बाल मजदूरी पर निबंध l बाल श्रम l Child Labour Essay in Hindi

बच्चो को काम करने के लिए एक उम्र निर्धारित किया गया है, उस निर्धारित आयु के पहले बच्चो से अगर काम कराया जाये, तो उसे बाल मजदूरी कहा जाता है। कुछ माता –पिता अपने आर्थिक स्थति के कारण बच्चो से कम आयु से ही काम करवाने लगते है।

अक्सर करके जिसके माता-पिता की कम आमदनी होती है वे अपने बच्चो को स्कुल और अच्छी परवरिश नही दे पाते वही अपने बच्चो से बाल मजदूरी करवाते है । एसे माता-पिता खुद अधिक परिश्रम न करके अपने बच्चो से काम करवाते है।

बाल मजदूरी एक क़ानूनी अपराध है, काम करने वाला, काम देने वाला और काम कराने वाला हर एक व्यक्ति कानून की नजरो में अपराधी है । बचपन हर बच्चो के जीवन का प्यारा समय है, जिसे उन्हें जीने का जन्म सिद्ध अधिकार है । इसे छिनने का हक़ किसे के पास नही है।

बच्चो के लिए बचपन तो कुछ नया सिखने के लिए होता है, दोस्ती करने के लिए, दोस्तों के साथ खेलने के लिए, मस्ती करने के लिए, पढाई करने के लिए, सपने देखने के लिए होता है, आगे जा कर उन्हें क्या करना है और क्या बनाना है। आखिर हमारे देश के यही भविष्य है।

लोगो की गलत सोच

लेकिन कुछ माता –पिता की गलत सोच की वजह से उन्हें अपना जीवन नही जीने मिल रहा है, कुछ माता –पिता का सोचना ये है की पढाई करके क्या होगा, ज्यादा कर के ये सोच लडकियों को ले कर होता है, कि लड़की जात है पढ़ के क्या करेगी आगे जाके घर ही संभालना है, इसलिए उनसे बचपन से ही अपने घर के काम और दुसरो के घर में काम करने भेजने लगते है। उनसे उनका सुनहरा जीवन छीन लिया जाता है।

कई छोटी कंपनियों में कम तनख्वाह देने की वजह से, वे लोग कम आयु के बच्चो को काम पर रखते है, और उनसे उनकी उम्र से अधिक परिश्रम का कार्य करवाते है। कई चाय के दुकान पर, फास्ट फ़ूड के दुकानों पर, होटलों में भी बाल मजदूरी करवाई जाती है।

बाल मजदूरी के कारण

बाल मजदूरी भारत में बड़ा सामाजिक मुददा बनता जा रहा है। हमें भारत में बनाये गये नियमो का पालन करना चाहिए और उस नियम के रास्ते पर चलना चाहिए।

बच्चो को खुद नही पता रहता है, कि उनके साथ अन्याय हो रहा है क्योकि वो ये नियम से अनजान है, वह बहुत प्यारे और मासूम बच्चे है।

बाल मजदूरी कम न होने का सबसे बडा जड़ बढती महगाई, भयंकर गरीबी, अत्यधिक स्कुलो की फ़ीस, महँगी पुस्तके इत्यादि कारणों के वजह से बाल मजदूरी कम नही हो रही है, पर इसे हमें रोकना होगा गरीब माता-पिता और मालिक जो कामो पर रखते है उन्हें अपने अप को बदलना होगा तब जाके बाल मजदूरी में सुधार आ सकता है।

हमारे देश को विकाशील से विकसित बनाए के लिए इन प्यारे बच्चो के हातो में किताबे देनी होगी ना, कि जिंदगी का बोझ ये बच्चे पढ़े के तभी हमारा भारत देश विकसित होगा और हम सब सुकून का जीवन जियेगे।

निष्कर्ष

बाल मजदूरी रोकने के लिए सबसे पहले माता-पिता और मालिको का सोच बदलना होगा। जगह – जगह स्कुलो की सुविधा देनी होगी और फ़ीस कम करना होगा। जिससे हर बच्चा स्कुल जा सके और शिक्षा ग्रहण कर सके।

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