भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के उत्साह में जन्माष्टमी का यह पावन पर्व पूरी दुनिया में आस्था और विश्वास के साथ मनाते हैं। श्री कृष्ण इंसानों के पहले से ही एक विश्वास बनकर सभी के दिलों में रहे हैं।
वे कई रूप में आते हैं, कभी माँ यशोदा के लाल बन जाते हैं, तो कभी ब्रज के नटखट गोपाल। जन्माष्टमी को केवल हमारे देश में ही नहीं, अपितु विदेशों में रह रहे भारतीय भी पूरी आस्था और श्रद्धा से मनाते हैं।
यह पर्व आस्था, स्वच्छता और विश्वास को दर्शाते है। इस त्यौहार से सभी के दिलों में अच्छाई और सच्चाई का भाव पैदा होता है।
श्रद्धा का प्रतीक
भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव का दिन बहुत ही खुशी और उमंग से मनाते हैं। कृष्णजी देवकी व वासुदेव के 8वें बेटे रहे थे। मथुरा नगरी में राजा कंस था, जो कि बहुत क्रूरता दिखाता था। उसके अत्याचार व क्रूरता की वजह से सभी लोग डर के रहते थे।
एक वक्त आया जब आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का जो अगला पुत्र आएगा वह उसको मार देगा। यह बात जानकर कंस ने अपनी बहन देवकी को उसके पति वासुदेव के साथ काल-कोठारी में कैद कर दिया। कंस ने देवकी मां के कृष्ण से पहले हुए बच्चों को खत्म कर डाला।
जब देवी देवकी कृष्ण को इस दुनिया में लायी, तब भगवान विष्णु ने वासुदेव से कहा कि वे श्री कृष्ण को गोकुल में मौजूद यशोदा माता व नंद बाबा के पास आ गए जहां पे वे अपने मामा कंस से बच पाएंगे।
श्री कृष्ण की देखरेख यशोदा माता व नंद बाबा के पास हुआ , उनके जन्म के उमंग में हर वर्ष जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। यह पावन पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाते हैं जो रक्षाबंधन के पश्चात अष्टमी तिथि को मानते हैं।
जन्माष्टमी की चकाचौंध
जन्माष्टमी पर मंदिरों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जाता है। इसके बाद सारा दिन व्रत का माहौल रहता है। सभी लोग 12 बजे तक उपवास रखते हैं।
आज के दिन मंदिरों में झांकियां बनाई जाती हैं और भगवान श्रीकृष्ण को झुलाते हैं और रासलीला भी रखा जाता है। लगभग सभी घरों में कृष्ण की प्रतिमा झूले में रखकर सारा दिन भजन गाते हैं और इस पर्व को खुशी और उमंग से मनाते हैं।
हांडी की प्रतियोगिता
जन्माष्टमी के दिन पूरे भारत में कई स्थानों पर दही-हांडी प्रतियोगिता रखते हैं। इस प्रतियोगिता में सभी जगह के बच्चे बाल कृष्ण बनकर भाग लेते हैं।
मटकी में दही भरी होती है जिसे रस्सी की मदद से आसमान में लोग लटकाते हैं के बाल-गोविंदाओं मिलकर मटकी को तोड़ने की कोशिश करते हैं। इस प्रतियोगिता में जो जीतते हैं उसे इनाम दिए जाते हैं। जो विजेता टीम हांडी को तोड़ने में सफल हो जाती है वह इनाम पाने की हकदार होती है।
निष्कर्ष
आज के दिन व्रत रखना बहुत ही शुभ माना गया है। अपनी काबिलियत और क्षमता के मुताबिक फलाहार करना चाहिए। हमारे भगवान हमें भूखा कभी नहीं रखते इसी कारण अपनी श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए ही।
सारा दिन व्रत में कुछ भी न खाने से हमारे शरीर पर खराब प्रभाव पड़ सकता है। इसी कारण हमें श्री कृष्ण के संदेशों को अपने ज़िन्दगी में शामिल करना चाहिए।