हमारे भारत देश में कई प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है। दीवाली भी उसमे से एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली या दीवाली का अर्थ है दीपो की रोशनी। दीपावली की रात दीपो से जगमग भरी रात होती है। दीवाली मुख्य रूप से हिन्दू धर्म का त्यौहार है। पर यह त्यौहार इतना प्रिय है, कि सभी धर्म के लोग इसे धूम धाम से मनाते है।
भगवान राम जी जब चौदह साल का वनवास काट कर अयोध्या वापस आये थे, तब पुरे अयोध्या में दीपक की रोशनी की गई थी और खुशिया मनाई गई थी। तब से उस दिन को दीवाली को रूप में मनाया जाना लगा। ऐसे लोगो के हिसाब से दीवाली मनाने का कई इतिहास है। कुछ लोगो का कहना है सतयुग में भगवन नृसिंह ने इस दिन राक्षस हिरन्यकश्यप का वध किये थे।
इस ख़ुशी में दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है। कुछ लोगो का कहना द्वापर में नरकासुर का वध भगवन श्री कृष्ण ने कार्तिक अमावस्या को किये थे, इसलिए मनाया जाता है।
दिवाली का उत्साह
दीवाली देश का सबसे बड़ा त्यौहार है। इस दिन हर जगह सिर्फ खुशिया ही खुशिया होती है। लोगो के मन में एक अलग उत्साह होता है। दीवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसकी तैयारी सब कई महीनो पहले से ही करने लगते है। क्योकि कि हिन्दू धर्म के लोग साल के पहले दिन से ही इस त्यौहार का इंतजार करने लगते है।
लोग कई महीनो पहले से घर की साफ सफाई में लग जाते है, लोगो का कहना है कि दीवाली के दिन घर में जितनी साफ सफाई रहेगी लक्ष्मी जी का निवास उतना ही होगा और धन की भी अधिकतम प्राप्ति होगी।
बाजारों में कई महीनो पहले से ही भीड़ लगने लगती है। नए – नए कपड़ो के लिए, घरो को सजाने के लिए कई तरह में वस्तुए मिलते है रंग बिरंगी लाईट, रंगोली, तोरण इत्यादी सजावट के वस्तुए मिलते है।
दिवाली कैसे मनाई जाती है –
वास्तव में देखा जाये तो दीवाली सिर्फ एक दिन का त्यौहार नही है। दीवाली के दो दिन पहले धनत्रेरश मानते है । हिन्दू धर्म के हिसाब से इस दिन कोई नही वस्तु लेना शुभ होता है और इस दिन से हमारी दीपावली भी शुरू हो जाती है।
धनत्रेरश तक हम अपने घरो की साफ सफाई कर लेते है, घरो की सजावट भी कर लेते है और उस दिन से घर के बाहर दीपक जलाते है, रंगोली निकलने लगते है ताकि लक्ष्मी जी के शुभ कदम हमारे घरो में आये और धन की बरसात हो । दीवाली के एक दिन छोटी दीवाली होती है, ये दिन भी हम धूम धाम से मानते है।
छोटी दीवाली के बाद फिर आता है हमारा मुख्य और प्यारा त्यौहार दीपावली । उस दिन पूरा भारत देश जग–मग करता है, पुरे देश में खुशिया मनाई जाती है। सभी लोग एक दुसरे से मिलने जाते है दीवाली की बधाई देते है। मिठाइयाँ खिलाते है और खाते है और फटाखे जलाते है। दीवाली अक्सर करके शाम से मानना शुरू करते है और रात तक मानते है।
दीवाली के दुसरे दिन नया साल रहता है। इस दिन को भी हम धूम धाम से मनाते है। एक दुसरे से गले मिलकर नए साल की बधाई देते है । दीवाली के एक दिन बाद भाईदूज रहता है। उस दिन बहन अपने भाई को माथे पर तिलक लगा कर आशीर्वाद लेती है और नये नये पग्वन खाते है।
दीपाली का त्यौहार विद्यार्थीयो को भी बहुत पसंद है, क्योकि स्कुल में लगभग 15 या 20 दिनों की छुटटीया होती है। इस लिए विद्यार्थियों की दिवाली खूब मजेदार होती है। ऑफिस भी कम से कम 5 से 10 दिन तक बंद रहता है।
निष्कर्ष
दीवाली खुशियों का त्यौहार है। इसे धूम धाम से मनाया जाता है।
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