विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध। Essay on Student & Politics in Hindi

दोस्तों, अगर देखा जाये तो विद्यार्थियों का राजनीति जीवन हमेशा से विवाद में रहा है । यह एक गंभीर समस्या रहता है एक छात्र के लिए जब उसे ज्ञान अर्जित के साथ राजनीति में विवाद का विषय रहा है । क्योंकि इससे समाज में हमेशा दो वर्गों के द्वारा परस्पर विरोध व्यक्त किया जाता है।

ये दोनों वर्ग अपने द्वारा सही तर्क के श्रेष्ठ होने पर सामान रूप से आश्वस्त होते है । इनका विवाद हमेशा विद्यार्थियों, अध्यापकों, राजनीतिज्ञ तथा विद्यार्थी का समुदायों के साथ अन्य शुभचिंतकों के बीच वाद – विवाद होता रहता है ।  उनके द्वारा कई तरह के भरपूर प्रयास के बावजूद कोई विश्वास व संतोषजनक हल नहीं हो पाया है।

कुछ लोग राजनीति में विद्यार्थियों को भाग लेने पर पुरजोर विरोध करते है । क्योंकि उनके द्वारा राजनीति एक तरह का गंदा खेल के जैसा है, जो इस दलदल में पड़ कर अपना भविष्य ख़राब करते है । इसमें उनके लिए एक स्थायी रूप से शत्रु पैदा पनप जाते है।

विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य

विद्यार्थी का अर्थ ही है की विद्या का प्राप्ति करना । इसका तात्पर्य यह है की छात्र अपने विद्यार्थी जीवन में पूरा समय ज्ञान अर्जित करना और अनुशासन पालन करना होता है । इस विभिन्न प्रकार के ज्ञान विज्ञान की शिक्षा प्राप्त करके अपने जीवन में चौतरफा विकास करना ही मुख्य उद्देश्य होता है।

ये जो विद्यार्थी जीवन होता है यह उसके निर्माण का समय होता है । इस जीवन में उसके शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक विकास के करते हुए उसके आगे जीवन में का रूपरेखा तैयार होता है ।  यह समय हर व्यक्ति का सामाजिक व व्यक्तिगत का निर्माण करना होता है।

विद्यार्थी को अपने जीवन में एक आदर्श नागरिक बनने के लिए अनेक विद्याओं का अर्जित करना परम उद्देश्य होता है । इसके साथ ही राजनीति शास्त्र का अध्ययन के बाद वो राजनीति में अपना कदम बढ़ता है । फिर वह अच्छे व सच्चे नेता की तरह देश की सुंदर भविष्य के लिए अपनी भागीदारी दे सकता है । ऐसे में वह एक सफल नागरिक का कर्तव्य निभाता है।

आज के विद्यार्थी का राजनीति जीवन

आज के समय में विद्यार्थी का भविष्य एक खतरनाक मोड़ पर पहुँच चूका है, जो राजनीति में सक्रियता के साथ भाग ले रहे है । इस वर्तमान समय में देखा जाये तो हर बच्चे को राजनीति में दिलचस्पी बढती जा रही है । मुख्य बात यह है की विद्यार्थी अपना पढाई – लिखाई छोड़ कर राजनीति के चक्कर में पड़ रहे है।

वह अपने मुख्य कर्तव्य से भटक जा रहे है । विद्यार्थी अपने उद्देश्य को भूलकर राजनीति में सक्रिय होने लगा है । बल्कि इस समय उनका मुख्य कर्तव्य है की विद्यालय का अनुशासन पालन करने के साथ ज्ञान का विस्तार करना।

जो उनका अधिकार है की अध्ययन के द्वारा सब प्रकार सुविधाएँ प्राप्त करना है । लेकिन दुर्भाग्य की बात ये है की आजकल विद्यार्थी अपना कर्तव्य भूलकर नागरिक अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ना आरंभ कर दिया है । जबकि उसको इस बात का सम्पूर्ण ज्ञान भी नहीं है की क्या गलत है और क्या सही है।

कुछ नेताओं के चक्कर में पड़कर अपनी पढाई लिखाई छोड़कर सड़कों पर नारे बाजी करने निकल जाते है । जिसके वजह कई सरकारी व निजी कार्यों में देरी देखी जाती है । और इसके वजह से आम लोगों को ही परेशानियाँ झेलनी पड़ती है।

इस समय ऐसा प्रतीत होता है की विद्यार्थी देश का भविष्य बनाने नहीं बल्कि ख़राब करने के लिए निकल पड़े है । ऐसा में राजनीति विद्यार्थियों के जीवन में ज्ञान – विज्ञान के आगे एक रोड़ा बन गया है । जिससे वे उन्नति के मार्ग से भटक गये है और देश के विकास में बाधा बन कर उभर रहे है।

निष्कर्ष

स्वतंत्र देश के विद्यार्थी को अपने देश की उन्नति के लिए ज्ञान की प्राप्ति बहुत जरूरी है । तभी हमारा और हमारे देश का भविष्य सुनहरा होगा । एक विद्यार्थी को अपना कर्तव्य को कभी भी नहीं भूलना चाहिए । हर किसी के लिए राजनीति का समय आता है । जब उस लायक हो जायेंगे तब खुद ब खुद सब सीख जायेंगे।

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