माता – पिता पर निबंध l Essay On Parents In Hindi

माता – पिता हमे भगवान की ओर से दिये गये सबसे कीमती और अनमोल उपहार है। हम सबको अपने माता पिता को एहमियत देनी चाहिए चाहे वो हमे कितना भी चिल्लाए या डांटे क्योकि माता पिता का स्थान हमारे जीवन में भगवान से भी पहले आता है। हमे उनकी पूजा करनी चाहिए हर रोज उनका आशीर्वाद लेना चाहिए । माता – पिता का प्यार अपने हर बच्चो के लिए निस्वार्थ होता है।

और वे हमारी खुशियों के लिए कुछ भी कर सकते है। माँ – बाप हमारे हर सुख दुःख में साथ देते है वे हमें सही राह दिखाते है ।  एक माता – पिता ही है जो हमें बिना कोई शर्त के सही मायने में हमें प्यार करते है और हमारी मदद करते है।

माता – पिता का प्यार

इनका प्यार हमेशा अपने बच्चो के लिए निस्वार्थ होता है । उनका हमारे जीवन में होना हमारे लिए बहुत ही भाग्यशाली है । माता – पिता हर राह में हमारे साथ रहते है उनकी यही कोशिश रहती है की हम हमेशा खुश रहे वो हमारी खुशियों और कामयाबी की ही कामना करते है।

माता – पिता के बिना किसी का भी जीवन खुशहाल नही हो सकता, क्योकि वो हमारे संरक्षक है। जो हमारी ख़ुशी और इच्छा पूरी करने के लिए दिन – रात कड़ी मेहनत करते है। हमे उनका बलिदान और हमारे लिए किये गये कड़ी मेहनत कभी नही भूलना चाहिए।

अपने बच्चो के विकास लिए अहम् भूमिका और कड़ी मेहनत –

माता – पिता अपने बच्चो के विकास के बहुत लिए मेहनत करते है। वो हमें सब कुछ देते है जो हमारी जरुरत होती है। हमारे माँ – बाप भले ही शिक्षित नही होने पर भी हमे उच्च शिक्षा प्राप्त कराने के लिए सब कुछ करते है। वे हमें सब कुछ प्रदान करते है, जो हमें मानसिक ओए शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है।

कुछ गरीब लोग होते है, जो अपने बच्चो की मनचाह इच्छा पूरी नही कर पाते है। फिर भी अपने तरफ से पूरी कोशिश करते है। माता – पिता एक ऐसे इंसान है जो हमे अच्छी शिक्षा प्राप्त करवाते है और हमे सही मार्ग पर चलना सिखाते है। हमारी खुशियों और उज्जवल भविष्य के लिए अपनी जीवन भर कमाई गयी पूँजी लगा देते है । सच में माता – पिता है तो हम है।

कड़ी मेहनत और बुरे समय में सहायक

माता – पिता हमारी हर इच्छा को पूरी करने के लिए दिन – रात कड़ी मेहनत करते है। वह कितना भी परेशान हो या मुसीबत में हो लेकिन कभी भी हमें नही जताते है वे हमें बेहतर जिन्दगी देने के लिए खुद को भूलकर दिन – रात मेहनत करते है।

जब भुई हम किसी मुसीबत में पड़ते है और सब लोग हमारा साथ छोड़ देते है, तब एक मात्र माता – पिता ही जो रहते है जो हमारे साथ रहते है। चाहे कुछ भी हो या यह कठिन समय में हमारी मदद करते है और हमें जीवन के चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करते है।

माता – पिता के प्रति बच्चो का कर्तव्य

हमें अपने माता – पिता का कभी भी निरादर नही करना चाहिए। माता – पिता का निरादर मतलब भगवान का निरादर। हमें अपने माता पिता की ख़ुशी के लिए हर बात माननी चाहिए। हम सबको अपने माता – पिता का सम्मान करना चाहिए क्योकि वो हमे इस दुनिया में लाये है और वह जीवन में सिर्फ एक बार ही मिलता है। उनकी जगह और कोई भी नही ले सकता है।

माता – पिता और हमारी बाल्यवस्था

इन्सान चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए लेकिन वह अपने माता – पिता के लिए एक बच्चा ही रहता है। माँ – बाप ही एक ऐसे इन्सान होते है । जो खुद से ज्यादा अपने बच्चो को प्यार करते है।

माता – पिता अपने बच्चो को जन्म देने के बाद जैसे खुद को भूल ही जाते है। वह छोटे बच्चो की तरह हमारे साथ खेलते है। हमें बोलना, चलना, खेलना, खाना आदि सब सिखाते है । वे खुद की दुनिया भूलकर हमारे हिसाब से जीते है।

माता – पिता की वृद्धावस्था में सेवा 

आज के लोग अपने माता – पिता को नही मानते, वे अपने माता – पिता को अपने परिवार का हिस्सा नही मानते है। माँ बाप द्वारा दिये गये बलिदान को भूल जाते है कुछ लोग माता – पिता को बोझ समझकर वृद्धाआश्रम में छोड़ देते है।

ऐसे बच्चो को इस दुनिया में आने का कोई हक़ नही है । जो भूल जाते है की आज हम इतने बड़े काबिल हुए है वो सिर्फ अपने माँ बाप की वजह से ही है।

वृद्धावस्था में हमें अपने माता – पिता को खुश रखने के लिए उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। उनकी हर इच्छा पूरी करनी चाहिए। कभी अपमान नही करना चाहिए हमें ऐसा सोचना चाहिए की मेरे माता – पिता ही मेरे भगवान है।

निष्कर्ष

हमें अपने माता – पिता की उपस्थिति को महत्व देना चाहिए। उनका हमेशा सम्मान और आदर करना चाहिए। अपने माता – पिता से प्यार करना चाहिए और वृद्धावस्था में उनकी सेवा करना चाहिए।

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