एक इंसान के लिए उसका सबसे प्रथम शिक्षक उसके माता-पिता होते हैं। हमारे देश में पुराने काल से ही शिक्षक और शिक्षा को महत्व दी जा रही है।
एक गुरु ही है जो हमारे जीवन का सही मार्गदर्शन करते हैं और जीने का सही तरीखा भी सिखाते हैं। यही गुरु सही मार्ग पर चलने के लिए हमेशा प्रेरित करते रहते हैं।
कोई भी शिक्षक हमारे ज़िन्दगी में एक बेहतर कल लेकर आते हैं और महान और सबसे अहम हिस्सा बन जाते हैं। शिक्षक हमें अपने ज्ञान, कौशल स्तर, आत्मविश्वास के साथ-साथ सफलता पाने में काफी सहायक सिद्ध होते हैं। इसी कारण हमारे पास अपने शिक्षकों के तरफ कुछ जिम्मेदारियाँ भी हैं।
प्रत्येक इंसान को एक सच्चे व ईमानदार छात्र की तरह हृदय से स्वागत करने की ज़रूरत है और उन्हें सम्पूर्ण जीवन पढ़ाई के अलावा कई छात्रों के जीवन को सच्चाई के मार्ग पर लाने के लिए उनकी अच्छे भाव से सेवा में अर्पित होना चाहिए।
सही राह दिखाने वाले
हमारे गुरु ज्ञान, कौशल और समृद्धि के असलियत के धारक हैं, जिनकी सहायता से वे हमारे जीवन की रूप रेखा बनाते हैं और आने वाले कल के लिए तैयार करते हैं।
शिक्षक सभी के जीवन में ज्ञान की रोशनी फैलाने का काम करते हैं। हमारे शिक्षक हमारी सफलता के पीछे का कारण हैं।
शिक्षक का मान सम्मान
हर वर्ष 5 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती आता है, जिसे पूरा भारत शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस के तौर पर अपना जन्मदिन मनाने का विचार किया था।
कहा जाता है कि उन्हें शिक्षक के पेशे से बहुत प्रेम था। ये शिक्षक हमारे ज्ञान, क्षमता और आत्मनिर्भरता के मुताबिक हमें सच्चाई व नैतिकता का पाठ पढ़ाते हैं। वे सदैव हमें ज़िन्दगी में अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हैं।
छात्रों को बचपन से ही सिख दी जाती है कि हमारे शिक्षक अथवा गुरु को सम्मान देना चाहिए और इसी सम्मान के लिए हर वर्ष मनाते है जिसे सभी बहुत हर्ष और उत्साह के साथ मनाते हैं।
अनोखा संबंध
शिक्षक दिवस विद्यार्थियों के मध्य के संबंधों को मनाने और जताने के लिए एक बहुत बड़ा मौका है। आज के दिन सभी विद्यार्थीयों एवं शिक्षकों के माध्यम से शिक्षा के संस्थानों जैसे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों कई दूसरे संस्थानों में बड़े उमंग और उत्साह के साथ मनाते हैं।शिक्षकों को अपने सफलता और अच्छे भविष्य के लिए सभी लोग शुभकामनाएँ देते हैं।
आज के समय में शिक्षक दिवस की महत्वता बहुत ही अधिक रही है। पढ़ने वाले विद्यार्थी इस दिन बहुत प्रफुल्लित रहते हैं और अपने पसंद के शिक्षकों की इच्छा अनुसार योजना निर्मित करते हैं।
कुछ विद्यार्थी अपने पसंद के शिक्षकों को भेंट देते हैं जैसे, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, किताब आदि। इन सभी उपहारों को अच्छा माना जाता है। हमारे देश में सभी गुरुओं को श्रद्धांजलि और गौरव प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
हम अपने शिक्षकों को उनकी महान नौकरी के जगह पे कुछ भी देना वर्जित है। यह कर्तव्य है कि अपने शिक्षक का हमेशा सम्मानित करना चाहिए और देना चाहिए।
हम सभी को अपने रोजमर्रा के जीवन में अपने शिक्षकों को दिल से आदर और सम्मान देने का ठोस प्रतिज्ञा करनी चाहिए कारण एक सच्चे और नेक विचार के शिक्षक के बग़ैर हम लोग इस दुनिया में अधूरे हैं।
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