हिमालय पर निबंध। पर्वत का महत्व । Essay on Himalaya in Hindi

भारत देश में हिमालय की सुन्दरता का एक अलग ही महत्व है । बड़ी – बड़ी चोटियाँ वाला पर्वत देखने में बहुत ही खूबसूरत लगता है । हिमालय का स्थान भी सर्वोपरि रखा गया है प्राकृतिक की विविधता में।

हिमालय सभी पर्वतों का राजा कहलाता है । ये बहुत विशालकाय होता है जिसकी अनेक चोटियाँ होती है । विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवेरट्स है, जिसकी ऊँचाई लगभग 8848 किलोमीटर है जो आसमान को छूता हुआ नजर आता है । हालाँकि कही न कही हिमालय और आसमान का मिलन होता है।

हमारे भारत में ये उत्तर दिशा के तरफ एक श्रृंखला में सजग प्रहारी के स्वरूप में दिखाई पड़ता है । वहाँ की अंक ऐसी सभ्यता है जिसके गोद में बसे गाव व कस्बे (शहर) वहाँ के सभ्यता के साक्षी है जो युगों – युगांतर के रूप में चलती आ रही है।

हिमालय का महत्व

इस हिमालय का महत्व देखे तो ये पुराने आदिकाल से चला रहा है । जो आज के पुराणों व वेदों में वर्णन देखने को मिलता है । माना जाता है की देवों के देव देवाधिदेव महादेव हिमालय के कैलाश पर्वत पर निवास करते है । वर्षों से ऋषि-मुनि ध्यान लगाकर वही की गुफा में रहकर तपस्या करते है।

हिमालय के आँचल में बसा बद्रीनाथ, केदारनाथ, अमर नाथ आदि जैसे भी चार धाम पवित्र स्थल स्थित है । यहाँ के तीर्थ स्थल पर लाखों लोग देश विदेश से दर्शन करने तीर्थयात्रा पर आते है।

कई जगह हिमालय व पर्वतों पर पर्यटक स्थल बनाया है । जहाँ ज्यादातर बर्फ़बारी होती रहती है वहाँ पर भी लाखों की भीड़ में आते है और उस जगह पर बने स्काई डाइविंग, जैसे खेल का लुफ्त उठाते है।

पर्यटक के लिए हिमालय

जहाँ तक पर्वतारोहियों के लिए हिमालय जैसे क्षेत्र वाली जगह से कोई अच्छी जगह हो ही नहीं सकती है । कई ऐसे लोग है जो ऊँचे – ऊँचे पर्वतों पर चढ़कर अपने नाम रिकार्ड दर्ज किया है।

जो भी पर्वतारोहि होते है वो बहुत ही साहसी व मानसिक रूप से काफी मजबूत होते है । हालाँकि की पर्वत या हिमालय पर चढ़ने के लिये कोई प्रशिक्षण केंद्र नहीं है लोग खुद ब खुद प्रशिक्षित होकर चढ़ते है।

वृहद् हिमालय है जो तीनों भागो में फैला होता है जो अधिकतर समय बर्फ से ढका ही रहता है । विश्व में अधिकांश देखा जाये तो सबसे ऊँची चोटियाँ हिमालय में होती है । इसकी ऊंचाई लगभग  6000 मीटर है।

विश्व की सबसे ऊँचा पर्वत चोटी माउंट एवेरट्स के नाम से जाना जाता है जिसकी ऊँचाई 8848 मीटर है । इसे सागरमाथा के नाम से जाना जाता है । इसका मतलब ये पर्वत के सबसे उँचा शिखर है।

बारिश की दृष्टि से हिमालय की महत्वता

हिमालय को देखा जाये तो भारत के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है । यदि भारत के उत्तरी भाग में हिमालय जैसा क्षेत्र नहीं होता तो अधिकांश क्षेत्र मरुभूमि होती है । हिमालय क्षेत्र में बड़ी मात्रा में बारिश होती है क्योंकि जब भी हवाए चलती है तो वो ऊचे पर्वत से टकराकर मानसून बनकर उत्तरी राज्यों में बारिश होती है।

जिसके वजह से उस राज्य के रहने वाले किसान के लिए भरपूर पैदावार किया जाता है । इस राज्यों की सभी नदियाँ बर्षा ऋतु पर ही निर्भर रहती है।हिमालय के शिखर से जब भी प्रातःकालीन सूर्य निकलता है तो उसकी खूबसूरत किरणों से पूरे क्षेत्र के सुशोभित नजर आता है । वहाँ के सभी प्राणी खिल उठते है वहाँ के देवदार, चीड़ जैसे ऊँचे – ऊँचे पेड़ पूरे क्षेत्र की शोभा बढ़ाते है।

हिमालय की ठंड

 हिमालय वाले क्षेत्र में बहुत ही ठंड रहती है क्योंकि वहाँ पर 12 महीने बर्फ पड़ती रहती है । गर्मियों के मौसम में भी ज्यादा गर्मी लगती नहीं है । हिमालय का अर्थ ही होता है पर्वत श्रृंखला, हिम + आलय (हिम का मतलब बर्फ) और आलय का अर्थ पर्वत से होता है।

इस क्षेत्र में रहने वाले लोग अधिकतर भेड़ो का पालन करते है, क्योंकि उनसे ऊन निकला कर उसका ऊनी गर्म वस्त्र बनाकर पहनते व बेचते भी है । हालाँकि और भी व्यापार करते है जैसे लकड़ी, गोद, इत्यादि।

निष्कर्ष

हिमालय हमारी शान है लेकिन हमें इस शान को बनाये रखना चाहिए । आज के समय लोग वनों को नष्ट किया जा रहा है और नदियाँ को गंदा किये जा रहा है । अवैध रूप से जीव जन्तुओ का शिकार किया जा रहा है।

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