स्वरोजगार पर निबंध । Essay on Self Employment in Hindi

स्वरोजगार होना अपने आप में एक स्वाभिमान सा भाव पैदा होता है । अगर आप एक स्वाभिमानी व्यक्ति है तो निश्चित ही आपको दुसरे के सहारे रह कर काम करने में मजा नहीं आता होगा । क्योंकि वो दूसरों पर निर्भर होकर कोई कार्य नहीं करना चाहता।

स्वरोजगार के सीधा सा अर्थ है की खुद के द्वारा रोजगार पैदा करना और उसके अंदर बेरोजगार लोगों को नौकरी देना । यदि हम अपना खुद का कोई उद्योग चालू करते है और उसका विकास करते है तो निश्चित ही वह स्वरोजगार होगा।

आज के समय में देखे तो बेरोजगारी और महँगाई आसमान छू रही है । देश में बढती जनसंख्या की वजह से सरकारी नौकरियां में कमी देखी जा रही है । जो वर्तमान समय एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।

इसलिए लोगों आजकल स्वरोजगार के बारे में ज्यादा ध्यान दे रहे है । स्वरोजगार में अधिकतर युवाओं का दिलचस्पी  देखी जा रही है । अगर हम खुद के रोजगार के बारे में सोचेंगे तभी जाकर हम देश को बेरोजगारी को मिटा सकते है।

स्वरोजगार का महत्व

हम अपने जीवन स्वरोजगार का महत्व इसी से समझ सकते है । क्योंकि देश कई लोग ऐसे है जिन्होंने अपने खुद के रोजगार से बड़ी तरक्की कर नाम रोशन किया है । उन्होंने देश में विकास का परचम लहराया है।

किसी के द्वारा शुरुवात किया गया कार्य कोई छोटा या बड़ा नहीं होता है । बस महत्व इस बात रहता है की आप उसमें कितने लगन से कार्य करते है । अगर कोई भी कार्य अच्छे मन व ईमानदारी से करते है तो वो निश्चित ही एक दिन मुकाम हासिल करेगा।

हम इसकी महत्व को इस बात से समझ सकते है की स्वरोजगार का बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजना चलायी जा रही है । जिसकी वजह से लोग अपना स्टार्टअप की शुरुवात कर सकते है।

स्टार्टअप की शुरुवात करने के लिए सरकार द्वारा लोन का प्रावधान किया गया है । जिसके तहत अगर आपके पास धन नहीं है तो आप बैंक से लोन लेकर अपनी रोजगार की शुरुवात कर सकते है । जो की आपको बस राशि ही चुकाना पड़ता है बाकि उसकी व्याज सरकार चुकाती है।

लोगों द्वारा स्वरोजगार के माध्यम  

शहरों से लेकर गाँवों तक लोग स्वरोजगार के कई माध्यम है । जिससे लोग खुद का रोजगार करके अपनी आमदनी निकलते है । ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों द्वारा रोजगार जैसे मत्स्य पालन, मुर्गी पालन, गौ शाला से दुग्ध का उत्पादन और भी तरीके से लोग अपने परिवार का खर्च चलाने के लिए स्वरोजगार किया करते है।

ऐसे ही शहरों में भी गाँवों से निकलकर लोग किसी कंपनी में काम करते है । या तो खुद का रोजगार जैसे ठेला लगाकर चाय, पकोड़ी, पानी-पूरी, समोसा की दुकान तथा अन्य द्वारा खुद का जीविका चलाते है।

स्वरोजगार को आगे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा हमें प्रशिक्षण भी दिया जाता है । जिससे हम लोग रोजगार करने के तौर तरीके से अच्छे सीख सके और अपने रोजगार की शुरु वात कर सके । जो भी व्यक्ति अच्छे से ट्रेनिंग लेकर रोजगार की शुरवात करता है तो वो निश्चित ही तरक्की के रास्ते पर बढ़ते जाता है।

निष्कर्ष

हमें अपने जीवन में स्वरोजगार होना बहुत ही जरूरी है । क्योंकि अगर हम किसी दूसरे के भरोसे से काम करते है  तो रिस्क रहता है की वो हमें कभी भी बाहर निकाल सकता है।

इसलिए हमें पहले अच्छी शिक्षा लेना चाहिए ताकि हमें रोजगार करने में कोई परेशानी नहीं होगी । और बिज़नेस को समझने में आसान रहता है।

error: Content is protected !!
Scroll to Top