दोस्तों, हमारे देश में मतदान किसी उत्सव से कम नहीं होता है, लोग बड़ी उत्साह के साथ अपने घर से निकलकर अपने देश के विकास के लिए अच्छे नेता को वोट देते है। जिससे उसका और उसके देश का विकास हो सके। जहां तक प्रत्येक नागरिक को जिम्मेदार होकर सोच समझकर सही नेता का चुनाव करके अपना चुनाव मत देना चाहिए। हर नागरिक को अपना अनमोल वोट देकर देश के निर्माण के लिए सहयोग करना चाहिए।
चुनाव एक लोकतांत्रिक समाज में राजनीतिक सुप्रसिद्धि का आधार होता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें नागरिकों को राजनीतिक नेताओं का चयन करने का अधिकार होता है। चुनाव लोकतंत्र में जनता की सुरक्षित भविष्य की नींव रखता है और राजनीतिक नेताओं को लोगों के हित में निष्पक्ष निर्णय लेने के लिए प्रेरित करता है। चुनाव एक जनमत से मंडित प्रक्रिया है जो एक प्रजातंत्र के लिए जिम्मेदारी पूर्ण और पारदर्शी राजनीतिक व्यवस्था को सुनिश्चित करता है।
हम चुनाव लोकतंत्र को मजबूत बनाने में मदद करते हैं, क्योंकि यह नेताओं को जनता, समाज और देश के हित में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से समाज और देश को प्रगतिशील बनाने के साथ-साथ लोगों को समानता का अधिकार भी प्रदान किया जाता है, जिससे वे अपनी शक्तियों (मत) का उपयोग करके अपने देश का भविष्य निर्धारित करते हैं। चुनाव लोकतंत्र की प्रक्रिया विभिन्न प्रतिनिधित्व के बीच में एक सक्रिय और सामाजिक हितों को महत्व देने वाले प्रतिनिधित्व का चयन करके जनता को देती है।
लोकतंत्र में चुनाव निर्वाचन आयोग का कार्य
- लोकतंत्र में चुनाव राजनीतिक दलों को संचालित करने का काम करते हैं।
- लोकतंत्र में चुनाव जनता को अपना महत्वपूर्ण मत प्रयोग करने के लिए समान अधिकार देते हैं।
- लोकतंत्र में चुनाव संविधान के सिद्धांतों का पालन करते हैं, जिससे विश्वसनीयता, पारदर्शिता और अखंडता को बनाए रखते हैं।
- लोकतंत्र में चुनाव सरकार की तानाशाही पर पूर्ण रूप से नियंत्रण बनाकर एक बहुमत सरकार का गठन करते हैं।
- लोकतंत्र में चुनाव सरकार को जनता के प्रति जवाबदेह और जिम्मेदार बनाते हैं।
चुनाव लोकतांत्रिक देशों के जीवन शक्ति होते हैं, जो लोकतंत्र को संचालित करते हैं। सभी लोकतांत्रिक देश चुनाव को संचालित करने के लिए अपने देशों में एक निर्वाचन आयोग की स्थापना करते हैं, जिसकी भूमिका लोकतंत्र की शानदार और निष्ठा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। इसी तरह, भारत में भी ‘भारतीय निर्वाचन आयोग’ एक बहुत ही महत्वपूर्ण संस्था है, जो चुनाव प्रक्रिया को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से संपन्न करने का ध्येय रखती है।
लोकतंत्र में चुनाव निर्वाचन आयोग की भूमिका
भारतीय निर्वाचन आयोग एक महत्वपूर्ण संविधानिक निकाय है जिसकी स्थापना 1950 में हमारे संविधान के रचनाकारों द्वारा की गई थी। इस निकाय के पास शक्तियां होती हैं जो चुनाव के माध्यम से देश की सरकार और नेताओं को परिवर्तित कर सकती हैं। विशेष रूप से, यह देश में संघ, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
भारतीय निर्वाचन आयोग का महत्वपूर्ण योगदान चुनावों के समय लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनावों के समय होता है। इसके द्वारा चुनाव की प्रक्रिया का संचालन किया जाता है और परिणाम की घोषणा भी इसी निकाय के द्वारा की जाती है। वास्तव में, लोकतंत्र में नेताओं का चयन और देश की प्रगति का मार्ग निर्धारित करने का जिम्मा निर्वाचन आयोग को सौंपा जाता है।
निर्वाचन आयोग को अपने देश के संविधान से अधिकार और शक्ति मिलती है, क्योंकि यह एक संविधानिक निकाय है। इसके द्वारा चुनाव की स्वतंत्रता, निष्पक्षता और नियंत्रण को पूरी तरह से बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है, और इसे भारत के संविधान में ‘अन्नुछेद 324 से 329’ में उल्लेख किया गया है। भारतीय निर्वाचन आयोग चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार के मामलों में अदालत के हस्तक्षेप को निष्क्रिय कर और स्वयं निर्णय करती है।
भारतीय निर्वाचन आयोग की प्रमुख भूमिका चुनाव के समय राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए नियमित दिशा निर्देश प्रदान करना होता है। इसके द्वारा चुनाव चिह्न, चुनाव अभियान, और चुनाव की खर्च विधि का भी निर्धारण किया जाता है। इस निकाय के द्वारा दूसरे लोकतान्त्रिक देशों को भी चुनाव के संचालन प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाता है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है।
निर्वाचन आयोग पर कुछ पंक्तियाँ
- भारतीय निर्वाचन आयोग एक जिम्मेदार संगठन है जो चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से संपन्न करता है।
- यह आयोग चुनाव प्रक्रिया को मतदाताओं के लिए सुखद वातावरण में सम्पन्न करने का ध्येय रखता है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग लोगों को चुनाव से संबंधित जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- यह आयोग राजनीतिक दलों को प्राधिकरण देने के साथ-साथ चुनाव चिन्ह भी वितरित करता है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग चुनाव के दौरान ‘आदर्श आचार संहिता’ का पालन करता है, जिससे किसी भी गलत काम को रोका जा सकता है, और इसे सुनिश्चित किया जाता है कि अधिकारी या नेता अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करते।
- भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव अभियान के खर्च की सीमा भी निर्धारित की जाती है।
- यह आयोग अन्य लोकतान्त्रिक देशों को भी चुनाव के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान करता है, क्योंकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश है।
भारतीय लोकतंत्र में चुनाव के समक्ष चुनौतियां
- भारतीय लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए चुनौतियां हैं, जिन्हें परिणामस्वरूप निपटाना अत्यंत आवश्यक है।
- राजनीति में अस्थिरता के कारण, चुनाव के दौरान धन के अपराधीकरण का खतरा बढ़ जाता है, जो काले धन को चुनाव प्रक्रिया में शामिल कर सकता है।
- चुनाव अभियान में विभिन्न राजनीतिक दल आदर्श आचार संहिता के महत्व का उल्लंघन करते हुए नफरत फैलाने वाले भाषण और मुफ्त उपहारों के वादे करते हैं, जिससे अनुचित चुनाव हो सकता है।
- भारत के चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों को विनियम करने की शक्तियों की कमी है, जिससे उन्हें नियमों का पालन करने में कई बार कठिनाई होती है।
- चुनाव के दौरान EVM की हैकिंग, गलत तरीके से काम करने और मतदाताओं के वोट जमा नहीं करने की घटनाएं नियमित रूप से होती रहती हैं, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर संदेह होता है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग को नैतिकता को सुनिश्चित करने की आवश्यकता है और सक्षम व्यक्तियों को उच्च पदों पर तैनात करने की जरूरत है, ताकि आयोग कार्य पालिका के दबाव में न आकर काम कर सके।
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