रेल दुर्घटना पर निबंध । Essay on Train Accident in Hindi

ये ज़िन्दगी जो इंसानों की है किसी खेल से कम नहीं जिसके नियम या तो आसान होते हैं या फिर खतरनाक। लोगों के सफर को खतरनाक बनने के कई कारण होते हैं जिनमें से एक है रेल की दुर्घटना।

यही वह दुर्घटना है जो आये दिन होती रहती है। ज़िन्दगी की इन नाउम्मीद व अचानक हुए हादसों की वजह से लोगों का जीवन एक ही पल में बदल जाता है।

एक घटना मेरी ज़िन्दगी से भी जुड़ी हुई है जो एक ट्रेन हादसे की है जिसे आज भी स्मरण करने पर रोंगटे खड़े हो जाते हैं।

आज कई मार्गों पर रेक की यातयात की आवश्यकता होती जो कई वर्षों से बड़े-बड़े वस्तु को दूर तक पहुंचाने में काम आती है और जिस स्थानों पर आम यातयात की पहुँच नही होती। इन सबके बावजूद रेल मार्गों पर आये दिन सरकारी दवाब ने रेल दुर्घटनाओं की हालातों को हवा दी है।

केवल हमारे देश भारत में हर साल लगभग बीस हजार लोग रेल दुर्घटनाओं से शिकार होकर मर जाते हैं। रेल दुर्घटनाओं की तकनीकी खराबी हो या कोई लापरवाही अक्सर इन्ही कारणों के कारण लोगों के जान जाने की संख्या बढ़ जाती है।

रेल दुर्घटना की मुख्य वजह

कई दफा व्यक्ति लम्बी दूरी की यात्रा करने के लिए  रेल से ही जाना चुनते हैं। ट्रेन की यात्रा एक बहुत ही आनंदमय वाला यात्रा होता है इसके अलावा यह गाड़ी सस्ता साधन भी है परन्तु कुछ लोगों की लापरवाही के कारण  रेल दुर्घटनाओं का शिकार हो जाते हैं।

इन दुर्घटनाओं में शामिल हैं तेज रफ्तार से पटरी पर दौड़ने की वजह से ट्रेन का पटरी पर से उतर जाना, सफर के दौरान रास्ते में कोई अड़चन आ जाना, या फिर कोई तकनीकी खराबी की वजह से ट्रेन का संतुलन बिगड़ना और रेल हादसे हो जाना।

एक खतरनाक दृश्य

हर वर्ष की तरह मैं एक महीने के लिए अपनी मौसी के यहां छुट्टियाँ मनाने पुणे गयी थी। इस यात्रा के बारे में मेरे माता-पिता ने कई हिदायतें देकर मुंबई की ट्रेन से रवाना किया।

जिस डब्बे में मैं थी उसी में दूसरे लोग भी थे जैसे बीवी, बच्चे, बुड्ढे सभी। वहां मजूद मौजूद सभी व्यक्ति के चेहरे पर यात्रा की वजह से एक अलग ही का रौनक था।

ट्रेन में बैठे हुए यात्रियों ने बाते करनी शुरू कर दी और कुछ यात्री अखबार पढ़ने में व्यस्त हो गए, कुछ अपनी ख़िड़कियों से बाहर नज़ारे देखने में तल्लीन हो गए थे।

इस तरह सभी कुछ न कुछ करने में व्यस्त थे। ट्रेन अपनी रफ्तार लिए पटरी पर चल रही थी और इस तरह शाम होने लगी जिसके वजह से अंधेरा घिर रहा था।

ज़िन्दगी के लिए जंग

इसी बिच अचानक से ट्रेन में बैठे यात्रियों ने जोर का धक्का महसूस किया जिसकी वजह से कुछ तो अपनी जगह से नीचे गिर पड़े। धीरे-धीरे सभी यात्रियों और उनके समान भी गिरने लगे। सारे डिब्बे में उथल-पुथल सी मच गयी।

कुछ समय बाद खबर मिली कि पीछे के स्टेशन से हम लोगों की गाड़ी पटरी बदलने के समय सामने से आती हुई तेज रफ्तार की गाड़ी से टकरा गई थी।

हमारी गाड़ी के पिछले हिस्से उस गाड़ी के टकराने की वजह से अलग हो गए। पटरी के दोनों तरफ पूरा शोर हो रहा था। पुलिस और सुरक्षा-दल वहाँ कुछ समय बाद आये और घायल हुए यात्रियों की सहायता करने आगे आये।

निष्कर्ष

सरकार को चाहिए की इस तरह की दुर्घटना पर विशेष ध्यान देना चाहिए । नियमित रूप से रेल के ट्रैक और इंजन सहित सभी डिब्बो को भी जाचं कराते रहना चाहिए । जिससे आगे होने वाले दुर्घटना से बचा जा सके ।

हम लोगो को भी रेल की यात्रा करते समय ध्यान देना चाहिए की सब कुछ सुरक्षित है की नही ।

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