आज के युग की बात करे तो पूरा मानव जीवन विज्ञान के तकनीक पर निर्भर है । इसलिए हम इसे वैज्ञानिक युग भी कहा जा सकता है । इस विश्व की प्रगति में विज्ञान का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है । आज के युग में किसी भी व्यक्ति को वैज्ञानिक बनकर अपने देश के हित व भलाई के लिए कार्य करना निसंदेह ही बड़ी गर्व वाली बात होती है ।
भारत में वैज्ञानिको की प्रतिभा को प्राचीन कल से लेकर आज तक विश्व में सक्षम प्रमाणित किया गया है, विज्ञान की विविध प्रकार की शाखाओ, खोज एव अनुसंधानों में कई भारतीय वैज्ञानिको की महत्व भूमिका रही है l
यदि में वैज्ञानिक होता तो भारत विश्व के विज्ञान के क्षेत्र में अपनी हुनर से भारत को विश्व में एक अलग ही महत्व रखने की काबिल बनाने की कोशिश होगा ।
विज्ञान के बारे में सोच
यदि मै वैज्ञानिक होता तो अपनी अनुभव को नई पीढ़ी में ले जाता ताकि हमें अपने पुराने वैज्ञानिक व गणितज्ञो की परम्परा को भूलने नही देता । क्योकि नई पीढ़ी पुरानी पहेलियो को सुलझाकर मानव जनजाति का कल्याण कर सके।
आजकल विज्ञान इतना आगे बढ़ चूका है की नई – नई तकनीक की वजह से विकसित देश दुसरे देशों को हथियार बेचता है, जो आधुनिक तकनीक से लैस रहता है । परन्तु इससे एक दुसरे देशों के बीच झगडे भी करवाता है ।
विज्ञान की बढती तकनीक की वजह से हर एक देश दुसरे देशों से बड़ा व विश्व गुरु बनना चाहता है । और दूसरी तरफ की बात करे तो प्रयोगशालाओं में निर्मित दवाईयो की वजह से महामारी जैसे खतरनाक बीमारियों को मात देने में विज्ञान की तकनीक सफल रही है ।
यदि मै वैज्ञानिक होता तो मानव को विनाश की राह पर न ले जाकर विश्व के कल्याण के हित में काम करने के प्रयास करता ।
वैज्ञानिक के तौर पर मेरा योगदान
विज्ञान के क्षेत्रो में वैज्ञानिक का क्या महत्व है, आज की दुनियाँ सब जान चुकी है । हाल का ही उदहारण लिया जाये तो पुरे विश्व में आया COVID-19 जैसे वैश्विक महामारी जिससे पूरी दुनियाँ तबाही मचा दी ।
परन्तु विश्व के सभी वैज्ञानिको की मेहनत व विज्ञान के तकनीक की वजह इस पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है । लेकिन अभी भी जड़ से मिटाने के लिए वैज्ञानिको की कोशिश जारी है ।
यदि मै वैज्ञानिक होता तो विज्ञान को और तरक्की की ओर लेकर जाता, लोगो के कल्याण व विकास के हित के लिए काम करता जिससे लोगो का जीवन सुलभ हो सके ।
वैसे देखा जाये तो विज्ञान के क्षेत्र में अलग – अलग वैज्ञानिको ने अपने अविष्कारों से पूरी दुनिया के उद्धार किया है । न्यूटन जैसे महान वैज्ञानिक ने गुरुत्वाकर्षण बल का पता लगाया जो आज भी कॉलेजों, स्कूलों में सिखाया जाता है । वैसे ही थामस ऐल्वा एडिशन बल्ब का अविष्कार किया जो आज के समय में सबसे महत्वपूर्ण चीजो में से एक रोशनी दी है ।
ऐसे ही हम भी एक वैज्ञानिक के तौर पर ऐसा काम करने की कोशिश करेंगे जिससे विज्ञान के क्षेत्र में एक मेरी पहचान हो और मेरे अविष्कार की हुई चीज से लोगो के मुश्किल चीजो को आसान कर दे ।
विज्ञान की सोच
निश्चित रूप से हमारे विज्ञान का सोच एक सामान्य सोच से अलग होता है । जो नई अविष्कारों के बारे में सोचता है और उस पर अमल करता है ।
आज के दौर में विज्ञान को संचार क्रांति का युग भी माना जाने लगेगा । इस विज्ञान व वैज्ञानिक गतिविधियों के द्वारा एक सामान्य मनुष्यों का जीवन आसान हो गया है ।
इस सब कार्य की वजह से हमें गौरवन्वित महसूस होता है की कई महान वैज्ञानिको की महानतम की वजह से कई तरह की सुविधाए प्राप्त हुई है ।
आज के समय भी कई वैज्ञानिक नई उपलब्धि व अनुसंधानों को आगे बढ़ाने की दिशा में लगे हुए है । यही सब देखते हुए मै सोचता हु की यदि मै वैज्ञानिक होता तो नवीन तकनीक से नई अविष्कारों के बारे आगे बढ़ने के लिए सोचता । और अपने देश के लिए अपनी भागीदारी के छोटा सा हिस्सा देश को समर्पित करता ।
निष्कर्ष
वैज्ञानिक होना एक गर्व की बात है । हमारे देश के वैज्ञानिक एक मजबूत स्तम्भ के जैसे मजबूती के साथ खड़े रहते है । जिससे आम लोगो को जीवन जीने में आसानी होता है ।
हमें भी वैज्ञानिक रूप में मानकर अपने देश के लिए अच्छे कार्य में सहयोग करना चाहिए । क्योकि हमारी एकता ही हमारे देश के वैज्ञानिको को आगे बढ़ने में मदद करता है इसलिए हमें सहयोग करते रहना चाहिए ।