विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध। Essay On Students & Discipline

विद्यार्थी और अनुशासन दोनों एक दुसरे जुड़े है । हमारें विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का सबसे बड़ा महत्व रहता है । क्योकि हमें विद्यार्थी जीवन से जो सीख मिलती है उससे आगे की जीवन में सफलता और नियमो का अच्छे पालन कर पाते है । अनुशासन में रहकर काम करना ये एक अपने आप में सबसे बड़ी उपलब्धि है।

अनुशासन में रहकर हम किसी से भी बात कर सकते है किसी को कोई भी आपति नही होती है, बल्कि उससे हमारी इज्जत बढती है । विद्यार्थी आगे चलकर एक जिम्मेदार नागरिक की तरह अपने देश के लिए काम करते हुए गौरवान्वित महसूस करता है।

अगर विद्यार्थी अपने जीवन में अनुशासन की नही अपनाता है तो उसको कोई भी काम नियमानुसार नही करता है । उससे सफलता हासिल नही होते है, मनुष्य अपने जीवन में सबसे ज्यादा किसी चीज की अहमियत होती है तो वो है अनुशासन । क्योकि उसके अनुशासन से उसकी चरित्र की पहचान होती है।

अनुशासन की महत्वता 

हमेशा अनुशासन में रहकर चलने वाले विद्यार्थी सदैव परिश्रमी होता है, वो नियमित रूप से स्कूल जाता है अपना समय – समय पर पढाई करता है । स्कूल में शिक्षक द्वारा की गयी हर बात का पालन करता है । वो अपना होमवर्क या बुक वर्क सब समय से करता है।

शिक्षक द्वारा कही गई हर बातो को ध्यान से सुनता है । जो कोई भी काम की शुरुवात करता है उसको समाप्त करने की चेष्टा करता है । उसका यही सब गुण उसके जीवन को सफल बनाते है।

अनुशासन में रहकर काम करने वाले विद्यार्थी एक दिन आगे चलकर अपने देश नाम रौशन करता है । ऐसे व्यक्ति अपनी पूरी जिंदगी अनुशासन में रहकर सारे कार्य करता है । ताकि उसे कोई भला बुरा न कह सके, उसके चरित्र पर दाग न लगे । देश नागरिक होने का कारण वो जागरूक और जिम्मेदारी को समझता है।

कारण और हानि

आजकल देखा जाता है जो विद्यार्थी अपना जीवन में अनुशासन का पालन नही करते है, और अपने रास्ते से भटक जाते है तो उनके पर कई सारे दुस्प्रभाव पड़ते है, परीक्षा में असफल होना, कोई भी काम में मन नही लगना, इर्ष्या करना, लालच और घृणा करना ये सब आदते उनके अन्दर आ जाती है और उनका भविष्य बुराइयों के अधीन और अंधकारमय हो जाता है।

अक्सर देखा जाता है की विद्यार्थी पुरे साल पढाई नही करते है और परीक्षा आने पर वो नक़ल के भरोसे रहते है ये सब अनुशासनहीनता के कारण होता है । क्योकि आज के जीवन में विद्यार्थी ज्यादे मोबाइल में ब्यस्त रहते है समय का धयान नही देते है।

असामजिक कामो में ज्यादे व्यस्त रहना, माता-पिता को कष्ट देना, शिक्षक की बातो को नही सुनना, बड़ो का बात नही मानना, अपने भविष्य को लेकर चिंतित न होना, इत्यादि । इनके बुरे कार्य आगे भी देश को नुकसान पहुंचाते है।

उपाय

इसका एक ही उपाय अपने जीवन को अनुशासन के साथ – साथ आगे बढ़ाना । अपनी कक्षा में शिक्षक द्वारा कही गई बातो पर गौर करना, उनपर अमल करना । नियमित रूप से स्कूल जाना और नियमित रूप से अपना वर्क पूरा करना और उसका अध्ययन करना उसके साथ में खेल कूद, गीत-संगीत, स्काउट गाइड, एन. सी. सी. और नैतिकता पर भी ध्यान देना चाहिए।

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