आज के समय में सभी व्यक्ति का प्रथम अधिकार उसकी शिक्षा। शिक्षा एक व्यक्ति को ज्ञानी बनाता है, सभी भावनाओं औऱ परिस्थितियों से जूझने की हिम्मत देता है, बड़े से बड़ा कार्य करने के लिए प्रेरणा देता है और नारी का तो अर्थ ही गुनी होता है।
जब वे शिक्षित कहलाएगी तब वे पूर्ण रूप से सर्वगुण सम्पन्न कहलाई जाएगी। प्रत्येक क्षेत्र के लिए शिक्षा एक अहम किरदार निभाता है, नारी का समाज मे शिक्षित होना उस समाज , उस राष्ट्र को गौरव प्रदान करता है। यही नारी पुरुष के बराबर का आदर व सम्मान का हिस्सा बनती है।
अशिक्षा एक अपराध
आज की यह नवीन सदी शिक्षा के माहौल से पूर्ण हो चुका है। जो अब शिक्षित नही उसे यह संसार हर महत्वपूर्ण योगदान स्थान व अधिकार से वंचित करदेती है। इस अशिक्षा के जाल में केवल एक नारी ही फंसती है जो कि एक बड़ा अपराध है।
नारी का मतलब गुणों से भरी स्त्री होता है जो पहले इतना शिक्षित देखना जरूरी नही समझा जाता था। नारियों को पढाई कराने के लिए विद्यालय भेज ने की अनुमति नहीं थी।
महिलाए गलत विचारधारा वाली परंपरा के जंजीरों में कैद थी। यही वजह है कि यह राष्ट्र आज भी शिक्षा के मामले में अन्य लोकतांत्रिक देशों से पीछे है और शायद आगे भी ऐसा ही हाल रहेगा क्योंकि आधी आबादी नही पढ़ रही है ।
नए युग की नारी शिक्षा
आज की छोटी-छोटी बालिकाएं विद्यालय में जाकर शिक्षा ग्रहण करती है, सही और गलत के फर्क का ज्ञान पाती है और देश के तरक्की में भी बहुत योगदान देती है।
सिर्फ एक शिक्षित नारी ही अपने परिवार , भावी युग की होने वाली पीढ़ी और एक समाजिक विकास के लिए सही मार्गदर्शन करती है।
सही मार्गदर्शन नारी के द्वारा
लोग आजकल औरतों के गुणों को जानने की समझ नही रखते। वे यह नही जान पाए कि एक औरत की मार्गदर्शन एक व्यक्ति के लिए किसी परम मित्र से कम नही है। नारी अपनों की बिना किसी स्वार्थ भाव की दिन रात सेवा करने वाली है।
वह एक इंसान को इस दुनिया मे लाने वाली एक रक्षक बनकर तो अपनों की सुरक्षा करने वाली है व धर्म के राभ पर चलने वाली होती है। जो नारी निरक्षर होती है उसे यह दुनिया ज़बरदस्ती की पौराणिक प्रथाओं के जंजीरों में बांधने की कोशिश करती है।
आज़ाद विचारों वाली नारी
आज के युग की औरत किसी भी पर्दा और शर्म के कुप्रथा का शिकार नही है। वे हर नागरिक की भांति कोई भी कार्य , किसी भी प्रकार की ज़िंदगी का चयन कर सकती है।
जो पहले के समय की रीत थी औरतों का परदा करने की वह अब नही मायने रखती कुछ महिलाओं के लिए। आज महिलाएं यदि इस शिक्षा रास्ट्र का हिस्सा है तो इसलिए क्योंकि वे शिक्षित हैं।
एक समान अधिकार
अगर किसी भी युग मे नारियां न होती तो इस युग का संचालन व तालमेल बिगड़ जाता। एक नारी ले बग़ैर यब दुनिया अत्यधिक महत्वहीन कहलाई जाएगी। शिक्षित नारी आज पुरुष के समान “अधिकार” प्राप्त कर सकती है।
नारी शिक्षा से एक बेहतर कल
शिक्षित नारी में आज पुरुष कि शक्ति अधिक रहती है। नारी के शिक्षा से हमारा देश अधिक प्रतिभाशाली व शक्तिशाली वाला देश बन सकता है।
नारी को शिक्षित बनाने से आज देश के बड़े कार्यों का उत्तरदायित्व उनके ऊपर रखा जाता है क्योंकि वे पुरुष से भी बेहतर देश चला सकती है। शिक्षित नारी के कारण ही उनपे उतना अत्याचार और जुल्म नही होता।
निष्कर्ष
भारत रास्ट्र जहाँ पुरुष और महिला दोनों का शिक्षा पर समान अधिकार है वहीं दूसरी ओर हम देखते हैं कि पुरूष औरतों के मुकाबले साक्षरता में काफ़ी आगे है।
एक औरत का अर्थ शक्ति होता है और उसी शक्ति से यह दुनिया सम्पूर्ण होती है।