नवरात्रि पर निबंध । Navratri Par Nibandh In Hindi

नवरात्रि एक अनोखा त्यौहार है, जो नौ रातो की होती है । यह त्यौहार एक ऐसा अनोखा त्यौहार है जो साल में दो बार आता है और बहुत धूम धाम से मनाया जाता है । पहली नवरात्रि हिंदी महीने के अनुसार चैत्र में यानि मार्च या अप्रैल में मनाया जाता है और दूसरी नवरात्री अक्टूबर या नवम्बर में मनाया जाता है ।

नवरात्रि के नव दिन माँ दुर्गा जी के नव अलग – अलग रूपों में मनाया जाता है, और दसवे दिन दहन करते है जो दशहरा के रूप में मनाया जाता है । नवरात्रि अलग अलग राज्यों के विभिन्न तरीको और विधियों से मनाई जाती है। कोलकाता में माँ दुर्गा जी की पूजा को सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है ।

दुर्गा पूजा क्यों मनाई जाती है 

माँ दुर्गा जी ने महिषासुर राक्षस का वध किया था । महिषासुर राक्षस को ब्रह्मा जी द्वारा वरदान प्राप्त हुआ था, कि उसे कभी कोई नही मार सकता है । लोग इस राक्षस के अत्याचारों से परेशान थे, जिसमे ब्रम्हा जी भी कुछ नही कर सकते थे, तब जाके के भगवान ब्रम्हा, विष्णु और शिव जी ने अपनी शक्ति से माँ दुर्गा जी की सृष्टि की थी ।

 

माँ दुर्गा जी के दस हाथ थे और उन्हें सारी शक्ति भी दी गई थी । माँ दुर्गा जी ने नौ दिनों तक महिषासुर राक्षस का मुकाबला किया और दसवे दिन जाकर उस राक्षस का वध किया । माँ दुर्गा जी के इस शक्ति को नवरात्री त्यौहार के रूप में मनाया जाता है ।

नवरात्री के नौ दिन 

नवरात्री के नौ दिन के प्रकार और कार्य दिए गये है इस प्रकार –

नवरात्री का पहला दिन 

नवरात्रि के पहले दिन को माँ शैलपुत्री के रूप में मनाया जाता है । इनकी पूजा करने से, एक उर्जा प्राप्त होती है, इस उर्जा से लोगो के मन में शांति मिलती है । माँ शैलपुत्री को पहाड़ो की पुत्री भी कहा जाता है ।

नवरात्रि का दूसरा दिन 

नवरात्रि का दूसरा दिन माँ ब्रहमचारिणी के रूप में मनाया जाता है । इस दिन माँ ब्रहमचारिणी की पूजा करते है, इनकी पूजा करने से हमें दुनिया के हर एक मुकाम हासिल करने कि और अपनी एक अलग पहचान बनने की शक्ति मिलती है ।

नवरात्रि का तीसरा दिन 

नवरात्रि के तीसरे दिन को माँ चंद्रघंटा के रूप में मानते है । ये देवी माँ चाँद की तरह चमकती है, इसलिए इन्हें माँ चंद्रघंटा के नाम से जाना जाता है । इनकी पूजा करने से मन के सारे नकरात्मक और गलत विचार दूर हो जाते है और गलत विचार आते ही नही है ।

नवरात्रि का चौथा दिन 

नवरात्रि के चौथे दिन को माँ कुष्मांडा के रूप में पूजा करते है । ये देवी माँ कृष्मान्डा की पूजा करने से हम उन्नती के रह पर चलते है और हमारे सोचने समझने की शक्ति में वृद्धि होती है ।

 

नवरात्रि का पांचवा दिन 

नवरात्री के पांचवे दिन को माँ स्कंदमाता के रूप में पूजा करते है । इन देवी माँ की पूजा करने से हमें अंदरूनी व्यावहारिक ज्ञान विकसित और प्राप्त होता है । इन्हें माँ कार्तिकेय देवी भी कहा जाता है ।

नवरात्रि का छठवां दिन

नवरात्रि के छटवे दिन को माँ कात्यायनी के रूप में पूजा करते है । इन देवी की पूजा करने से हमारे अंदर के नकारात्मक सोच दूर होती है, और हम सही मार्ग पर चलना सीखते है ।

नवरात्रि का सातवां दिन

नवरात्रि के सातवे दिन को हम माँ कालरात्रि के रूप में मानते है । इन देवी की पूजा करने से हमें अपने जीवन में यश वैभव और वैराग्य प्राप्त होता है । इन्हें और काल का नाश करने वाली देवी के स्वरूप से जाना जाता है ।

नवरात्रि का आठवां दिन

नवरात्रि के आठवे दिन को हम माँ महागौरी के रूप में मानते है । इन देवी की पूजा करने से हमें अपनी मनोकामना को पूर्ण करने का वरदान मिलता है । इन्हें सफ़ेद रंग वाली देवी के स्वरूप में भी मन जाता है ।

नवरात्रि का नौवां दिन 

नवरात्रि के नौवे दिन को हम माँ सिद्धिदात्री के रूप में मानते है । इन देवी की पूजा करने से हमें ऐसा आशीर्वाद मिलता है जिससे हम अपने सभी कामो को आसानी से कर सके और उनको पूर्ण कर सके ।

दशहरा के दिन 

दशहरा इसलिए मानते है, कहते है भगवान राम जी ने अपने भाई लक्ष्मण और हनुमानजी और अपनी पूरी सेना के साथ मिलकर माँ सीताजी को बचाने के लिए रावण से युद्ध किये थे । युद्ध करने से पहले युद्ध में विजय होने के लिए भगवान रामजी ने माँ दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी दिनों तक पूजा की थी ।

पुरे नव दिन पूजा करने के बाद दसवे दिन रावण से युद्ध किये थे और उस युद्ध में रावण की मुत्यु हो गई थी । इसलिए दशहरा का त्यौहार भगवान रामजी की विजय और रावण के वध के रूप में मनाया जाता है, और उस दिन रावण का पुतला जला कर ये सिद्ध किया जाता है, की बुराई पे अच्छाई की हमेशा जीत होती है ।

नवरात्रि की पूजा करने की विधि 

अपने घरो में कलश की स्थापना करते है और नव दिन तक दुर्गा पाठ करते है । नवरात्री की नव राते धूमधाम से मानते है । आठवे या नौवे दिन हवन करते है और दसवे दिन कलश का दहन करते है । हर राज्यों में अलग अलग तरीको से ये त्यौहार बनाया जाता है । गुजरात में लोग गरबा करते है ।

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