्री के तौर पर जाना जाता है जो 19 नवंबर के वर्ष 1917 में शुभ तीर्थ स्थान इलाहाबाद में पैदा हुई थी।
उनकी माता का नाम श्रीमती कमला नेहरू था जो इंदिरा को प्यार से इंदु प्रियदर्शनी कहती थी तथा इनके पिताश्री इंदिरा को इंदु कहते थे।
राजनीतिक रुचि
उनके पिता और दादा दोनों वकालत से सबंधित रखते थे और देश की स्वतंत्रता में उनकी अहम भूमिका थी। इंदिराजी ऐसे परिवार से सम्बंधित रखती थी जहाँ प्रत्येक दिन स्वतंत्रता सेनानियों का आना जाना था घर से ही अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की थी औऱ फिर उनके गुरु बने रविंद्रनाथ टैगोर जिन्होंने इंदिरा को शांतिनिकेतन में उच्च ज्ञान प्रदान की।
फिर वह समय भी आया जब इंदिरा गांधी ने राजनीति में कदम रखने का फ़ैसला किया शायद उनकी यह रुचि इसलिए थी क्योंकि वह एक राजनीतिक परिवार से सबंधित थी। राजनीति के फ़ैसले ने इंदिरा के जीवन को एक नई दिशा दी और काफ प्रेरित भी किया।
इंदिरा का विवाह
उनकी शादी एक पत्रकार कम लेखक फिरोज गांधी से तय तय हुई औऱ यह वर्ष 1942 था। इंदिरा गांधी के दो पुत्र हुए राजीव गांधी और संजय गांधी। फिर 1960 वर्ष उनके लिए बहुत दुखदायी भरा रहा क्योंकि उनके पति फिरोज गांधी का असमय निधन हो गया जिससे पूरे परिवार उत्तरदायित्व उन पर आ गया।
पढाई से राजनिती
जब इंदिरा गांधी छोटी थी तभी से ही उन्हें किताबें पढ़ने व उन्हें एकत्रित करने में बहुत रुचि दिखाती थी। उनकी यह पढ़ने की रुचि स्कूलों के दौरान तक भी चलता रहा।
इन सबसे उन्हें यह लाभ हुआ कि उनका ज्ञान अब साधारण नही रहा। इंदिरा गांधी अब दुनिया भर का ज्ञान प्राप्त कर चुकी थीं। उसके बाद अभिव्यक्ति के ज्ञान में कौशल हासिल की।
पहली महिला प्रधानमंत्री
वर्ष 1964 के 27 मई के दिन नेहरू का निधन हो गया फिर इंदिरा पूरी तरह से राजनीति में आ गयी औऱ चुनाव भी जीती जिसके द्वारा प्रसारण मंत्री का पद हासिल किया। दिनांक 24 जनवरी वर्ष 1966 को इंदिरा गांधी को भारत रास्ट्र के तीसरे और प्रथम महिला प्रधानमंत्री चुना गया।
इंदिरा गांधी पूरे 16 सालों तक भारत की प्रधानमंत्री बन कर रहीं और उनके शासनकाल के दैरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले।
संघर्ष भरा वर्ष
परन्तु वर्ष 1975 में आपातकाल हुआ औऱ 1984 में सिख के मध्य कई फसाद हुए जिसकी वजह से इंदिरा गांधी के विरोध में प्रदर्शन किये गए औऱ कई आलोचनाएं भी आयी।
इन सब पर ध्यान न देते हुए इंदिरा गांधी ने 1971 के युद्ध में विश्व के बड़े दुश्मनों के आगे काफी कौशलता से सामने करते हुए पाकिस्तान को हरा दी और बांग्लादेश को पूर्ण रूप से स्वतंत्र करवाया। भारत के लिए यह क्रांति काफी गौरवपूर्ण था।
इंदिरा गांधी की मृत्यु
परन्तु 31 अक्टूबर वर्ष 1984 का वह मनहूस दिन आया जब भारत का भविष्य और इतिहास बदल कर रख दिया। इंदिरा गांधी को उनके ही अंगक्षक द्वारा गोली का शिकार होना पड़ा जिसमें वह देश की एकता और सम्मान के लिए जान दे दी।