हम भारतवासी हर साल 26 जनवरी यानि गणतंत्र दिवस के मौके पर बहुत ही उत्साह, गर्व व हर्षौल्लास के साथ मनाते है । ये दिन भारतीय दृष्टिकोण से बहुत ही महत्वपूर्ण होता है हर नागरिक के लिए । हमारे देश का संविधान जिस दिन लागु हुआ उस दिन को ही हम लोग गणतंत्र को मनाया जाता है ।
भारत देश के आजादी के लगभग 3 वर्ष बाद (26 जनवरी,1950) हम लोग एक समप्रभुत्व, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक, गणराज्य बन गये । भारतीय संविधान बनाने में लगा कुल समय २-वर्ष,११-महीना,१८-दिन में हुआ था, जिसमे मौलिक अधिकार से लेकर सभी सुरक्षा अधिकारों का वर्णन है
आज ही के दिन संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया था हमारा संविधान विश्व में सबसे बड़ा और सटीक तरीके से लिखा गया है दिए गये योगदानों में सर्वप्रथम डॉ भीमराव अम्बेडकर जी के साथ अन्य कई महापुरुष जैसे महात्मा गाँधी का भी योगदान था ।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
सन 1947 में 15 अगस्त के दिन जब हमारे भारत देश को पूर्णरूप से आजादी मिली थी, तो उस हमारे देश को चलाने लिए नियम कानून या कहे ले की संविधान की सख्त जरुरत थी । भारत को चलाने के लिए उस तरह की कोई शक्ति विशेष और राजनीतिक तथ्य मौजूद नही थे, जो एक सिरे से देश को अच्छे ढंग से चला सके ।
हालाँकि उस समय सन 1935 में भारत सरकार के अधिनियम के अनुसार मूल रूप से शासन करके चलाने के लिए किया गया था । परन्तु ये अधिनियम औपनिवेशिक शासन की ओर ज्यादे झुकाव था । येही सोच कर हमारे भारत देश तत्कालीन राजनैतिक दल ने ये निर्णय लिया की एक विशेष संविधान बने जो भारत के हित में हो और उसके मार्गदर्शन देश के भविष्य में सुधार हो ।
संविधान के कार्यशैली
संविधान के कार्य को पूरा करने के हमारे महान पुरुष डॉ भीम राव अम्बेडकर जी ने एक संवैधानिक समिति का 28 अगस्त 1947 में नेतृत्व किया और बाद में इसे 4 नवम्बर 1947 को इस संविधान समिति को सभा ने प्रस्तुत किया गया । हालाँकि इसकी प्रक्रिया बहुत ही लम्बी थी इसलिए इसको पूरा होने में पुरे 166 दिन लग गये थे ।
इसके अलावा भी इस समिति के आयोजन में जितने भी सत्र थे वो जनता के लिए भी खुला रखा गया था । इस संविधान में साफ स्पष्ट था की लोगों के उद्देश्यों को संतुलन बनाये रखना था जिसमे सभी भारतीय नागरिक अपने धर्म, संस्कृति, जाति, लिंग इत्यादि से सम्बंधित समान अधिकार पा सके ।
जब इस संविधान की कार्यशैली पूरा हो गयी तो इसे 26 जनवरी 1950 में अधिकारिक तौर पर भारतीय संविधान के रूप में देश के सामने प्रस्तुत किया गया ।
तब से 26 जनवरी को “गणतंत्र दिवस” के रूप में मनाया जाता है | ब्रिटिश शासन का अंत हुआ जिससे सभी भारतवासियों के लिए नया सवेरा का उद्गम हुआ |
गणतंत्र दिवस महापर्व
गणतंत्र दिवस एक महापर्व के रूप में पुरे भारतवर्ष में आदर और सम्मान के साथ तथा सभी धर्मो को एक डोर में बांधने वाली गणतंत्र दिवस को सभी साथ मिलकर एक तिरंगे के नीचे राष्ट्र-गान गा कर देश के विविधता और अखंडता को दर्शाया जाता है, इस महापर्व पर लालकिले से ले कर इंडिया गेट तक का परेड किया जाता है जिसमे भारत के सभी रक्षा और सुरक्षा कर्मियों द्वारा आयोजित किया जाता है|
उस दिन ध्वजारोहण माननीय राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है इस दिन परेड में भाग लेने वाले थल सेना, नवसेना, वायुसेना, द्वारा अद्भुत दृश्य देखा जाता है पुरे भारतवर्ष के साथ – साथ पूरे विश्व की नज़रे भारत के शौर्य और पराक्रम को देखने के लिए टिकी होती है, साथ-हि-साथ भारत के सभी राज्यों के द्वारा झाकियाँ निकाली जाती है जो हर एक राज्य अपनी संप्रभुता और सभ्यता को दर्शाता है|
इसके अलवा विद्यालयों में अपने – अपने तरीके से गणतंत्र दिवस के महापर्व पर रंगारंग कार्यक्रम भी किया जाता है जिसमें सभी विद्यार्थी अपने कला का प्रदर्शन कार्यक्रम द्वारा दर्शाते है जिसमे (गीत,संगीत,नाटक इत्यादी) के तौर पर करते है ।
गणतंत्र दिवस समारोह
हमारे देश में प्रतिवर्ष लोग 26 जनवरी के दिन बड़ी उत्साह व हर्सोल्लास के साथ मनाते है । इस खास दिन के अवसर पर लोगो एक दुसरे के साथ मिलकर बिना धर्म, जाति, भेदभाव को भुलाकर कर एक साथ मनाते है ।
ऐसा कहा जाए तो हमारा भारत देश विविधता में एकता को दर्शाता है । 26 जनवरी के दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस को परेड के साथ मनाया जाता है । इस खास दिवस के परेड में भारतीयता के साथ भारतीय सेना की ताकत और भारत देश की सांस्कृतिक सभ्यता को प्रदर्शित करता है । राष्ट्रगान के बाद 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है ।
इस 26 जनवरी समारोह के दौरान हर राज्य के हर एक शहर में लोग गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रगान किया जाता है उसके बाद हमारे देश के सम्मान में तिरंगे झंडे को फहराया जाता है । इसके बाद ध्वज फहराने के बाद हमारे स्वतन्त्रता सेनानियों को याद करके सलाम किया जाता है, जो देश को आजाद करने के लिए अपनी कुर्बानी दी है ।
यह दिन भारतीय लोगो के लिए बहुत ही गौरव का दिन होता है । इस दिन स्कूलो में बच्चे कार्यक्रम में भाग लेते है वो अपने आदर्श स्वतन्त्रता सेनानियों के रूप उनका रूप धारण करके सबका मह मोह लेते है । कई स्कूलों में जो बच्चे अच्छे प्रदर्शन करते है उनकी सम्मानित किया जाता है ।
26 जनवरी का महत्व
भारत देश में 26 जनवरी के दिन का बहुत ही बड़ा महत्व माना जाता है । सन 1929 में 29 दिसम्बर को लाहौर में कांग्रेस के द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था जो कांग्रेस के अधिवेशन ने पूर्ण स्वराज यानि पूर्ण स्वतंत्रता भारत के आगामी लक्ष्य को देखते हुए घोषित किया गया था ।
उस समय भारत के भविष्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया था की 26 जनवरी के दिन सम्पूर्ण भारत देश स्वराज दिवस के रूप मनाया जाय । तब जाकर 26 जनवरी 1930 को पहली बार स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया गया ।
तब से लेकर सन 1947 तक इसी तरह से मनाया जाता रहा फिर जाकर हमारा भारत देश 15 अगस्त 1947 से स्वंत्रता दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त हो गया ।
हालाँकि 26 जनवरी के दिन भारत को गणराज्य होने की वजह से गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा इसी दिन ही भारत के नये संविधान की घोषणा भी हुआ था ।
निष्कर्ष
हमारे भारत देश में इस गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी को बड़ी ही धूमधाम से और भाई चारे के साथ मनाया जाता है । इस गणतंत्र दिवस के अवसर पर हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते है और सभी नागरिको को देशभक्ति के साथ उसके गौरव को भी प्रदर्शन कर प्रोत्साहित किया जाता है ।
हम लोगो को स्वतंत्रता के संघर्ष को कभी भूलना नही चाहिए जिसको हमारे पूर्वजो ने भाग लेकर देश को आगे बढ़ाने का काम किया । इस हमें जश्न के साथ भारत के भविष्य को और आगे ले जाने में मदद करनी चाहिए ।
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