एक पुस्तक अपने ज्ञान की रोशनी से पूरी दुनिया को प्रकाशमय कर देती है। सभी के जीवन में पुस्तक की बहुत बड़ी भूमिका होती है। पुस्तक से मिले ज्ञान की तुलना विश्व की कोई चीज़ नही कर सकती ।
जब हम एक सही पुस्तक का चयन करते हैं तब हम अपने अंदर के विचार, व्यक्तित्व और दिमाग को और बेहतर बना देते है। पुस्तक की ज्ञान की दुनिया में हर कोई खोना चाहता है जो मनुष्य का एक परम् और सच्चा दोस्त बन सकता है।
पुस्तक द्वारा सही व्यक्तिव
मनुष्य को राक्षस से इंसान बनने वाला यही पुस्तक होता है। हर व्यक्ति इससे बेहतर इंसान बन जाता है एक पुस्तक जीवन के मुश्किलों भरी राह में आगे चलकर सफलता पाने में मार्गदर्शक की तरह कार्य करती है।
हर तरह का ज्ञान हमें पुस्तक द्वारा मिलता है। यदि मनुष्य का इस संसार मे कोई सच्चा मित्र है तो वह पुस्तक है। एक पुस्तक जीवन मे गुरु और मित्र दोनो की भूमिका निभाता है।
इसी कारण से मैंने भी पुस्तक को अपना दोस्त बना लिया गीता के रूप में। मेरी सबसे पसन्दीदा और प्रिय पुस्तक गीता है।
गीता से हमें सिख मिलती है कि मनुष्य को केवल अपना कर्म करना चाहिए और फल की चिंता नही करनी चाहिए। हम तो बस इस दुनिया मे अपना कर्तव्य पूरा करने आये हैं और कुछ अच्छे कर्म जो सबसे बड़ा धर्म है इन्ही रास्तों पर चल कर हम ईश्वर को पा सकते हैं।
गीता–एक प्रेरणा
हमारे कर्मों का लेखा जोखा केवल भगवान कृष्ण ही देख सकते हैं वही सबकुछ हैं, सबसे ऊपर उनका दर्जा है और यह सृष्टि उन्ही के द्वारा रची गई है अर्थात वही सबके मालिक है।
इस दुनिया में कई ऐसी चीजें हैं जो दौविक आभास कराती है इस पुस्तक के द्वारा हम उन्हें समझने में बेहतर बनते हैं। गीता हमें भगवान में विश्वास रखने की प्रेरणा देता है जिसके द्वारा हम जीवन के प्रति अपना कर्तव्य पूरा कर पाते हैं।
गीता को पढ़ने के बाद यह समझ ते हैं कि आत्मा और शरीर दोनों अलग हैं जहां हमारी आत्मा अमर है और शरीर मृत्य पाता है।
गीता से लक्ष्य निर्धारित
महान से महान पुरुष और साधू-सन्तों ने जीवन के लक्ष्य को समझने के लिए गीता का शरण लिया है। हमारे राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी भी बड़ी से बड़ी समस्याओं का हल ढूंढने के लिए गीता को करीब रखा है।
गीता सभी के जीवन के लिए किसी प्रेरणा से कम नही है। इसे पढ़ने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है जो जीवन में बेहतर इंसान बनने की सीख देता है।
जब भी मैं इस पुस्तक के करीब रहती हूँ तब-तब मुझे यह ख्याल आता है कि स्वयं भगवान कृष्ण मेरे सामने प्रकट होकर बात कर रहे हैं। उस समय मुझे यह अहसास होता है कि मैं इस दुनिया में सबसे उच्च स्तर की हूँ और इस दुनिया में एक वरदान हूँ जिसका जन्म किसी ख़ास मकसद के लिए हुआ है।
हर राह आसान
लोगों के जीवन में कई प्रकार के उतार-चढ़ाव आते हैं पर हर कोई उन सबसे उबर नही पाता उस समय में यह गीता ही एकमात्र साधन होता है जो उन हालातों से जूझने की शक्ति देता है।
अर्थात यह ऐसी पुस्तक है जिसके द्वारा मेरा जीवन सरल और सुलझा हुआ हो गया है। इन्ही सब दैविक कारणों की वजह से मैं गीता से इतनी ज्यादा जुड़ी हुई हूं। और दिल से इसकी पूजा करती हूं। इसे पढ़ने से अलग ही सुकून और खुशी मिलती है।
विश्व की जितनी भी पुस्तकें हैं उनमें सबसे प्रिय है मुझे गीता जिसका हिन्दू शास्त्रों में सबसे पहले नाम आता है । भारत जैसे हिंदू प्रधान देश में जहां संस्कृति और सभ्यता लोगों का धर्म है गीता होती है। गीता में मौजूद अक्षरों का वर्णन संस्कृत भाषा में की गई है।
निष्कर्ष
अपने राष्ट्र से बाहर की दुनिया में भी गीता के बहुत चर्चें हैं और लोग दिल से इसकी इज़्ज़त करते हैं। गीता को हर रूप में विश्व स्तर पर लोगों द्वारा पसन्द किया गया है। गीता का नाम उन पुस्तकों में शामिल है जो कई प्रकार की भाषाओं में अनुवादित है।