मातृ दिवस पर निबंध। Mother’s Day

माँ शब्द इतना प्यारा है की, यह शब्द बोतले ही हमें अपने माँ की याद आ जाती है। मदर्स डे हर साल मई महीने में आता है। इस दिन माँ के लिए खास होता है । इस दिन हम सब अपने माँ के लिए कुछ खास करने की कोशिश करते है । वैसे माँ हमारे लिए हर दिन कुछ खास और अलग करने की कोशिश करती है । हमारे भारत देश में माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है।

हम कभी किसी मुसीबत में पड़ते है तब भगवान से पहले अपने माँ की ही याद आती है । इस दुनिया में सबसे प्यारा शब्द माँ है । यह शब्द लेते ही हमें प्यार और ऊर्जा प्राप्त होता है । हम अपने माँ के एहसानों को कभी चुका नही सकते है।

हर साल की तरह इस साल भी मातृ दिवस 12 मई 2024 को है । मतलब मई के सप्ताह के दुसरे रविवार को मदर्स डे मनाते है।

मातृ दिवस

मदर्स डे की शुरुआत अभी कुछ सालो पहले से हुई है, मदर्स डे पहले यूनानी और रोमन में हुई थी । यूनानी क्रोनिस की पत्नी रिहा वह अपने सभी देवी देवताओ को सम्मान देने के लिए इस  दिन को मनाया करती थी ।

यहा तक की रोमन भी बसंत में अपने इष्ट देव की पूजा किया करते थे । उससे भी पहले ईसाई क्राईस्ट की माँ मरियम को सम्मानित करने के लिए मई महीने के दुसरे रविवार के दिन को मनाने लगे।

मातृ दिवस का इतिहास 

ऐसे तो सही मायने में मदर्स डे की शुरुआत UK से शुरू हुई है, यहाँ एना जारविस अपनी माँ कि याद में वर्जिना के चर्च में शुरुआत की थी । ऐसा कहा जाता है, कि एना के ना तो कोई बच्चे थे न ही उन्होंने शादी की थी, वे बस अपनी माँ से प्यार करती थी । इसलिए अपनी माँ के मौत बाद एना ने अपने माँ के प्रति अपना प्यार और सम्मान दर्शाने के लिए मदर्स डे की शुरुआत की।

एना एक क्रिश्चियन धर्म की थी, और वे अपने माँ का शहीद स्मारक वर्जिनिया के चर्च में बनवाई थी । इसलिए क्रिश्चियन लोग इस डे को वर्जिन मेरी के नाम पर भी सेलिब्रेट करते है । और मदर्स डे सन्डे के दिन आता है इसलिए यूरोप और ब्रिटेन में इस डे को मदरिंग सन्डे के नाम से मनाया जाता है।

हम सबकी पहली गुरु हमारी माँ होती है, जो हमें सब कुछ सिखाती है । जो माँ के सिखाये रास्ते पर नही चलता है, वह जिंदगी में कभी आगे नही जा सकता है ।

अगर हम कुछ दिन रह कर आ रहे है, तो घर में सब कहते है आते समय मेरे लिए ये ले आना, वो ले आना सिर्फ एक माँ का प्यार नि:स्वार्थ होता है सिर्फ वाही कहती है बेटा तुम जल्दी से आना और ध्यान से आना । माँ के प्यार की बराबरी कोई नही कर सकता है।

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