प्रांतीयता का अभिशाप निबंध । Curse of Provincialism Essay in Hindi

प्रांतीयता का अभिशाप निबंधप्रांतीयता, यानी किसी समाज में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक या भाषा आधार पर विभाजन, एक अविकसित समाज के लिए एक महत्वपूर्ण अभिशाप साबित हो सकती है। प्रांतीयता का मतलब होता है कि व्यक्ति या समूह केवल अपने स्वयं के प्रांत, क्षेत्र, धर्म, जाति आदि से संबंधित हों और उनका सोचने तथा काम करने का क्षेत्र भी सीमित रहे। इसका परिणाम होता है कि समाज में सहमति, सद्भावना और सामंजस्य कता की भावना में कमी होती है, जो समाज के विकास और समृद्धि की राह में बड़ी बाधा बन सकती है।

प्रांतीयता के कारण समाज में असमानता, विवाद और असहमति का संदर्भ बढ़ जाता है। व्यक्तिगत और सामाजिक उन्नति की साधना के बजाय, लोग अपने विशिष्ट गुट में बंधने के लिए प्रयासरत रहते हैं जो समाज की प्रगति को रोक सकता है।

इस अभिशाप को पार करने के लिए हमें समाज में सहयोग, समर सता और विविधता की महत्वपूर्णता को समझना होगा। विभिन्न प्रांतों और समूहों के बीच सामंजस्यपूर्ण आदान-प्रदान के माध्यम से हमें एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करने और समाज को समृद्धि की ओर बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। इसके लिए हमें शिक्षा, जागरूकता और सद्भावना को प्रमुख बनाने का प्रयास करना होगा ताकि हम प्रांतीयता के अभिशाप को परास्त कर सकें और एक सशक्त, संघटित और विकसित समाज की दिशा में प्रगति कर सकें।

प्रांतीयता का अर्थ

देश एक शरीर की तरह है, जिसमें प्रांत एक महत्वपूर्ण अंग का रूप रखते हैं। जैसे कि एक व्यक्ति अपने सामाजिक गठन के बाद एक मजबूत इकाई का हिस्सा बन जाता है, उसी प्रकार प्रांत एक देश या राष्ट्र की महत्वपूर्ण और एकत्रित इकाई होते हैं। व्यक्तिगत इकाइयों का समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान होता है, जबकि असंगति और विवाद से समाज की स्थिति अस्थिर हो सकती है। इसी तरह, प्रांतों की असंगति और असमानता की स्थिति में देश या राष्ट्र की आत्मनिर्भरता और समृद्धि की सुरक्षा कम हो सकती है। इसलिए, सामाजिक संगठन और सहयोग से हम समाज की सुरक्षा, विकास और एकता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।

जैसे-जैसे व्यक्तियों की सामूहिकता से समाज की दहाई बढ़ती है, वैसे ही प्रांतों के संगठन और सहयोग से एक देश या राष्ट्र की सुरक्षा, विकास, और अस्तित्व में वृद्धि होती है। इसके बिना, देश की सुरक्षा और स्थायिता का कोई अन्य उपाय नहीं है। यह एक सामान्य बात है कि स्वयं की सुरक्षा के लिए अपनी संगठनात्मकता को बनाए रखना आवश्यक होता है। इन मुद्दों को ध्यान में रखकर सामाजिक समृद्धि और सुरक्षा की दिशा में प्रयत्नशील रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

प्रांतीयता का महत्व 

देश और उसके अंगों की तरह, राष्ट्र और प्रांतों का संबंध भी महत्वपूर्ण होता है। देश की स्थिति प्रांतों के सही सामान्य विकास से ही निर्मित होती है। जैसे शरीर के एक हिस्से में कोई तकलीफ होने पर पूरे शरीर को उसकी असामर्थ्य का अहसास होता है, वैसे ही देश के किसी भी हिस्से में कमी आने पर वह सम्पूर्ण राष्ट्र को प्रभावित करती है। यदि किसी देश के केंद्रित अंश में किसी भी प्रकार की कमियाँ हो, तो यह देश के समूचे के समृद्धि को प्रभावित करती है।

जैसे कि पेट शरीर का केंद्र माना जाता है, वैसे ही एक देश का केंद्र भी उसके समृद्धि और संवृद्धि के मार्ग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर देश के केंद्र में कोई दुर्बलता आए, तो वह देश की सारी प्रांतों को प्रभावित करके उन्हें संघटित और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने में कठिनाई पैदा कर सकता है।

इसलिए, देश और प्रांतों के बीच मिलकर काम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। हालांकि, हमारे देश में हाल कुछ वर्षों से राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण प्रांतीयता की भावना मजबूत हो रही है, जिससे राष्ट्र की शक्ति और एकता पर असर पड़ रहा है। इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए हमें समृद्धि, सामंजस्य और सहयोग के मानवीय मूलों की प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि हम देश की सामर्थ्य और सशक्ति को बढ़ावा दे सकें।

निष्कर्ष

प्रांतीयता का अभिशाप किसी समाज के एकता और समृद्धि की मारक बीमारी है। यह विभाजन का कारण बनती है जो समाज की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक एकता को खतरे में डाल सकता है। प्रांतीयता से उत्पन्न विवाद और द्वंद्व हमारे समाज की प्रगति को रोक सकते हैं, जो अंत में विकास की राह में अड़चन बन सकते हैं।

सामाजिक समृद्धि और सामाजिक अभिवृद्धि के लिए हमें प्रांतीयता को पार करने की दिशा में कदम उठाना होगा। विभिन्न प्रांतों और समूहों के बीच सहयोग और समर सता को बढ़ावा देने से हम समाज के सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित कर सकते हैं। सभी के बीच सद्भावना, सामंजस्य भावना और समर सता को बढ़ावा देने से हम प्रांतीयता के अभिशाप को हर समय के लिए दूर कर सकते हैं और समाज की सशक्ति और एकता की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

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