भारतीय किसान पर निबंध । Essay on Indian Farmer in Hindi

किसी भी देश का किसान अपने जगह की मिट्टी को अपना माता समझता है और उसी धरती माता से फल की उम्मीद करता है जिसे वह दिन भर के परिश्रम के बाद खेतों में काम करके उगाता है।

हम आज हर प्रकार की फल व सब्जियाँ खा पाते हैं वह केवल उन किसान भइयों की वजह से जो दिन भर अपना पसीना बहा-बहा कर उन फसलों की देखभाल करता है और और तब जाकर वह अनाज हम तक पहुंचता है।

किसान देश के लिए महत्वपूर्ण

किसान का भारत देश मे भी भूमिका को ध्यान में रखते हुए हर साल सरकार ने 23 दिसम्बर को किसान दिवस मनाने का निश्चय किया। हर किसान धरती को मां समझ कर पूजता है क्योंकि वह उन्हें अन्न प्रदान करती  उन्ही के द्वारा उगाये गए अन्न से पूरे राष्ट्र का पेट भरता है।

यदि देश मे किसान ही नहीँ रहे तो हनें अनाज नही मिल पायेगा और फिर इस तरह पुरे देश मे भुखमरी फैल जाएगा लोग बग़ैर अन्न के दम तोड़ने लगेंगे। इन सबके बावजूद भी हमारे देश के कुछ लोग इनको इज्जत नही देते और बहुत निच समझते हैं।

देश मे सब बराबर

हमारे देश का एक कानून है एक लोग हैं और किसान हमसे भिन्न नहीं हैं बल्कि हम सबमे एक हैं। हर मनुष्य ही किसान है क्यों सब लोग ही कड़ी परिश्रम करते हैं।

एक किसान जब कोई अनाज की उपज करता है तब ऐसा सिर्फ कभी-कभी ही ऐसा होता है देश भर के समाचार पत्रों में सब विषय पर चर्चे लिखे होते हैं पर किसान भाइयों के हालातों पर बिल्कुल भी ग़ौर नही किया जाता, उनके बारे में कोई वर्णन नहीं होता।

किसान से ही अनाज

आम लोगों के द्वारा भी किसानों को नजरअंदाज कर दिया जाता है। इन खबरों में  बड़े-बड़े लोगों के ऊपर चर्चे होते हैं। इसके अलावा सभी किसानों की मजबूरी और खराब हालातों को नहीं दिखाते हैं।

यदि ये न्यूज़ मीडिया वाके किसानों को ध्यान मे रखकर खबरें देश में फैलाएं तो उन्हें उनके हिस्से का कुछ लाभ या अधिकार मिलेगा। चैनल के लोग किसानों की तकलीफ को दिखाएं तो कुछ हद तक किसानों की मुश्किलें आसान हो सकती हैं।

सरल जीवन किसान का

देश के किसान भाई अपना जीवन बहुत ही सादेपन से जीते हैं जहाँ उन्हें तेज झुलसती धूप हो या तूफानी बारिश हर परिस्थिति में अपने अनाज और फसल की रखवाली करते हैं।

देश भर में दुनिया मे चाहे लोगकितनी भी अमीरी क्यों न आ जाये पर लोगों के पेट सर्फ एक किसान ही भर सकता है।

अर्थात सभी उस गरीब हो या अमीर हो, लेकिन सब पर ही निर्भर करते हैं। ऐसे में यदु हुम् ही उन्हें नज़रअंदाज़ करेंगे तो हमारा घर नही चल पाएगा क्योंकि फिर वे हमें अनाज बेचना बन्द कर देंगे और शहर और व ग्रामीण क्षेत्रों के लॉबी भूखे मर जायेंगे।

हमें यह देश सबको साथ लेकर चलनी चाहिए जिससे किसी का भी अधिकार न छीने। सब लोग किसान पर ही निर्भर होते है क्योंकि अगर किसान खेती करना छोड़ देगा तो लोगो को अनाज नहीं मिलेगा और वह भूख से मरने लगेंगे।

निष्कर्ष

एक किसान दिनभर धूप  छांव बारिश में कड़ी परिश्रम कर के केबाद फसल उगाता है जिसका भगवान उसे फल देता है। उस फल को वह ख़ुशी-ख़ुशी स्वीकार करता करता है ।

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