विदेशी आकर्षण का मतलब देश का नागरिक जागरूक न होना। हमारा भारत देश आज की युवा पर निर्भर है, ये आज की युवा ही आगे जाके भारत देश को विकासशील देश से विकसित देश बना सकते है। परन्तु अब के लोगो को ये लगता है, की भारत में उन्हें अच्छी शिक्षा प्राप्त नही हो रही है इसलिए वे लोग अच्छी शिक्षा के लिए विदेशो में जाना पसंद कर रहे है।
अगर यहाँ शिक्षा प्राप्त भी की हो तो लोग विदेश में जा कर कमाना पंसंद कर रहे है । उन्हें लगता है विदेश जाके वो उच्च तकनिकी से उच्च आमदनी ले सकते है । आज की युवा को विदेशो का रहन-सहन ज्यादा पसंद आ रहा है।
विदेशो में प्राप्त होने वाली हर सुविधा आज की युवा को काफी पसंद आ रहा है उन्हें लगता है भारत देश में हमें जादा मेहनत करनी पड़ेगी वही काम विदेशो में तकनिकी से आरामदायक हो सकती है। विदेशो के वातावरण और वह की चमक धमक से आज की युवा वहा आकर्षण हो रही है, और उन्हें लगता है वह अधिक वेतक मिल सकता है, अपने देश की अपेक्षा।
विदेशो के प्रति बढ़ता मोह
विदेश जाने की इच्छा और युवाओं का इस दिशा में रुझान बढ़ रहा है। इसमें उच्च शिक्षा, करियर और विभिन्न अनुभवों की तलाश शामिल है। हालांकि, हर किसी के लिए विदेश जाने की प्राथमिकताएं भिन्न होती हैं।
विदेश जाने की इच्छा में उद्देश्य अनेक हो सकते हैं। यह किसी के लिए उच्च शिक्षा, करियर की अधिगम, अनुसंधान या नौकरी के अवसरों के लिए हो सकता है। विदेश जाने से युवाओं को नई दृष्टिकोण, अनुभव और संस्कृतियों का ज्ञान मिलता है।
हालांकि, इसके साथ ही हमारी संस्कृति और धरोहर हमारी पहचान हैं और इसका महत्त्व है। अपनी भाषा, संस्कृति, और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देना भी हमारी जिम्मेदारी है।
विदेश जाने से पहले, यह भी महत्त्वपूर्ण है कि हम अपने उद्देश्य और प्राथमिकताओं को समझें। हमें यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि विदेश में सुख, संपन्नता और आर्थिक सफलता के साथ-साथ आत्मिक शांति और समृद्धि भी है।
विदेश में जाने के फायदे हैं, लेकिन हमें हमारे देशीय मूल्यों, भाषा, संस्कृति, और धरोहर का मूल्यांकन भी करना चाहिए। यह सभी तत्व हमें हमारी पहचान और शान को बनाए रखने के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
आत्मिक शांति, भाईचारा, और समृद्धि विदेशों में भी हो सकती हैं, लेकिन यह हमारे अपने देश में हमारे साथी, परिवार, और समाज के साथ रहकर ही मिलती हैं। इसलिए, हमें संतुलित रूप से अपनी आवश्यकताओं और सपनों को पूरा करने के लिए सोचना चाहिए, चाहे वो विदेश में हो या अपने देश में।
विदेशी आकर्षण का कारण
आज की युवा सुविधा के आलावा एक स्वत्रंत भरा जीवन चाहते है । वहा की उच्च तकनिकी और उच्च दृश्य आज की युवा को बहोत लुभा रही है।
आज की युवा का विदेशो की तरफ आकर्षण का सही कारण ये है की अगर वो वह मध्यम वर्ग का काम करके मध्यम वेतन भी मिल रहा है तो वही वेतन भारत में आ के उसका मूल्य दुगना हो जाता है।
उदाहरण के लिए अमेरिका में कमाया गया $ 1 भारत में Rs 83.04/- होता है (दिनांक – 17-12-2024 के हिसाब से) ऐसे ही अलग अलग देशो के Denomination अलग – अलग मूल्य होती है भारत में अत्यधिक करके उच्च मूल्य ही होता है।
येही कारण है विदेशो की और आकर्षण होने का । यहाँ तक की हमारे भारत में जो विदेशो से पढाई करके या कुछ दिन रह के आये हें उन्हें यहाँ के लोग बहोत इजज्त और मान देते है । इसलिए आ के बच्चे विदेशो में रहना जादा पसंद करते है।
विदेश में अवसर खोजने के प्रेरणास्रोत
- तकनीकी उन्नति और करियर की वृद्धि: डॉक्टर, इंजीनियर और वैज्ञानिक जैसे पेशेवरों को अक्सर विदेश में अवसर खोजने की इच्छा होती है ताकि वे अपनी क्षमता को और भी विकसित कर सकें और अपने क्षेत्र में तकनीकी उन्नति का लाभ उठा सकें।
- जीवन की गुणवत्ता में सुधार: बहुत से लोग विदेश में अधिक जीवनशैली के मानक, बेहतर काम-जीवन संतुलन और व्यक्तिगत विकास के संभावनाओं के आकर्षण में होते हैं।
- वित्तीय प्रोत्साहन: उच्च वेतन और बेहतर मुआवजा पैकेज की आकर्षण बड़ी संख्या में लोगों को विदेशी नौकरियों की खोज में प्रोत्साहित करती है। कई बार, विदेश में मध्यम वेतन वाली नौकरियां भी अपने देश की तुलना में अधिक आर्थिक स्थिरता प्रदान करती हैं।
विदेशी रोजगार का आकर्षण
- आर्थिक समृद्धि: विदेश में उच्च वेतन वाली नौकरियां व्यक्ति के वित्तीय दृष्टिकोण को सुधारती हैं, जिससे उन्हें विदेश में काम करने की प्रेरणा मिलती है।
- सामाजिक मान्यता: समाज विदेश में काम करने वालों को सम्मानित करता है, क्योंकि वहां काम करने से व्यक्ति को ग्लोबल दृष्टिकोण, विशेषज्ञता और विशिष्ट ज्ञान होता है।
- व्यक्तिगत और पेशेवर विकास: विदेश में काम करने से व्यक्ति को व्यक्तिगत विकास, विविध संस्कृतियों का संवाद, और पेशेवर विकास का अवसर मिलता है।
व्यक्तिगत लक्ष्यों और राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का संतुलन
- व्यक्तिगत प्राथमिकताएं: विदेश जाने या नहीं जाने का निर्णय व्यक्तिगत आकांक्षाओं, करियर के लक्ष्यों, और जीवनशैली की पसंद पर निर्भर करता है, जो व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं।
- सामाजिक जिम्मेदारियाँ: विदेश में अवसरों का अनुसरण करते समय, व्यक्ति को अपने देश के उन्नति में योगदान देना, संबंधों को बनाए रखना, और प्राप्त विशेषज्ञता का देश के विकास के लिए उपयोग करना भी ध्यान में रखना चाहिए।
- मूल्यों का संरेखण: व्यक्तिगत आकांक्षाओं को संतुलित करने के लिए अपनी संस्कृति, विरासत, और मूल्यों को भी महत्त्व देना चाहिए, जो विदेश में काम करने या बसने से संबंधित महत्वपूर्ण होते हैं।
निष्कर्ष
विदेश जाने या न जाने का निर्णय व्यक्तिगत होता है। यह निर्णय व्यक्ति की स्वभाव, उद्देश्य, और महत्त्वाकांक्षाओं पर निर्भर करता है। विदेश में काम करने या पढ़ाई करने से अनुभव, विशेषज्ञता, विश्वास और ज्ञान की विविधता मिलती है। हालांकि, अपने देश और संस्कृति का सम्मान करना और समाज के विकास में योगदान देना भी महत्त्वपूर्ण होता है। इसलिए, विदेश जाने का निर्णय व्यक्ति की व्यक्तिगत और सामाजिक प्राथमिकताओं पर आधारित होता है।
हमें अपने देश में रह के उच्च शिक्षा और उच्च वेतन लेने की कोशिश करनी चाहिए। इससे हम अपने माँ-बाप, अपने परिवार के साथ रह सकते है जो बहुत ही आनंद भरा जीवन रहेगा । हमें चाहिए की हमसब मिलकर अपने ही देश के वस्तुओ का बढावा दे ताकि अपने देश में जो निर्माण करने वाली कंपनिया है वो और आगे विकसित हो सके, लोगो को रोजगार भी मिल सके । अगर हम अपनी ही देश के बनी चीजो को खरीदेंगे तो जो गरीब आदमी है उसका उसको अपने उत्पादन का सही मूल्य मिल सके।
FAQs
विदेश जाने से व्यक्ति को वैश्विक दृष्टिकोण, नये अनुभव, भाषा और संस्कृतियों का ज्ञान प्राप्त होता है।
विदेशी आकर्षण के प्रमुख प्रकार होते हैं – विद्या, नौकरी, यात्रा, और व्यक्तिगत विकास।
विदेश में काम करने से व्यक्ति को अनुभव, उच्च वेतन, और अधिक विकास का अवसर मिलता है।
विदेशी शिक्षा से छात्रों को वैश्विक मानव संसाधनों तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता की दिशा मिलती है।
विदेश में नौकरी पाने के लिए योग्यता विभिन्न श्रेणियों में हो सकती है – शिक्षा, कौशल, अनुभव आदि।
विदेशी आकर्षण के प्रमुख कारण होते हैं – अनुभव, विकास, संबंध, और अधिक अवसर।
विदेश में शिक्षा पाने से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानव संसाधनों का ज्ञान होता है और उनकी सोच में व्यापकता आती है।
विदेश जाने से व्यक्ति का व्यक्तिगत और पेशेवर विकास होता है, जिससे उनकी सोच में नया दृष्टिकोण आता है।
विदेश में शिक्षा प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को अधिक विकास और अधिक अवसर मिलते हैं।