एक स्वस्थ व्यक्ति तभी कहलाता है जब वो शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो । स्वस्थ व्यक्ति को कभी भी कोई कार्य में उसको कोई बाधा व अड़चन नहीं आती है । वह अपने हर काम को सफलतापूर्वक निपटा देता है वो हर कार्य को एक मिसाल की तरह पेश करता है।
हम जिस समाज में रहते है उस समाज का भी तभी तरक्की होता है जब वहाँ सभी नागरिक स्वस्थ व स्वच्छ हो । स्वच्छता स्वास्थ का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है । क्योंकि हम तभी स्वस्थ रह सकते है जब पूरी तरह स्वच्छता का पालन करे।
बिना स्वच्छता के हम किसी भी तरह से स्वस्थ नहीं रह सकते है, कई तरह की बीमारियाँ का सामना करना पड़ता है । हम कुछ दिन तक स्वस्थ रहते है परन्तु स्वच्छता न होने की वजह से पुनः बीमार पड़ जाते है।
इसी कारण कहा जाता है जहां स्वच्छता है वही स्वस्थ जीवन है । इसलिए हमें हमेशा स्वस्थ को सही रखने के लिए स्वच्छता को अपनाना जरूरी है।
देखा जाये तो समाज में एक अस्वस्थ व्यक्ति है वो पूरे समाज को अस्वस्थ कर सकता है । परन्तु एक स्वस्थ व्यक्ति पूरे समाज को स्वस्थ नहीं कर सकता है वो सबको प्रेरित कर सकता है स्वस्थ रहने के लिए।
स्वस्थ व अस्वस्थ में अंतर
स्वस्थ व्यक्ति हमेशा कोई भी कार्य तौर तरीके व आसानी से करता है परन्तु वही काम एक अस्वस्थ व्यक्ति को करने में बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
हमारे देश का विकास, उन्नति, समृद्ध शील, सभ्य व संस्कृति का बढ़ोतरी तभी होता है । जब हमारा देश पूरी तरह स्वस्थ हो । इसलिए हमें चाहिए की हमें अपने को स्वस्थ व गतिशील बनाये ताकि किसी भी कार्य को तेजी के साथ किया जा सके।
अगर किसी देश के समाज के नागरिक अस्वस्थ होते है तो उस देश के विकासशील गति धीमी होती है । क्योंकि अस्वस्थ व्यक्ति द्वारा कभी भी कोई कार्य करने में समय लगता है या अन्ततः उससे काम वो हो भी नहीं पाता है । और वो पीछे रह जाता है।
किसी भी देश व समाज की तरक्की तभी संभव होती है जब उस देश के नागरिक पूरी तरह से स्वस्थ होते है । अन्यथा कहा जाता है की जहाँ स्वच्छता नहीं वहाँ स्वस्थ का माहौल कभी हो ही नहीं सकता है, और जहां स्वस्थ नहीं वहाँ विकास नहीं ।
अस्वस्थ व्यक्ति का जीवन एक अभिशाप माना जाता है । क्योंकि अस्वस्थ व्यक्ति हमेशा से देश की विकास व तरक्की में बाधा बना रहता है । उसके वजह से कई लोग और अस्वस्थ नजर आते है बीमारियाँ का प्रसार होता है।
मनुष्य के जीवन में स्वस्थ का महत्व
अगर एक मनुष्य पूरी तरह स्वस्थ रहता है तो उसको धन की कमी नहीं होती है । क्योंकि कहा जाता है की स्वास्थ ही मनुष्य का धन है । अगर आप शारीरिक व मानसिक से पूर्णरूप से स्वस्थ है तो फिर कही भी कोई कार्य करके धन कम सकते है।
मनुष्य के जीवन में स्वस्थ का होना बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है । यदि आप स्वस्थ है तो अपने जीवन का आनन्द हर तरीके से उठा लेंगे।
लेकिन वही एक अस्वस्थ व्यक्ति इन सभी चीजो से वंचित रह जायेगा है । क्योंकि आपके पास अपार धन होते हुए भी अगर आप स्वस्थ नहीं है तो फिर इस चीज का कभी आनन्द नहीं उठा सकते है।
आप अपने जीवन में स्वस्थ की महत्व को इस तरह समझ लीजिये की स्वस्थ होने के नाते गाडी, बंगला, जमीन, जायदाद को अपने इच्छानुसार सब कुछ हासिल कर सकते है । अगर वही स्वस्थ सही नहीं है तो सब बेकार हो जायेगा।
स्वास्थ्य के लिए सरकार द्वारा अभियान
भारत सरकार द्वारा देश को स्वस्थ में सुधार लेन के लिए कई लाभान्वित योजनाएँ दी गयी है । जो नीचे इस प्रकार दिया गया है –
- आयुष्मान भारत राष्ट्रीय योजनाएँ
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना
- एच.आई.वी./एड्स व श्रम जगत पर राष्ट्रीय नीति
- केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना सीजीएचएस
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम(जेएसएसवाई)
- जननी सुरक्षा योजना(जेएसवाई)
- प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए)
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना – पीएमएसएसवाई
- मिशन इंद्रधनुष
- राजीव गांधी किशोरी सशक्तिकरण स्कीम – (सबला)
- राष्ट्रीय आयुष मिशन
- राष्ट्रीय ऑटिज्म, सेरीब्रल पाल्सी, मानसिक मंदबुद्धि तथा बहु-विकलांगता कल्याण ट्र्स्ट अधिनियम 1999
- राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी)
- राष्ट्रीय मुख स्वास्थ्य कार्यक्रम
- राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके)
- रोगियों के लिए सरकारी अनुदान
- स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए दिशा निर्देश
- स्वास्थ्य सेवा संरचना एवं प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना
निष्कर्ष
हमें जीवन में स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है क्योंकि हमारा जीवन अस्वस्थता की वजह से पूरी जिन्दगी बेकार हो जाती है । स्वस्थ होने के पहले खुद को स्वच्छ रखना ज्यादा जरूरी है।
एक व्यक्ति को अपने समाज, गली, मुहल्ले व सार्वजनिक जगहों पर खुले में शौच व गंदगी फैलने से रोकना चाहिए, तभी हमारा देश स्वस्थ हो पायेगा।
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