कुछ सालो पहले स्त्रियों का कोई आस्तित्व नही था । एस वजह से हमारा समाज पिछड़ेपन में गिना जाता है । केवल पुरुषो को ही समाज में इज्जत और शिक्षा का हक़दार माना जाता था । इसलिए हमारा देश अब तक विकसित देश नही बना है । देश को विकसित होने के लिए जितना जरुरी पुरुष का शिक्षित होना जरुरी है, ठीक वैसे ही नारी (स्त्रियों) का शिक्षित हो जरुरी है । तभी हमारा देश आगे बढ़ सकता है।
देश को आगे बढ़ाने के लिए हर एक नारी का शिक्षित होना बहुत जरुरी है । नेल्सन मंडेला जी ने कहा था की दुनिया को बदलने के लिए शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है । पहले के समय में स्त्रियों को अशिक्षित रखा गया था । इसलिए हमारा देश विकास नही कर पाया क्योकि हमारी आधी आबादी अशिक्षित थी।
हर घर में अगर एक शिक्षित नारी हो तो वो अपने परिवार का अपने बच्चो को और समाज का विकास कर सकती है। इसलिए नारी शिक्षा सबसे जरुरी है । नारी शिक्षा से ही हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकते है।
आज भी कई देशो में अक्सर करके विकाशील देशो में लोग स्त्रियों को शिक्षा देना जरुरी नही समझते है । इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में हमारा भारत देश आज भी पीछे है।
नारी शिक्षा का महत्व
- आज और आने वाले आदिकाल में नारी शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है । जिस प्रकार इंसान को जीने के लिए ऑक्सीजन की जरुरत होती है । ठीक उसी प्रकार देश को विकाशील से विकसित बनाने के लिए नारी को शिक्षित होना जरूरी है।
- अगर महिलाये शिक्षित होगी तो वो अपने अधिकार लिए लड़ सकती है।
- अगर महिलाये शिक्षित होगी तो उनको जीने के लिए किसी और पर निर्भर नही होना पड़ेगा।
- नारी अगर शिक्षित हो, तो वो अपने बच्चो को अच्छा जीवन दे सकती है।
- नारी शिक्षित हो तो उसके शादी के लिए दहेज़ नही देना पड़ेगा । दहेज प्रथा धीरे – धीरे बंद हो जायेगा।
- स्त्री और पुरुष दोनों एक बराबर शिक्षित रहेंगे, तो दोनों कमा सकते है । इससे उनके घर की और देश की आर्थिक स्थिति ठीक रहेगा।
- हमारे देश की हर एक नारी अगर शिक्षित हो जाये तो, हमारा देश विकाशील से विकसित देश में आ जायेगा।
नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के उपाय
- नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इसकी शुरुवात हमें अपने घर करनी होगी । हम अपने घर की महिलाओं की शिक्षित करेंगे । तभी हमारा देख कर दुसरे लोग भी शिक्षित करेंगे / बनेंगे।
- हमें नारी को शिक्षित करने के लिए खुद को जागरूक होना पड़ेगा और दुसरो को भी जागरूक करना होगा । क्योकि आज भी कई लोग महिलाओ और बेटियों को पढाना जरुरी नही मानते है।
सरकार द्वारा सेवा का प्रावधान –
सरकार द्वारा भी नारी शिक्षित के लिए बहुत बड़ा योगदान मिल रहा है । स्कूलों में लडकियों को पुस्तक मुफ्त में दिया जा रहा है । निजी स्कूलों में लडको के अपेक्षा लड़कियों की पढाई की फीस आधी है । कई सारे सरकारी स्कूल है जहाँ लड़कियों को मुफ्त में सिखाया और पढ़ाया जाता है।
नारी के लिए सरकार द्वारा भूमिका –
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना
- महिला हेल्पलाइन योजना
- उज्ज्वला योजना
- महिला शक्ति केंद्र
- पंचायती राज योजना में महिलाओ आरक्षण
नारी शिक्षा की शुरुआत कब और कैसे हुई ?
बहुत साल पहले जब ज्योतिबा फुले स्कूल में पढ़ाने जाते थे । तब वहाँ सिर्फ लड़के ही आते थे । लडकियाँ पढने नही आती थी । ज्योतिबा फुले सबके घर जाकर लडकियों के शिक्षा के बारे में कहा, तब सबका एक ही उत्तर था की वहाँ कोई महिलाये नही आती है तो हम अपने बच्चियों को कैसे भेज दे।
तभी ज्योतिबा फुले ने अपने पत्नी सावित्री बाई फुले को घर में ही शिक्षा देना शुरू किये और फिर सावित्री बाई फुले स्कूल में आकर पढ़ने लगी । तभी एक दो लड़कियां स्कूल पढने आने लगी । हमारे देश पहली महिला टीचर सावित्री बाई फुले बनी । जिस पर सबको नाज है।
निष्कर्ष
जब हर नारी शिक्षा प्राप्त करेगी, चाहे वो गरीब, आमिर हो, शहर की हो, ग्रामीण हो तभी हमारा देश, समाज और उनका परिवार विकास की ओर बढेगा । इसलिए हर एक नारी को शिक्षित करना/होना बहुत जरुरी है।