आत्मनिर्भर भारत पर निबंध । Essay on Self Reliant India in Hindi

दोस्तों आत्मनिर्भर भारत का मतलब है सभी चीजो का स्वदेशी होना । या कहे की स्वयं पर निर्भर हो जाना किसी दुसरे चीज या मनुष्य पर आश्रित न होना । जैसा की सब कोई जनता है की कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के लाकडाउन के दौरान पुरे विश्व भर में जरूरतमंद चीजो के लेकर किल्लत पैदा हो गयी थी ।

जहाँ तक रहने और खाने पीने की बात करे तो बहुत से लोगो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा । कई देश हर एक दुसरे देश मदद की गुहार लगा रहे थे । ऐसे में भारत प्राचीन काल के समय से ही आत्मनिर्भर रहा है और ऐसे में भारत को और भी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए “आत्मनिर्भर भारत अभियान” की मुहिम को चलाया जा रहा है ।

अगर हमें अपने देश आत्मनिर्भर बनाना है तो पहले हमें खुद को आत्मनिर्भर बनना होगा तभी जाकर हम अपने देश को प्रगति के मार्ग पर खड़ा करने में सहयोग दे सकते है ।

हमारे भारत देश में कई सारी कलाकृतियों व सांस्कृतिक परम्पराओ को देखते हुए ही ये लगता है की भारत देश प्राचीन काल से ही आत्मनिर्भर है । कोरोना जैसे महामारियो से निपटने के लिए खुद को और आत्मनिर्भर बनने की जरुरत है ।

आत्मनिर्भर भारत अभियान

तत्कालीन भारत देश के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी ने 12 मई 2020 के दिन इस अभियान की मुहिम का शुरुवात किया । उन्होंने भाषण के दौरान अपने संबोधन में कहा की भारत देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए इस पहल की शुरुवात की गयी है ।

हमारे आने वाले कुछ सालो में अधिकतर चीजो का निर्माण हमारे भारत देश में ही किया जायेगा । किसी दुसरे देश आयात की  मात्रा को कम किया जायेगा । इसी वजह से आत्मनिर्भर भारत का अभियान की पहल की गयी है ।

हमारे इस अभियान के तहत उन सभी निर्भरता को कम करना जो भारत देश अधिकतर व्यापार दुसरे पडोसी देश पर निर्भर रहे है । हमें बाहर की वस्तुओ पर ज्यादे निर्भर न रहकर खुद का उच्च गुणवत्ता की सामान अपने ही देश में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है ।

अगर हम आज की बात करे तो हमारे दैनिक जीवन में कई सारे चीजे है जो दुसरे के द्वारा हमें आपूर्ति की जाती है जैसे की हमारा पडोसी देश चीन इसके अलावा अमेरिका, सऊदी अरब इत्यादी । रक्षा क्षेत्र में भी हमें ज्यादातर सामान दुसरे देश से ही आयात करते है जिसका सबसे बड़ा उदहारण रूस, फ्रांस जैसे देश है ।

इसलिए इस अभियान के तहत हम अपने आवश्यक जरुरी वस्तुओं का निर्माण भारत देश में किये जाने की सकल्प लिया जायेगा तभी हमारा देश पूर्णरूप आत्मनिर्भर भारत कहलायेगा ।

आत्मनिर्भर भारत के रूप

भारत देश में आत्मनिर्भरता का कोई नया शब्द नही है । ऐसे में देखा जाये भारत देश एक कृषिप्रधान देश है, और ग्रामीण क्षेत्र की संख्या ज्यादे होने की वजह से लोग कृषि का कार्य करके अपने घर परिवार का खर्चा चलाते है किसी दुसरे के भरोसे नही बैठे रहते है । इसी प्रक्रिया को हम आत्मनिर्भरता कहते है ।

आज भी भारत देश में ग्रामीण क्षेत्र के लोग खुद के कुटीर उद्योग के द्वारा बनाये गये चीजो से ही अपनी आमदनी निकाल कर घर का खर्चा चला रहे, ये ही चीज उनको आत्मनिर्भर बनाती है और इसी के चलते उनको शहरो में नौकरी करने की भी जरुरत नही पड़ती है । इसे ही हम आत्मनिर्भरता कहते है ।

भारत के आत्मनिर्भर के कई रूप है जैसे की कृषि, मत्स्य पालन, मुर्गीपालन, कुटीर उद्योग, लघु उद्योग इत्यादी ये सभी चीजे हमे और हमारे देश को आत्मनिर्भर बनाती है ।

आत्मनिर्भर बनाने में पांच प्रमुख स्रोत

अर्थव्यवस्था – इस समय भारत देश अर्थव्यवस्था एक प्रकार की मिश्रित अर्थव्यवस्था है जिसका परिवर्तन किया जाना संभव है । अर्थव्यवस्था ही एक ऐसा संसाधन है जो भारत देश को आत्मनिर्भर बनाने में बड़ा सहयोग हो सकता है ।

तकनीकी – हमारे भारत देश तकनीक का काफी विकसित है जो भारत इस तकनीक का उपयोग करके विश्व शक्ति बनने की दम-ख़म रखता है । ये तकनीक ही एक ऐसी मुख्य अंग है जो भारत आत्मनिर्भर बनाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा ।

इन्फ्रास्ट्रक्चर – इन्फ्रास्ट्रक्चर भी आत्मनिर्भर भारत का मुख्य अंग है जो की हमारे देश इन्फ्रास्ट्रक्चर बहुत ही मजबूत है जो आत्मनिर्भरता के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा ।

डिमांड (मांग) – हमारे भारत देश में कच्चे तेल की इतनी डिमांड है की हमें हमेशा से दुसरे पडोसी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है । अगर हम इसकी डिमांड भारत देश में ही कच्चे माल का निर्माण कर लेते तो इस स्थति में भी भारत को आत्मनिर्भर बनने से कोई नही रोक सकता ।

बढती जनसंख्या – भारत देश में दिन प्रति-दिन बदती जनसंख्या एक प्रमुख कारण बना हुआ । यह बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है अगर इस पर रोक या नियंत्रण नही लगाया गया तो भारत को आत्मनिर्भर बनने में बाधा आ सकती है ।

निष्कर्ष

अगर हमारा भारत देश आत्मनिर्भर बनता है तो है हमें किसी के सामने हाथ फ़ैलाने नही पड़ेंगे । सभी के पास रोजगार का अवसर होगा और गरीबी से मुक्ति भी मिल सकती है ।

हमें अपने देश आत्मनिर्भर बनना है तो पहले हमें आत्मनिर्भर बनना होगा तभी हम अपने देश की आत्मनिर्भरता में सहयोग दे सकते है ।

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